कुम्भ लग्न के अष्टम भाव में स्थित चन्द्रमा के फल
Jyotish Sagar|January 2023
कैसे करें सटीक फलादेश (भाग-186)
कुम्भ लग्न के अष्टम भाव में स्थित चन्द्रमा के फल

प्रस्तुत लेखमाला 'कैसे करें सटीक फलादेश?' के अन्तर्गत विभिन्न भावों में सूर्यादि नवग्रहों के भावगत, राशिगत, नक्षत्रगत, युति एवं दृष्टिजन्य फलों का सोदाहरण वर्णन किया जा रहा है। विगतांक में कुम्भ लग्न के अष्टम भाव में स्थित सूर्य के फलों का वर्णन किया गया था। अब प्रस्तुत आलेख में चन्द्रमा के फलों का सोदाहरण वर्णन कर रहे हैं।

कुम्भ लग्न के अष्टम भाव में स्थित चन्द्रमा के फल

कुम्भ लग्न में चन्द्रमा चतुर्थेश होकर अकारक होता है। अष्टम भाव में उसकी स्थिति नैसर्गिक रूप से भले ही शुभ नहीं मानी जाती, परन्तु षष्ठेश का अष्टम में होना 'विपरीत राजयोग' बनाता है। कालिदास ने इसे विशेष रूप से उल्लिखित किया है। मन्त्रेश्वर ने इसे 'हर्ष योग' कहा है। दूसरी ओर यह रिश्तों के सम्बन्ध शुभ नहीं है, विशेषकर जीवनसाथी के साथ रिश्तों में में। षष्ठेश सप्तम भाव मके व्यय भाव का स्वामी होने के कारण वैवाहिक सुख में कमी कारक है। इसकी अन्तर्दशा- प्रत्यन्तर्दशा में जातक को वैवाहिक सुख में कमी का अनुभव होता है। अष्टमस्थ षष्ठेश डिवोर्स का कारण भी अपनी दशा में बनता है। चन्द्रमा की अष्टम भावगत स्थिति स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभ नहीं मानी जाती। यहाँ स्थित चन्द्रमा मनोरोगों के प्रति जातक को संवेदनशील बनाता है और यदि चन्द्रमा किसी पापग्रह से पीड़ित हो, तो अपनी दशा में जातक को एंजाइटी, डिप्रेशन एवं अन्य मनोरोग प्रदान कर सकता है। अष्टम भावस्थ चन्द्रमा जातक को इमोशनल है और उसके प्रभाव से जातक शीघ्र ही आवेश में आने वाला अथवा कई बार आत्महत्या जैसे गलत कदम उठाने वाला भी हो सकता है। अष्टमस्थ चन्द्रमा मौसमजनित रोगों के प्रति संवेदनशील भी बनाता है। बचपन में ऐसा जातक मौसम परिवर्तन के समय सामान्यत: रुग्ण होता है।

अष्टम भाव में चन्द्रमा की उपस्थिति नैसर्गिक रूप से मातृसुख में कमी करती है। माता बीमार हो सकती है अथवा जातक को अपनी माता से दूर रहना पड़ता है। यह देखा गया है कि ऐसा जातक बचपन में ही बोर्डिंग स्कूल, होस्टल आदि में रहकर अपने माता-पिता से दूर चला जाता है। वैसे भी यह माता के हित में है कि जातक उनसे दूर रहे, अन्यथा जातक की माता रोग आदि से पीड़ित हो सकती हैं। कुछ मामलों में अष्टमस्थ चन्द्रमा माता-पिता के मध्य डिवोर्स का कारण भी बनता दिखाई दिया।

هذه القصة مأخوذة من طبعة January 2023 من Jyotish Sagar.

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