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يحاول ذهب - حر

धामी के चुनावी कौशल से धराशाई कांग्रेस

December 2024

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DASTAKTIMES

केदारनाथ सीट उपचुनाव को लेकर भाजपा ने तीन माह पहले से ही जबरदस्त तैयारी की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद इस सीट को फिर से भाजपा की झोली में डालने के लिए पूरी कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी। उन्होंने दो बार बाइक रैली समेत आधा दर्जन से अधिक जनसभाएं भी कीं। इसका फायदा भी भाजपा को मिला। इस सीट की जीत से कार्यकर्ताओं में जो जबरदस्त उत्साह बना, उससे पार्टी को आगामी निकाय व पंचायत चुनाव के लिए बूस्टर डोज मिला है।

- रामकुमार सिंह

धामी के चुनावी कौशल से धराशाई कांग्रेस

बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद केदारनाथ सीट उपचुनाव को लेकर भाजपा की बड़ी चिंता थी। इसी कारण भाजपा ने तीन माह पहले से ही जबरदस्त तैयारी की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस सीट को फिर से भाजपा की झोली में डालने के लिए पूरी कमान अपने हाथ में ले ली और दो बार बाइक रैली समेत आधा दर्जन से अधिक जनसभाएं भी की। इसका फायदा भी भाजपा को मिला। भाजपा सरकार पर भले ही इस सीट की हार या जीत से फर्क न पड़े लेकिन कार्यकर्ताओं में जो जबरदस्त उत्साह बना, उससे पार्टी को आगामी निकाय व पंचायत चुनाव के लिए बूस्टर डोज मिला है। इस जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह के कारण अब पार्टी को एक नया मंत्र भी मिल गया है कि कांग्रेस की घेराबंदी वाली सीटों को किस प्रकार से जीता जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने केदारनाथ विधानसभा सीट पर अपना वर्चस्व बनाए रखा। सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, दोनों के लिए यह उपचुनाव नाक का सवाल बन गया था। उपचुनाव के लिए बिछाई गई बिसात पर संगठन से लेकर सरकार के स्तर पर सधी चाल चलकर भाजपा ने विपक्ष की मजबूत घेराबंदी को ध्वस्त कर दिया। तीन महीने पहले बदरीनाथ सीट पर मिली सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने इस उपचुनाव में भी पूरी शक्ति झोंकी, लेकिन गुटीय खींचतान की पुरानी समस्या भारी पड़ी और विजय पाने की कांग्रेस की आस अधूरी रह गई।

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