![क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स](https://cdn.magzter.com/1338807038/1716362933/articles/ft2Xmb7cS1716372983623/1716373226448.jpg)
फेमस यूट्यूबर व एक्स्प्लैनर ध्रुव राठी के वीडियो 'हाउ मिलियंस औफ इंडियंस वेयर ब्रेनवाश्ड' को 30 अप्रैल को यह रिपोर्ट लिखे जाने तक करीबन 16 मिलियन यानी 1 करोड़ 60 लाख व्यूज मिल चुके हैं. वहीं, पत्रकार रवीश कुमार के लगभग हर वीडियो को शुरुआती दोतीन दिनों में 20 लाख से अधिक व्यूज मिल जाते हैं.
इन दोनों यूट्यूबरों के कंटैंट अकसर सरकारी नीतियों के विरोध में होते हैं. इन के अलावा श्याम मीरा सिंह, कुनाल कामरा, वरुण ग्रोवर जैसे यूट्यूबर भी यही काम कर रहे हैं यानी एंटीएस्टैब्लिशमैंट कंटैंट अपने चैनल पर दे रहे हैं.
इतनी बड़ी संख्या में इंटरनैट पर इन यूट्यूब इन्फ्लुएंसरों को देखा जाना इस बात की तरफ साफ इशारा करता है कि देश का एक बड़ा सैक्शन ऐसा है जो सरकार की नीतियों से खुश नहीं है और चाहता है कि चीजें बदलें. अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार खुद अपने खिलाफ इंटरनैट से आ रही आवाज को ऐड्रैस न करती और एक हद तक अपने पक्ष के इन्फ्लुएंसर्स को अवार्ड न बांटती.
नकारे टीवी न्यूज चैनल्स
टीवी न्यूज चैनल्स आम लोगों की आवाज बिलकुल नहीं उठा रहे हैं. सुबह से शाम तक इन का काम सरकार, खासकर प्रधानमंत्री मोदी के हर सहीगलत फैसले की तारीफ करना रह गया है. सवाल यह कि टीवी से हट कर यही चीज लोग 250 रुपए का इंटरनैट डलवा कर भी क्यों देखें. और टीवी पर सरकार की तारीफों का इतना ओवरलोड है कि लोग भी उकता चुके हैं. यही कारण है कि सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका, खासकर युवा, शिफ्ट हुआ है जो अपनी रोजमर्रा की समस्याओं को देखना/जानना चाहता है.
यूट्यूब इंस्टाग्राम और एक्स (टिवटर) जैसे प्लैटफौर्म अब केवल एंटरटेनमैंट के लिए नहीं रह गए हैं बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के बारे में गौसिप्स करने के लिए बड़े प्लेटफोर्म भी बन चुके हैं. युवा, खासकर जो आज बेरोजगारी और हताशा की मार झेल रहे हैं, को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा और सरकार विरोधी कंटैंट देख कर खुद को संतुष्टि दे रहे हैं. वे खुद घबरा रहे हैं सवाल करने से इसलिए ऐसे यूट्यूबरों के बिहाफ पर खुद को संतुष्टि दे रहे हैं कि चलो, कोई तो सवाल कर रहा है.
युवाओं में रोष
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 2024 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 2024 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
![वायरल रील्स](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/01uDcMhnL1716375077476/1716375304879.jpg)
वायरल रील्स
सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ नया ट्रैंड होता रहता है. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी हरकतों से वायरल हो जाते हैं.
![आयुषी खुराना - हौट लुक के सहारे](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/_tas7w5yq1716374648999/1716374996921.jpg)
आयुषी खुराना - हौट लुक के सहारे
अभिनेत्री आयुषी खुराना बचपन से नृत्यकला से जुड़ी रही हैं. हालांकि वे शुरू में कोरियोग्राफी करने की इच्छा रखती थीं लेकिन जीवन ने उन के लिए अलग योजनाएं बनाईं, जिस से वे एक अभिनेत्री बन गईं.
![इन्फ्लुएंसर्स करते पौयजनस फूड का प्रचार लोग होते बीमार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/ykBvqmu9_1716374451428/1716374647009.jpg)
इन्फ्लुएंसर्स करते पौयजनस फूड का प्रचार लोग होते बीमार
सोशल मीडिया पर ऐसे फूड व्लौगर धड़ल्ले से आ गए हैं जो व्यूज पाने के लिए जहांतहां कैमरा उठा कर निकल पड़ते हैं और ऐसे खाने के रैस्टोरैंटों, दुकानों, गुमटियों को ढूंढ़ते हैं जो अपने खाने में अजीबोगरीब एक्सपैरिमैंट करते हों.
![भगत सिंह का लव कन्फैशन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/cmHph7_6X1716374296536/1716374450303.jpg)
भगत सिंह का लव कन्फैशन
भगत सिंह ने सुखदेव को पत्र लिखा जिस में प्रेम का जिक्र है. उन के लिए प्रेम का अर्थ क्या था, यह आज रील्स में डूबे युवा कितना जान पाएंगे.
![वर्चुअल रियलिटी - झूठी दुनिया का सच](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/jk9HwCYtn1716374087294/1716374295073.jpg)
वर्चुअल रियलिटी - झूठी दुनिया का सच
वर्चुअल रियलिटी ऐसी दुनिया में ले कर जाता है जो असल नहीं है लेकिन यह कितना इफैक्टिव है, यह इस के योगदान से समझा जा सकता है. वीआर आज हर जगह अपने कदम बढ़ा रहा है. माना जा रहा है कि यह भविष्य को आकार देने में भूमिका निभाएगा.
![नोरा फतेही - आइटम डांस गर्ल का ग्लैम कब तक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/uthQt9uBe1716373861060/1716374087561.jpg)
नोरा फतेही - आइटम डांस गर्ल का ग्लैम कब तक
नोरा फतेही का कैरियर अभी तक अपने डांस और आइटम नंबरों पर ही बेस्ड रहा है. ऐक्टिंग में उन्हें सीमित भूमिकाएं ही मिली हैं. ऐक्टिंग के लिए उन्हें रखा भी नहीं जाता. शो पीस जैसी दिखाई देती हैं वे. लुक्स और ग्लैमर पर निर्भर उन का कैरियर बौलीवुड में अपने पैर नहीं जमा सकता.
![सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/LUkxzetZQ1716373666250/1716373858933.jpg)
सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां
सोशल मीडिया पर धर्मप्रचारकों व कथावाचकों की रील्स खूब ठेली व देखी जाती हैं. इन कथावाचकों की अधिकतर टिप्पणियां युवतियों व महिलाओं पर होती हैं. यह नैतिक शिक्षा के नाम पर समाज को सैकड़ों साल पीछे धकेलने की साजिश है.
![प्रोजैक्टर्स पढ़ाई और काम के लिए](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/OQl1MVUVB1716373501143/1716373664440.jpg)
प्रोजैक्टर्स पढ़ाई और काम के लिए
प्रोजैक्टर एक छोटी सी डिवाइस है जिस की हैल्प से आप परदे की एक बड़ी स्क्रीन तैयार कर सकते हैं. प्रोजैक्टर हाई रिजोल्यूशन पिक्चर क्वालिटी देता है. इस का इस्तेमाल करना बड़ी आसानी से सीखा जा सकता है. कोई भी इस का इस्तेमाल घर या औफिस और क्लास में आसानी से कर सकता है. बाजार में ये हर क्वालिटी और कीमत में मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार खरीद सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रोजैक्टर्स के बारे में जो बाजार में मौजूद हैं.
![डिजिटलीकरण के दौर में गायब हुए नुक्कड़ नाटक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/YwiB6hDZ71716373227903/1716373428708.jpg)
डिजिटलीकरण के दौर में गायब हुए नुक्कड़ नाटक
एनएसडी और एफटीआईआई जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र भी अब बड़ेबड़े घरानों से आने लगे हैं. यहां सरकार का दखल भी बढ़ गया है. छात्र अब नुक्कड़ नाटकों में दिलचस्पी नहीं दिखाते.
![क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/870/1707705/ft2Xmb7cS1716372983623/1716373226448.jpg)
क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स
सोशल मीडिया पर सरकार का समर्थन करने वाले क्रिएटर्स से अधिक वे क्रिएटर्स देखे जा रहे हैं जो या तो सरकार की नीति का खुल कर विरोध कर रहे हैं या बैलेंस्ड कंटैंट दे रहे हैं. ध्रुव राठी, रवीश कुमार, आकाश बनर्जी, श्याम मीरा ऐसे तमाम नाम हैं जिन की व्यूअरशिप काफी है.