दीवाली के महापर्व को उत्सव के तौर पर हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यह पर्व ज्यादातर लोगों को इसलिए भी पसंद है क्योंकि इस में 5 दिन उत्सव जैसे होते हैं. इस दौरान पूरे घर में चहलपहल रहती है. दीवाली के मौके पर हर कोई चाहता है कि वह कुछ ऐसा पहने कि दूसरों से अलग और आकर्षक दिखे.
खासकर लड़कियां दीवाली में रूप की रोशनी में नहाई नजर आना चाहती हैं. अपने चेहरे के साथसाथ पहनावे में भी एक नूर और कशिश का अंदाज दिखाना चाहती हैं. यह कुछ गलत भी नहीं. उत्सव के माहौल में हर कोई अपना बैस्ट लुक पाना चाहता है. कुछ लोगों के दिल में यह सवाल जरूर आता है कि इन दिनों मौडर्न ड्रैसेस पहनी जाए या ट्रैडिशनल.
देखा जाए तो दीवाली में ट्रैडिशनल लुक ही ज्यादा अच्छा लगता है. मगर मौडर्न कालेज गोंइग लड़केलड़कियों के लिए ट्रैडिशनल कपड़े संभालना आसान नहीं होता. ऐसे में आप ट्रैडिशनल पहनावे में मौडर्न लुक का तड़का दे सकते हैं. आइए जानते हैं कैसा हो आप का फैस्टिवल लुक-
लड़कियों का पहनावा
ट्रैडिशनल ड्रैस को मौडर्न तरीके से करें कैरी : अगर आप दीवाली में पारंपरिक ड्रैस तो पहनना चाहती हैं लेकिन उस में एक मौडर्न लुक का तड़का भी चाहती हैं तो थोड़े से एक्सपैरिमैंट्स करें क्योंकि पारंपरिक कपड़ों को यदि अलग तरीके से पहना जाए तो आप का व्यक्तित्व और निखर कर आता है.
साड़ी के साथ पहनें बैल्ट
त्योहारों के मौके पर साड़ी हर महिला की पहली पसंद होती है. यह लड़कियों द्वारा भी पसंद की जाती है. खुले बालों और आकर्षक साड़ी में बेहतरीन स्मार्ट लुक के लिए बैल्ट ट्राई करें. आप अपने लुक के अनुसार थिक या थिन बैल्ट चुन सकती हैं. साड़ी के साथ मैचिंग फैब्रिक व प्रिंट की बैल्ट भी काफी अच्छी लगती हैं. अगर आप दीवाली पार्टी के लिए तैयार हो रही हैं और थोड़ा हैवी लुक क्रिएट करना चाहती हैं तो ऐसे में एंब्रोयडिड बैल्ट भी पहनी जा सकती है.
साड़ी के साथ क्रौप टौप
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 2022 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة October 2022 من Mukta.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
वायरल रील्स
सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ नया ट्रैंड होता रहता है. ऐसे कई लोग हैं जो अपनी हरकतों से वायरल हो जाते हैं.
आयुषी खुराना - हौट लुक के सहारे
अभिनेत्री आयुषी खुराना बचपन से नृत्यकला से जुड़ी रही हैं. हालांकि वे शुरू में कोरियोग्राफी करने की इच्छा रखती थीं लेकिन जीवन ने उन के लिए अलग योजनाएं बनाईं, जिस से वे एक अभिनेत्री बन गईं.
इन्फ्लुएंसर्स करते पौयजनस फूड का प्रचार लोग होते बीमार
सोशल मीडिया पर ऐसे फूड व्लौगर धड़ल्ले से आ गए हैं जो व्यूज पाने के लिए जहांतहां कैमरा उठा कर निकल पड़ते हैं और ऐसे खाने के रैस्टोरैंटों, दुकानों, गुमटियों को ढूंढ़ते हैं जो अपने खाने में अजीबोगरीब एक्सपैरिमैंट करते हों.
भगत सिंह का लव कन्फैशन
भगत सिंह ने सुखदेव को पत्र लिखा जिस में प्रेम का जिक्र है. उन के लिए प्रेम का अर्थ क्या था, यह आज रील्स में डूबे युवा कितना जान पाएंगे.
वर्चुअल रियलिटी - झूठी दुनिया का सच
वर्चुअल रियलिटी ऐसी दुनिया में ले कर जाता है जो असल नहीं है लेकिन यह कितना इफैक्टिव है, यह इस के योगदान से समझा जा सकता है. वीआर आज हर जगह अपने कदम बढ़ा रहा है. माना जा रहा है कि यह भविष्य को आकार देने में भूमिका निभाएगा.
नोरा फतेही - आइटम डांस गर्ल का ग्लैम कब तक
नोरा फतेही का कैरियर अभी तक अपने डांस और आइटम नंबरों पर ही बेस्ड रहा है. ऐक्टिंग में उन्हें सीमित भूमिकाएं ही मिली हैं. ऐक्टिंग के लिए उन्हें रखा भी नहीं जाता. शो पीस जैसी दिखाई देती हैं वे. लुक्स और ग्लैमर पर निर्भर उन का कैरियर बौलीवुड में अपने पैर नहीं जमा सकता.
सोशल मीडिया में धर्मप्रचारकों के टारगेट में युवतियां
सोशल मीडिया पर धर्मप्रचारकों व कथावाचकों की रील्स खूब ठेली व देखी जाती हैं. इन कथावाचकों की अधिकतर टिप्पणियां युवतियों व महिलाओं पर होती हैं. यह नैतिक शिक्षा के नाम पर समाज को सैकड़ों साल पीछे धकेलने की साजिश है.
प्रोजैक्टर्स पढ़ाई और काम के लिए
प्रोजैक्टर एक छोटी सी डिवाइस है जिस की हैल्प से आप परदे की एक बड़ी स्क्रीन तैयार कर सकते हैं. प्रोजैक्टर हाई रिजोल्यूशन पिक्चर क्वालिटी देता है. इस का इस्तेमाल करना बड़ी आसानी से सीखा जा सकता है. कोई भी इस का इस्तेमाल घर या औफिस और क्लास में आसानी से कर सकता है. बाजार में ये हर क्वालिटी और कीमत में मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी सहूलियत के अनुसार खरीद सकते हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रोजैक्टर्स के बारे में जो बाजार में मौजूद हैं.
डिजिटलीकरण के दौर में गायब हुए नुक्कड़ नाटक
एनएसडी और एफटीआईआई जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र भी अब बड़ेबड़े घरानों से आने लगे हैं. यहां सरकार का दखल भी बढ़ गया है. छात्र अब नुक्कड़ नाटकों में दिलचस्पी नहीं दिखाते.
क्यों हाइप पर हैं एंटीएस्टैब्लिशमेंट कंटैंट क्रिएटर्स
सोशल मीडिया पर सरकार का समर्थन करने वाले क्रिएटर्स से अधिक वे क्रिएटर्स देखे जा रहे हैं जो या तो सरकार की नीति का खुल कर विरोध कर रहे हैं या बैलेंस्ड कंटैंट दे रहे हैं. ध्रुव राठी, रवीश कुमार, आकाश बनर्जी, श्याम मीरा ऐसे तमाम नाम हैं जिन की व्यूअरशिप काफी है.