استمتع بـUnlimited مع Magzter GOLD

استمتع بـUnlimited مع Magzter GOLD

احصل على وصول غير محدود إلى أكثر من 9000 مجلة وصحيفة وقصة مميزة مقابل

$149.99
 
$74.99/سنة
The Perfect Holiday Gift Gift Now

स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा

January 2024

|

Sadhana Path

जिन्हें आज पूरा विश्व स्वामी विवेकानंद के नाम से जानता है उनका वास्तविक एवं बचपन का नाम नरेंद्र था। नरेंद्र से हुए विवेकानंद एवं विवेकानंद से हुए स्वामी विवेकानंद के पीछे भी एक दिलचस्प घटना एवं लंबी यात्रा है।

- नीलम

स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा

12 जनवरी, 1863 ई. में कलकत्ता के एक संपन्न परिवार में विवेकानंद जन्म हुआ। पिता 'विश्वनाथ दत्त' एक प्रसिद्ध वकील थे। माता भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं।

माता जी रात्रि में उन्हें जब रामायण की कहानियां सुनाती तो वे हनुमान जी की बहुत प्रशंसा करते साथ ही भगवान शिव को अपना आराध्य मानते और अक्सर अपनी मां से हंसकर कहते, 'मां मैं शिव हूं।' उनकी बातें सुन मां मन ही मन डरती और सोचने लगती कि कहीं ये भी अपने दादा जी की तरह संन्यासी ना हो जाए। उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि बचपन से ही वो अपने से छोटे ही नहीं बड़े बच्चों का भी नेतृत्व किया करते थे, इनसे बड़े बच्चे भी इन्हें अपना नेता कहने में नहीं झिझकते थे। घर के खुले वातावरण ने नरेंद्र की बहुमुखी प्रतिभा को उभारने में पूरा योगदान दिया। नरेंद्र स्वभाव से ही दानशील थे। द्वार पर आए किसी भी साधु को खाली हाथ लौटाना उन्हें नहीं भाता था। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के होने के कारण नरेंद्र सदैव अध्यापकों के चहेते शिष्य रहे। अध्यापकों ने कई बार देखा कि वे एक ही समय में दो विपरीत मनोदशा वाले कार्य भी सहजतापूर्वक कर लेते थे। तैराकी, घुड़दौड़, खेल-कूद के अलावा वे वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भी उत्साहपूर्वक भाग लेते।

नरेंद्र ने संगीत के प्रति रुचि विरासत में पाई थी। उन्होंने निरंतर पठन-पाठन से मस्तिष्क की शक्ति का इतना विकास कर लिया था कि वह पृष्ठ की प्रथम और अंतिम पंक्ति पढ़ कर ही लेखक का आशय जान लेते थे। इस विषय में वे स्वयं लिखते हैं- जब कहीं लेखक वाद-विवाद के द्वारा अपनी बात के स्पष्टीकरण के लिए चार-पांच पृष्ठ या इससे भी अधिक पृष्ठ ले लेता, वहां मैं कुछ पंक्तियों को पढ़ कर ही उनके तर्क के झुकाव को समझ लेता।

नटरबट बालक नरेन्द्रनाथ

धीरे-धीरे बालक नरेन्द्रनाथ कुछ बड़े हुए, तो उनका नटखटपन बढ़ता गया। प्रारंभ में उनका यह गुण बालसुलभ चपलता समझा गया, किंतु अवस्था बढ़ने के साथ-साथ उनका नटखटपन उद्दण्डता में बदलता गया। नरेन्द्र पर भय या डांट-फटकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता था।

المزيد من القصص من Sadhana Path

Sadhana Path

Sadhana Path

ओशो शब्दों के सम्राट हैं

पहली बात तो ओशो एक विचारक हैं, महान विचारक। जो किसी धर्म से नहीं विचारों से जुड़ा रहा। विचारों से जुड़ने का मतलब है सत्य से जुड़ना। जो सत्य से जुड़ता है सब उसके दुश्मन हो जाते हैं, यही कारण था कि ओशो के इतने दुश्मन पैदा हुए। ओशो के साथ बस एक दिक्कत रही कि 99 प्रतिशत वह लोग उनके खिलाफ रहे जिन्होंने उन्हें न कभी सुना है, न ही कभी पढ़ा है।

time to read

3 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

अद्भुत बौद्धिक क्षमता से युक्त व्यक्ति

मेरी दृष्टि में ओशो अपने समय के सबसे ज्यादा बौद्धिक क्षमता से युक्त व्यक्ति थे जिनमें ज्ञान और विज्ञान को अपने तर्कों के माध्यम से प्रस्तुत करने की अद्भुत क्षमता थी। आप उनसे सहमत हो या न हो वो अलग बात है। मेरी नजर में उन जैसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है।

time to read

1 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

काल की शिला पर अमिट हस्ताक्षर हैं ओशो

जब हम किसी भी व्यक्तित्व के बारे में सोचते हैं तो विचारों में सबसे पहले उसकी आकृति उभरती है। ऐसे ही ओशो के बारे में सोचते ही एक चित्र उभरता है, ओशो की घनी दाढ़ी, उन्नत भाल, समुद्र सी गहराई और बाज-सी तीक्ष्ण दृष्टि वाला उनका व्यक्तित्व एक ऐसा आभा मंडल रचता है, कि हम जैसे लोग जिन्होंने उन्हें सिर्फ फोटो में देखा है, उन्हें पढ़ने या सुनने के लिए विवश हो जाते हैं। ओशो की आवाज, वाणी, उनके शब्द, भाषा शैली, अभिव्यक्ति एवं वक्तव्य की बात करूं तो वह अद्वितीय है।

time to read

1 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय

नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।

time to read

3 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

बुद्ध के गुणों का पावन संदेश

जोव्यक्ति बुद्ध होता है, वह सम्यक संबोधि हासिल कर लेता है, वह अनन्त गुणों से भर जाता है। उसके गुणों का ध्यान करते-करते धर्म उजागर होने लगता है। ऐसे में बुद्ध के गुणों का वर्णन करने वाले एक-एक शब्द को समझना आवश्यक है। जो इस प्रकार है-

time to read

5 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

इस सदी का चमत्कार हैं ओशो

ओशो से मेरा परिचय धर्मयुग के कारण हुआ उसमें उनके लेख, साक्षात्कार छपते थे। और मेरे कॉर्टून जिसमें मेरा डब्बू जी के नाम से एक कॉलम आता था, जिसे ओशो बहुत पसंद करते थे, यहां तक कि वह अपने प्रवचनों के बीच संन्यासियों को हंसाने के लिए उस पत्रिका को हाथ में लेते और कहते 'देखते हैं इस हफ्ते डब्बू जी क्या कहते हैं' और सबको उसमें से कोई लतीफा सुनाते थे। मैंने ओशो को खूब पढ़ा है। मैं उनके प्रवचनों से बहुत प्रभावित रहा हूं।

time to read

2 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

सर्दियों में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के अचूक उपाय

सर्दियों के दस्तक देते ही सर्द हवाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो आगे चलकर बच्चों में सर्दी और खांसी की वजह साबित होता है। ऐसे में अगर बात बच्चों की सेहत की करें तो उनका ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है।

time to read

3 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

सर्दी-खांसी से बचे रहना चाहते हैं तो जरूर खाएं ये सुपरफूड्स

बदलते मौसम में अक्सर इम्युनिटी कमजोर हो जाती है इसलिए इस दौरान ऐसा आहार लेना चाहिए जो आपको भीतर से मजबूत बनाए। चलिए जानते हैं कि सर्दियों में क्या खाएं कि शरीर को शक्ति और ऊर्जा दोनों मिले।

time to read

4 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

बात जो जरूरी है वो जरा अधूरी है

दूसरे ही पृष्ठ पर सर्वप्रथम मेरा चेहरा देखकर आपका हैरान होना लाजमी है क्योंकि मेरा चेहरा इस विशेषांक के साथ न तो निर्णय करता है, न ही कोई तालमेल बिठाता है। क्योंकि न तो मैं कोई प्रसिद्ध हस्ती हूं न ही बुद्धिजीवियों की श्रेणी में मेरा कहीं कोई स्थान है। तो क्या मैं पत्रिका का संपादक होने के नाते पद और पन्नों का फायदा उठा रहा हूं? नहीं। न तो ऐसी मेरी कोई मंशा है, न ही कोई चाल। सच कहूं तो यह मेरी मजबूरी है। पर मेरी इस मजबूरी का संबंध किसी लाचारी या असहाय जैसी नकारात्मक अवस्था से नहीं है। मेरे लिए मजबूरी का मतलब उस विवशता से है जिसके लिए मेरा लिखना ही एक मात्र विकल्प है और यही विकल्प इस अंक का कई हद तक आधार भी है।

time to read

8 mins

December 2025

Sadhana Path

Sadhana Path

ओशो अस्तित्व की एक अभिव्यक्ति हैं

ओशो से मिलना एक ही शर्त पर होगा- आईना हो जाओ।

time to read

3 mins

December 2025

Translate

Share

-
+

Change font size

Holiday offer front
Holiday offer back