CATEGORIES

बाल कहानियों की अलबेली और चटपटी दुनिया
Samay Patrika

बाल कहानियों की अलबेली और चटपटी दुनिया

दादा-दादी की कहानियों का पिटारा

time-read
1 min  |
September 2021
पिशाच उजले चेहरों के बदनुमा दाग
Samay Patrika

पिशाच उजले चेहरों के बदनुमा दाग

पत्रकारिता के साथ संजीव पालीवाल ने उपन्यास लेखन के क्षेत्र में भी अपनी कलम चलायी है। उनका पहला उपन्यास 'नैना' पाठकों में बेहद लोकप्रिय हुआ था। हाल में उनका दूसरा उपन्यास 'पिशाच प्रकाशित हुआ है।

time-read
1 min  |
September 2021
ज़ेन : सरल जीवन जीने की कला
Samay Patrika

ज़ेन : सरल जीवन जीने की कला

शुनम्यो मसुनो ज़ेन को आधुनिक दुनिया के लिए बेहद सरल तरीके से प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। वे एक प्रसिद्ध बौद्ध संन्यासी हैं तथा पुरस्कार प्राप्त ज़ेन गार्डन डिज़ाइनर भी हैं।

time-read
1 min  |
September 2021
जीवन से भरी एक स्त्री
Samay Patrika

जीवन से भरी एक स्त्री

मशहूर साहित्यकार उषाकिरण खान के बारे में

time-read
1 min  |
September 2021
विरोधाभासों से बेपरवाह गुजरती जिंदगी
Samay Patrika

विरोधाभासों से बेपरवाह गुजरती जिंदगी

यह पुस्तक मूल रूप से डेनिश में 2011 में प्रकाशित हुई थी। वर्ष 2012 में इस उपन्यास के लिए जब लेखिका हेल्ले हेल्ले को प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार द गोल्डन लॉरेल से सम्मानित किया गया तो मेरा ध्यान इस उपन्यास ने अपनी ओर खींचा। मैंने इसे पढ़ा और तब ही इसका हिंदी अनुवाद करना तय कर लिया था। लेखिका हेल्ले हेल्ले और उनके प्रतिष्ठित प्रकाशन ग्यूलडेंडल ग्रुप एजेंसी ने सहर्ष स्वीकृति दे दी। इस बीच मुझे डेनिश लिटरेचर संस्था के सचिव श्री पीटर होल्लेरूप ओलेसेन से ज्ञात हुआ कि डेनिश आर्ट फाउंडेशन' में डेनिश साहित्य का दूसरीभाषाओं में अनुवाद के लिए अनुदान का प्रावधान है, सो इस अनुदान के लिए आवेदन किया गया और सौभाग्य से उपन्यास के हिंदी प्रकाशन के लिए 'डेनिश आर्ट फाउंडेशन से अनुदान प्राप्त हुआ।

time-read
1 min  |
September 2021
नारीवादी निगाह से
Samay Patrika

नारीवादी निगाह से

इस किताब की बुनियादी दलील नारीवाद को पितृसत्ता पर अन्तिम विजय का जयघोष सिद्ध नहीं करती इसके बजाय वह समाज के एक क्रमिक लेकिन निर्णायक रूपान्तरण पर जोर देती है ताकि प्रदत्त अस्मिता के पुरातन चिह्नों की प्रासंगिकता हमेशा के लिए खत्म हो जाए। नारीवादी निगाह से देखने का आशय है मुख्यधारा तथा नारीवाद, दोनों की पेचीदगियों को लक्षित करना। यहाँ जैविक शरीर की निर्मिति, जातिआधारित राजनीति द्वारा मुख्यधारा के नारीवाद की आलोचना, समान नागरिक संहिता, यौनिकता और यौनेच्छा, घरेलू श्रम के नारीवादीकरण तथा पितृसत्ता की छाया में पुरुषत्व के निर्माण जैसे मुद्दों की पड़ताल की गई है। एक तरह से यह किताब भारत की नारीवादी राजनीति में लम्बे समय से चली आ रही इस समझ को दोबारा केन्द्र में लाने का जतन करती है कि नारीवाद का सरोकार केवल महिलाओं से नहीं है। इसके उलट, यह किताब बताती है कि नारीवादी राजनीति में कई प्रकार की सत्ता-संरचनाएँ सक्रिय हैं जो इस राजनीति का मुहावरा एक दूसरे से अलग-अलग बिन्दुओं पर अन्तःक्रिया करते हुए गढ़ती हैं।

time-read
1 min  |
August 2021
जीने की राह श्रीमद्भगवद्गीता
Samay Patrika

जीने की राह श्रीमद्भगवद्गीता

निस्संदेह श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। मैं समझता हूँ, लोकप्रियता में इससे बढ़कर कोई दूसरा ग्रंथ नहीं और मैं पिछले पचास वर्षों से निरंतर देख रहा हूँ कि इस दिव्य पुस्तक की लोकप्रियता आधुनिक विज्ञानवादी समाज में दिन-प्रति -दिन बढ़ती ही जा रही है। गीता के उपदेशों को समझने के बाद सभी ने खुले मन से इस दिव्य पुस्तक को स्वीकृत किया है, अतः मैं यह बहुत जिम्मेदारी से कह सकता हूँ कि श्रीमद्भगवद्गीता किसी संप्रदाय विशेष का ग्रंथ न होकर सभी का ग्रंथ है। मेरा अटूट विश्वास है कि

time-read
1 min  |
August 2021
आइडिया से परदे तक सपने को सच में बदलते देखना
Samay Patrika

आइडिया से परदे तक सपने को सच में बदलते देखना

ज़्यादातर लोग अपने सपनों का पीछा न करने के बहुत से बहाने ढूँढ़ लेते हैं। अगर आपका सपना फ़िल्में लिखने का है तो आपके बहाने काफ़ी हद तक ठीक भी हैं

time-read
1 min  |
August 2021
अमीर ख़ुसरो- हिन्दवी लोक काव्य संकलन
Samay Patrika

अमीर ख़ुसरो- हिन्दवी लोक काव्य संकलन

प्रो. गोपी चन्द नारंग ने अमीर ख़ुसरो के कृतित्व पर कई दशकों से गम्भीर शोध किया है। अमीर ख़ुसरो ने हिन्दवी में जो रचनाएं लिखीं और संकलित नहीं की थीं और जो लम्बे समय से जनमानस के मानस में सुरक्षित थीं, उन्हें प्रो. नारंग ने सम्हालने और उनका सही पाठ तैयार करने का अभूतपूर्व कार्य किया है

time-read
1 min  |
August 2021
'बैड मैन असल में एक गुड मैन है'
Samay Patrika

'बैड मैन असल में एक गुड मैन है'

बैड मैन- गुलशन ग्रोवर की आत्मकथा

time-read
1 min  |
August 2021
रहस्य और रोमांच से भरा उपन्यास
Samay Patrika

रहस्य और रोमांच से भरा उपन्यास

वेयरवोल्फ की कथाओं को हमने अभी तक सुना था। उन कहानियों को इस उपन्यास से फिर से जीवन्त कर दिया है

time-read
1 min  |
August 2021
अमृता प्रीतम और साहिर
Samay Patrika

अमृता प्रीतम और साहिर

साहिर अमृता के जीवन में उस प्रेम की तरह आये जो अपनी अनुपस्थिति में भी हमेशा स्थायी तौर पर उपस्थित रहा-टीस से भरे एक ज़ख़्म की तरह, या उनके सपनों के हमसफ़र की तरह जिसकी स्मृतियाँ बहुत गहरी थीं और जिन स्मृतियों से लगातार खून रिसता रहता था।

time-read
1 min  |
July 2021
स्वाँग यानी बर्बाद व्यवस्था का रंगमंच
Samay Patrika

स्वाँग यानी बर्बाद व्यवस्था का रंगमंच

उपन्यास में शुरुआत से चल रही ढेर सारी कथाओं को लेखक ने जिस तरह से आखिर में समेटा है वो सिर्फ ज्ञान चतुर्वेदी ही कर सकते हैं. यह सच है कि बुंदेलखंड ज्ञान चतुर्वेदी में बसता है और उनकी बुंदेली में ही बेजोड़ रंग जमता है.

time-read
1 min  |
July 2021
एक नई रोशनी की तरह है 'कोरोनानामा' की कहानियाँ
Samay Patrika

एक नई रोशनी की तरह है 'कोरोनानामा' की कहानियाँ

यकीनन यह किताब एक खास उपहार है समाज के लिए जो बुजुर्गों के होने के मायनों को समझेगा

time-read
1 min  |
July 2021
ह्यूमनकाइंड मानव-जाति का आशावादी इतिहास
Samay Patrika

ह्यूमनकाइंड मानव-जाति का आशावादी इतिहास

'ह्यूमनकाइंड' हमें एक बेहतर समाज विकसित करने के लिए परस्पर सहयोग में विश्वास करने, दयालु होने और एक-दूसरे पर भरोसा करने के लिए दार्शनिक और ऐतिहासिक आधार उपलब्ध कराती है....

time-read
1 min  |
July 2021
प्रसिद्ध उर्दू व्यंग्यकार के लेखों का संकलन
Samay Patrika

प्रसिद्ध उर्दू व्यंग्यकार के लेखों का संकलन

पुस्तक में पितरस बुख़ारी के 13 लेख शामिल हैं, जिन्हें पढ़ने से सामाजिक जीवन के कई पड़ावों की हकीकत से तो पाठक एकाकार होता ही है, साथ ही वह लेखक की व्यंग्यात्मक शैली से गदगद और हर्षोल्लास से सराबोर हो उठता है।

time-read
1 min  |
JUNE 2021
जब प्यार किसी से होता है
Samay Patrika

जब प्यार किसी से होता है

वह अहसास सचमुच अलग होता है। ऐसा अहसास जिससे दुनिया बदली-बदली सी लगती है और हर पल खुशियों भरा...

time-read
1 min  |
JUNE 2021
जीवन की जटिलताओं के बीच उम्मीद की हरियाली
Samay Patrika

जीवन की जटिलताओं के बीच उम्मीद की हरियाली

कवि को जीवन का व्यापक अनुभव है और इसीलिए देश की सीमा पर ड्यूटी दे रहा जवान और उसका दर्द भी बार-बार उनकी कविता में झलकता है। इस संदर्भ में 'जवान' कविता की पंक्तियाँ दृष्टव्य है-"बर्फ बीच सुलगता/जो जल के पार भी आग उगलता/खेत की मेड़ों पर बिल बनाकर रक्षा करता" और "अंधकार में जागनेवाला/जीता प्राण को मुट्ठी में बाँध हरदम" वह जवान। यह इसलिए भी संभव है कि रविन्द्र कुमार जैसे नौजवान गाँव की पृष्ठभूमि से अनेक बाधाओं को पार करते हुए यहाँ तक पहुंचे हैं।

time-read
1 min  |
JUNE 2021
जब आप प्रेरित होते हैं तो आपको दिशा मिलती है
Samay Patrika

जब आप प्रेरित होते हैं तो आपको दिशा मिलती है

नौकरी छोड़ने के बाद व्यवसाय में नाकामी की ओर बढ़ते हुए वेक्स किंग का जब आत्मविश्वास खोने लगा तो उन्होंने चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों की प्रेरणादायक कहानियाँ पढ़कर उसे दोबारा हासिल किया

time-read
1 min  |
JUNE 2021
हिन्दू धर्म के सवालों का प्यार और मान से भरा जवाब
Samay Patrika

हिन्दू धर्म के सवालों का प्यार और मान से भरा जवाब

हिन्दुओं को काल, देश, सीमा और पौराणिक पैमानों में विशुद्ध हिन्दू धर्म की तलाश करने की अवधारणा से ऊपर उठना होगा क्योंकि इस वजह से रूढ़िवादिता पैदा होती है

time-read
1 min  |
JUNE 2021
रिश्ते और फ़रेब का सफ़र
Samay Patrika

रिश्ते और फ़रेब का सफ़र

अखिलेख द्विवेदी ने यह बताने की कोशिश की है कि आजकल हम आभासी दुनिया के फेर में पड़कर अपनी निजि जिंदगी उनके हवाले कर रहे हैं और जो असली जिंदगी है उससे दूर होते जा रहे हैं। वो हमारी भावनाओं से खेल रहे हैं।

time-read
1 min  |
May 2021
जेफ़ बेज़ोस और ऐमेज़ॉन का युग
Samay Patrika

जेफ़ बेज़ोस और ऐमेज़ॉन का युग

एक छोटे स्टार्ट-अप से वेब की सबसे बड़ी रिटेलर बनने तक की आकर्षक यात्रा यह दिखलाती है कि अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए बेज़ोस के दृढ़ संकल्प ने आज हमारे जीवन जीने के तरीके को बदल दिया है

time-read
1 min  |
May 2021
चाणक्य की नीति और रीति का रोमांच
Samay Patrika

चाणक्य की नीति और रीति का रोमांच

त्रिलोकनाथ पांडेय का उपन्यास 'चाणक्य के जासूस' एक ऐसा उपन्यास है जिसमें हज़ारों साल पूर्व के इतिहास को रोचकता के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसे जासूसी कला को समझने वाले जरूर पढ़ें या जिन्हें गुप्तचरी कला पसंद है।

time-read
1 min  |
May 2021
कोरोना काल की 50 सच्ची घटनाएँ
Samay Patrika

कोरोना काल की 50 सच्ची घटनाएँ

मयंक पाण्डेय की यह किताब चर्चित किताबों में शामिल है। यह किताब लॉकडाउन के पलायन से लेकर प्रेरणादायक कहानियों को संजोए हए है

time-read
1 min  |
May 2021
कल्कि, महामारी और इनसान को सबक
Samay Patrika

कल्कि, महामारी और इनसान को सबक

किताब 'इकोलॉजिकल बैलेंस' की बात करती है। कल्कि कहता है कि वह पृथ्वी पर संतुलन स्थापित करके रहेगा...

time-read
1 min  |
May 2021
वाया फुरसतगंज- आधुनिक समाज और राजनीति का आईना
Samay Patrika

वाया फुरसतगंज- आधुनिक समाज और राजनीति का आईना

वाया फुरसतगंज की कहानी इलाहाबाद की है। इसलिए बात सीधे इलाहाबाद से ही शुरू करते हैं। लेकिन इस शहर के बारे में एक सीधी बात कहना ही शायद सबसे टेढ़ा काम है। इसलिए न चाहते हुए भी बात कहाँ से और कैसे शुरू की जाय, समझ में नहीं आता। अच्छा..! चलिए तनिक कोशिश करते हैं।

time-read
1 min  |
May 2021
यशस्वी भारत - राष्ट्रीयता हो संवाद का आधार
Samay Patrika

यशस्वी भारत - राष्ट्रीयता हो संवाद का आधार

जिस समाज में संवाद नहीं है, वह आदि समाज कैसे आगे बढ़ेगा। संवाद उत्पन्न होने के लिए गंतव्य की स्पष्टता चाहिए। मैं कौन हूँ, इसकी स्पष्टता चाहिए, मुझे कहाँ जाना है और मैं कौन हूँ, उसके संदर्भ में परिस्थितियों का कैसे हमें विचार करना है, इसकी स्पष्टता चाहिए।

time-read
1 min  |
March 21
प्यार, परिवार और मर्डर
Samay Patrika

प्यार, परिवार और मर्डर

आपको पता है, दुनिया में ऐसी कौन-सी इमोशन है, जिसको क़बूल करना सबसे मुश्किल होता है? वह है जलन। लेकिन मेरे लिए यह मुश्किल नहीं। ये सच है कि मुझे उससे जलन होती थी। बचपन से ही उसने जैसी जिंदगी जी, जैसा प्यार उसे फैमली और बाद में सौरभ से मिला, जितनी आसानी से उसके लिए सबकुछ हुआमुझे इससे जलन होती थी। उसके अंदर एक एनटाइटलमेंट था, जैसे कि यह सब उसी का हक़ था। मुझे इससे घिन आती थी। मैं भीतर ही भीतर घुटती रहती थी। लेकिन आज वो सब ख़त्म होने वाला था।

time-read
1 min  |
March 21
आरएसएस के सफ़र का एक ईमानदार दस्तावेज़
Samay Patrika

आरएसएस के सफ़र का एक ईमानदार दस्तावेज़

उस वक़्त मैं दिल्ली के राजेन्द्र प्रसाद मार्ग पर सांसद वाले बंगले में सुन्दर सिंह भंडारी के साथ बैठा चाय पी रहा था। खबरिया चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी, “सुन्दर सिंह भंडारी को राज्यपाल नियुक्त किया गया।” मैंने उनसे पूछा, “अब तो राजभवन जाने की तैयारी करनी पड़ेगी?”

time-read
1 min  |
March 21
ख़ानज़ादा मेवाती अस्मिता और शौर्य का दस्तावेजी प्रमाण
Samay Patrika

ख़ानज़ादा मेवाती अस्मिता और शौर्य का दस्तावेजी प्रमाण

चौदहवीं सदी के मध्य में तुगलक, सादात, लोदी और मुगल राजवंशों द्वारा दिल्ली और उसके आसपास जो तबाही मचाई, मेवातियों ने उसका जिस शौर्य के साथ ऐसी ताकतों का मुकाबला किया और भारी संख्या में बलिदान दिए। उन्हें इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया, तो दिया जाना चाहिए था। बल्कि उसे भुलाने की कोशिश की गयी

time-read
1 min  |
March 21