सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 12 मार्च, 2024 को चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बौंड से जुड़ी जो जानकारी उपलब्ध कराई थी, 14 मार्च, 2024 को चुनाव आयोग ने उस जानकारी को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया था. इस जानकारी से पता चला कि इलेक्टोरल बौंड के जरिए सब से ज्यादा चंदा फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने दिया था.
चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने अक्तूबर, 2020 से ले कर जनवरी, 2024 के बीच 1,368 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बौंड खरीदे थे यानी चुनावी फंड दिया था. कंपनी ने सब से अधिक इलेक्टोरल बौं अक्तूबर, 2021 में 195 करोड़ रुपए के खरीदे थे. जनवरी, 2022 में इस कंपनी ने 210 करोड़ रुपए के चुनावी बौंड खरीदे.
अब यहां यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि यह फ्यूचर गेमिंग कंपनी कितनी बड़ी है, कौन सा बिजनेस करती है और किस की है, जिस ने चुनावी चंदे के रूप में इतनी मोटी रकम दी है? आइए, सब से पहले तो यह जानते हैं कि यह फ्यूचर गेमिंग कंपनी करती क्या है?
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज कंपनी की स्थापना साल 1991 में भारत के लौटरी किंग कहे जाने वाले सैंटियागो मार्टिन ने की थी. कंपनी की स्थापना तो तमिलनाडु में हुई थी, लेकिन राज्य में लौटरी पर बैन होने के कारण मार्टिन ने अपना अधिकतर व्यवसाय केरल और कर्नाटक में ट्रांसफर कर लिया था. कंपनी भले ही तमिलनाडु के कोयंबटूर में थी, लेकिन इस के खातों की किताबों में जो पता दर्ज था, वह कोलकाता का था. मजे की बात तो यह थी कि यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड भी नहीं थी.
कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को पहले मार्टिन लौटरी एजेंसीज के नाम से जाना जाता था. नाम से ही पता चलता है कि यह कंपनी लौटरी का बिजनैस करती थी.
यह कंपनी 2 अरब डालर से अधिक के कारोबार के साथ भारत के लौटरी उद्योग में पहले नंबर पर थी. इस ने प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक की लौटरी बेची और राज्य सरकारों को टैक्स के रूप में मोटी रकम चुकाई.
म्यांमार का मजदूर ऐसे बना अरबपति
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 2024 من Manohar Kahaniyan.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 2024 من Manohar Kahaniyan.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 8500 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
राजा की मोहब्बत का साइड इफेक्ट
इंदौर के राजा तुकोजीराव होल्कर ने नर्तकी मुमताज से विवाह जरूर कर लिया था, लेकिन मुमताज उन्हें छोड़ कर चली गई और मुंबई के व्यवसाई अब्दुल कादिर बावला के साथ रहने लगी. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि कादिर बावला का मर्डर हो गया और राजा होल्कर को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा?
अपनी मौत की खूनी स्क्रिप्ट
विक्रांत वर्मा ने खुद को मरा दिखाने के लिए एक अनजान व्यक्ति को छक कर शराब पिलाई. फिर अपने बकरी फार्म में उसे जिंदा जला दिया. ताज्जुब की बात यह कि रमेश वर्मा ने भी उस लाश की शिनाख्त अपने बेटे विक्रांत वर्मा के रूप में कर ली. आखिर विक्रांत ने क्यों लिखी अपनी ही मौत की यह खूनी स्क्रिप्ट?
राघव मगुंटा रेड्डी को मिला वफादारी का इनाम
शराब किंग के नाम से मशहूर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी का बेटा राघव मगुंटा रेड्डी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी था. ईडी ने उसे अपने शिकंजे में ले लिया था. फिर ईडी की जांच के दौरान ही ऐसा क्या हुआ कि राघव इस मामले कि राघव इस मामले में खलनायक से नायक बन गया?
एसआई भरती घोटाला वरदी उतरी, रौब गया मिली जेल
टीचर भरती में धांधली के बाद राजस्थान में फरजीवाड़ा कर नौकरी कर रहे थानेदारों की धड़ाधड़ गिरफ्तारी से तब हड़कंप मच गया, जब 10 साल बाद उन की परीक्षा के पेपर लीक की पोल खुली. 3 दरजन से अधिक थानेदारों की वरदी उतर गई, जेल हुई और 300 से अधिक जांच एजेंसी के रडार पर आ गए. आप भी जानें कि आखिर कैसे चला यह गोरखधंधा?
खलनायक से नायक बना विजय नायर
विजय नायर का आम आदमी पार्टी से गहरा लगाव रहा है. वह पार्टी के लिए फंड की व्यवस्था करता था. कथित शराब घोटाले में उस का नाम खलनायक के रूप में उभरा तो सभी चौंक गए. तभी ईडी ने उसे कौन सी घुट्टी पिलाई कि वह खलनायक से नायक बन गया.
ईडी और सीबीआई के निशाने पर विपक्ष ही क्यों
केंद्रीय जांच एजेंसियों को 'पिंजरे का तोता' बना कर रखने के आरोप पूर्व सरकार पर लगते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने तो इन एजेंसियों को अपना सियासी हित साधने का जरिया ही बना लिया है.. ताज्जुब की बात यह है कि विपक्षी पार्टियों के दागदार नेता बीजेपी की वाशिंग मशीन में जाते ही पाकसाफ हो रहे हैं. आखिर कैसे?
चंदे का धंधा 'इलेक्टोरल बौंड' क्यों फैला यह वायरस
केंद्र सरकार ने चुनावी फंड इकट्ठा करने के लिए इलेक्टोरल बौंड नाम का वायरस पैदा किया. इस का सब से ज्यादा फायदा बीजेपी को ही हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस वायरस पर ऐसा हथौड़ा चलाया कि....
साइबर ठगी का नया तरीका औनलाइन अरेस्टिंग
साइबर ठगों ने अब नए तरीके से उच्चशिक्षित लोगों को ठगना शुरू कर दिया है. वह पहले एक योजना के तहत शिकार को औनलाइन अरेस्ट कर लेते हैं. इस के बाद शिकार खुद ठगों के खातों में लाखों रुपए बड़ी आसानी से ट्रांसफर कर देता है. आप भी जानें कि क्या है औनलाइन अरेस्टिंग और इस से कैसे बचा जा सकता है?
सैंटियागो मार्टिन दिहाड़ी मजदूर से कैसे बना लौटरी किंग
सोशल मीडिया पर आजकल एक नाम बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है और वह है लौटरी किंग सैंटियागो मार्टिन का. सब से अधिक चुनावी बौंड खरीदने वाला एक दिहाड़ी मजदूर मार्टिन आखिर कैसे बना लौटरी किंग?
दिल्ली शराब घोटाला पलटते गवाहों के दम पर गिरफ्तारियां क्यों
पिछले सवा साल से भाजपा दिल्ली शराब घोटाले का राग अलाप रही है. सीबीआई और ईडी भी इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं, लेकिन वह अभी तक यह पता नहीं लगा पाई हैं कि घोटाला कितने रुपए का हुआ और घोटाले का पैसा किस खाते से आया, किस खाते में गया. गिरगिट की तरह रंग बदलते गवाहों के बयानों पर आखिर क्यों हो रही हैं धड़ाधड़ गिरफ्तारियां?