يحاول ذهب - حر
कृषि में कार्बनिक खादों का महत्व
15th July 2024
|Modern Kheti - Hindi
मिट्टी की उत्पादन क्षमता जिससे पौधों को सन्तुलित मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध होते रहें। कार्बनिक खादें जैसे, गोबर की खाद, कम्पोस्ट परम्परागत रूप से मृदा उर्वरा शक्ति में वृद्धि कर फसलों की अच्छी पैदावार लेने के लिए अच्छी मानी गई है।
परन्तु आजकल जैविक खाद, सान्द्रण खलियाँ, मानवमल का प्रयोग, बायोगैस स्लरी, हरी खाद, फसल अवशेष, गन्ने की खोई, गन्ने के रस का मैल, लकड़ी के बुरादे की खाद, तम्बाकू की छीलन तथा खली, भूसी और छिलके, चाय की छीलन, शुष्क खून का चूरा, मछलियों का चूर्ण, सींगों तथा खुरों की खाद, पक्षियों के पंख, ऊन और रेशम के निरर्थक पदार्थ, कुक्कट की खाद, ग्वानों, तालाब में जमा कचरा आदि खाद के रूप में प्रयोग कर फसल उत्पादन में वृद्धि एवं उर्वरता को कायम रखा जा सकता है। क्योंकि यह पदार्थ किसी न किसी रूप में व्यर्थ होते हैं। यदि इन्हें कार्बनिक खादों के रूप में प्रयोग किया जाये तो किसान काफी हद तक पैसा बचा सकते हैं एवं खद्यान्न गुणवत्ता को भी बनाये रख सकते हैं।
सड़ी गोबर की खाद :
इसमें लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। लेकिन इनका कुल प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों की अपेक्षा कम होता है। पूर्णत: सड़े हुए गोबर की खाद में क्रमश: 0.5 0.2 एवं 0.5 प्रतिशत नत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश होता है। इसके अतिरिक्त जस्ता 40.0, तांबा 2.8, लोहा 1.46, मैगनीज 61.0 पी.पी.एम. मिलते हैं।
दलहनी हरी खाद :
ढचा या हरे पौधों को खेत में ही हल द्वारा मिट्टी में मिलाने की प्रक्रिया को हरी खाद देना कहते हैं। हरी खाद के रूप में प्रयोग की जाने वाली मुख्यतः फसल ढैचा, सनई, ग्वार आदि हैं। इनके प्रयोग से भूमि में पोषक तत्व संतुलित मात्रा में मिलते हैं। कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, मैगनीशियम व लोहे की पूर्ति के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
जैविक खाद :
ये फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु अत्यन्त प्राकृतिक, सस्ते एवं आसानी से प्रयोग किये जाने वाली खाद है। सूक्ष्म जीव प्रतिवर्ष लगभग 131 मिलियन टन तक नाइट्रोजन एकत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा जैव उर्वरक जो पोषक तत्वों को चलायमान या घोलक का कार्य करतें हैं, जो कि फसल की अच्छी पैदावार एवं खाद्यान्न गुणवत्ता को बनाये रखते हैं।
मानव मल का प्रयोग :
मानव मल में कम्पोस्ट एवं अन्य प्राकृतिक खादों की अपेक्षा अधिक पोषक तत्व मिलते हैं, जो कि फसल की अच्छी पैदावार एवं खाद्यान्न गुणवत्ता को बनाये रखते हैं।
फसल अवशेष :
هذه القصة من طبعة 15th July 2024 من Modern Kheti - Hindi.
اشترك في Magzter GOLD للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة، وأكثر من 9000 مجلة وصحيفة.
هل أنت مشترك بالفعل؟ تسجيل الدخول
المزيد من القصص من Modern Kheti - Hindi
Modern Kheti - Hindi
मक्का की बिजाई करने के लिए मेज़ प्लांटर
मक्का की बिजाई करने वाली मशीन, मेज़ प्लांटर को नेशनल एग्रो इंडस्ट्रीज़ की ओर से बनाया गया है।
1 min
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
घृतकुमारी का औषधीय योगदान एवं महत्व
कुमारी, गृह कन्या, घृतकुमारिका आदि, इसके पत्तों में छेद करने या दबाने पर लसलसा पदार्थ निकलता है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्या जीनोम-संपादित धान की किस्में उचित हैं ?
देश के शीर्ष कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और कृषि मंत्रालय पर जीनोम-संपादित (जीनोम-एडीटेड) धान के परीक्षणों में वैज्ञानिक हेरफेर और बेईमानी के आरोप लगे हैं।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
गन्ना की खेती देखभाल और पैदावार
गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है, विषम परिस्थितियां भी इसकी फसल को बहुत अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।
10 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
खाद्य उत्पादन की बढ़ती मांग से धरती पर पड़ रहा है प्रभाव
इसमें कोई शक नहीं कि इंसानी सभ्यता ने अपने विकास के लिए प्रकृति का बड़े पैमाने पर दोहन किया है।
3 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
टिकाऊ कृषि विकास के लिए भूमि सुधार आवश्यक ...
कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
निराशा से समाधान तक कैसे भारत पराली जलाने की समस्या का कर सकता है अंत
पराली जलाने की समस्या का हल संभव है। समझदारी बरतते हुए अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं अरुणाभ घोष और कुरिंजी केमांथ
5 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
अलसी की खेती से लाभ कमाएं
अलसी तेल वाली फसलों में दूसरी खास फसल है।
8 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
क्रांतिकारी मॉडल विकसित करने वाले सफल किसा सीताराम निगवाल
मध्यप्रदेश के धार जिले के किसान सीताराम निगवाल ने 30 वर्षों के अनुभव से खेती का एक क्रांतिकारी मॉडल, विकसित किया है।
2 mins
15th November 2025
Modern Kheti - Hindi
भूमि क्षरण से बढ़ रहा कुपोषण
लगभग 1.7 अरब लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मानवीय कारणों से भूमि के क्षरण के चलते फसलों की पैदावार घट रही है।
2 mins
15th November 2025
Listen
Translate
Change font size

