يحاول ذهب - حر
आलू की उन्नत खेती कैसे करें
15th October 2022
|Modern Kheti - Hindi
सब्जियों में आलू का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी उत्पादन क्षमता अन्य फसलों से अधिक है। इसलिए इसे अकाल नाशक फसल भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सभी सब्जियों के साथ व एकल रूप में दोनों तरीके से भी किया जाता हैं। इससे कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किए जाते है। इसकी बाजार में 2 महीने मांग बनी रहती है। इसे यदि सब्जियों का राजा कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। इसी के साथ ही किसानों के लिए भी यह फसल बहुत फायदा देने वाली है क्योंकि इसकी डिमांड मंडी में हर मौसम में रहती है।
अभी अक्टूबर में इसकी अगेती फसल की बुवाई करके किसान बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इसकी अगेती फसल से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आइए जानते हैं किस प्रकार आलू की अगेती बुवाई करके आप बढ़िया कमाई कर सकते हैं।
आलू की जल्दी तैयार होने वाली किस्में: कुफरी अशोक, कुफरी पुखराज और कुफरी सूर्या आलू की उन्नत किसमें हैं और ये बहुत जल्दी तैयार हो जाते हैं।
कुफरी अशोक: इस किस्म के कंदों का रंग सफेद होता है और ये लगभग 75 से 85 दिनों के भीतर खींच कर तैयार हो जाता है। इसकी उत्पादन कूबत 300 से 350 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है।
कुफरी पुखराज: इस प्रजाति के आलू के कंदों का रंग सफेद और गूदा पीला होता है। इसकी फसल 70 से 80 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। हैक्टेयर खेत में 350 से 400 क्विंटल फसल पाई जा सकती है।
कुफरी सूर्या: इस किस्म के आलू का रंग सफेद होता है और यह किस्म 75 से 90 दिनों के भीतर पक कर तैयार हो जाती है। इसमें प्रति हैक्टेयर लगभग 300 क्विंटल की पैदावार होती है।
आलू की मध्यम समय में तैयार होने वाली किसमें: कुफरी ज्योति, कुफरी अरुण, कुफरी लालिमा, कुफरी कंचन और कुफरी पुष्कर मध्यम अवधि में तैयार होने वाली आलू की किस्में हैं।
कुफरी ज्योति: इस आलू के कंद सफेद रंग के अंडाकार और उथली आंखों वाले होते हैं। यह किस्म 90 से 100 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी एक हैक्टेयर में लगभग 300 क्विंटल फसल मिलती है।
कुफरी अरुण: इस आलू के कंदों का रंग लाल होता है और यह पकने में 100 दिन का समय लेती है। इससे प्रति हैक्टेयर 350 से 400 क्विंटल की उपज प्राप्त की जा सकती है।
कुफरी लालिमा: इस आलू के कंदों का रंग लाल होता है और यह 90 से 100 दिनों में पक जाती है। इसकी एक हैक्टेयर में 300 से 350 क्विंटल उपज प्राप्त की जा सकती है।
هذه القصة من طبعة 15th October 2022 من Modern Kheti - Hindi.
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