يحاول ذهب - حر
दुर्गासप्तशतीपाठ शास्त्रीय विधान
April 2021
|Jyotish Sagar
पाठ करते समय अध्याय के अन्त में 'इति', 'वध' और 'अध्याय' इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अध्याय के अन्त में प्रयुक्त 'इति' शब्द लक्ष्मी प्राप्ति में बाधक होता है..
भगवान् श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवद्गीता में कहा है कि जो शास्त्रों के आदेशों की अवहेलना करके मनमाने ढंग से धार्मिक कार्य करता है, उसे न तो उस कार्य में सफलता मिलती है और न ही कार्य के फलस्वरूप मिलने वाला सुख ही मिलता है तथा परम पुरुषार्थ रूपी परमगति की प्राप्ति से भी वंचित रह जाता है:
यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य, वर्तते कामकारतः।
هذه القصة من طبعة April 2021 من Jyotish Sagar.
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