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क्रान्तिकारी पुरोधाओं का अप्रतिम बलिदान
आज भारत को आजाद हुए 70 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। जिस आजाद भारत में हम सांस ले रहे हैं उसके लिए एक लंबा संघर्ष चला था। कई शूरवीरों के बलिदान के बाद हमें यह सुरव प्राप्त हुआ है।
क्या है ब्रज की चौरासी कोस यात्रा?
हिन्दू मान्यताओं में ईश्वरीय धामों की यात्राओं से घर-परिवार को बुद्धि, समृद्धि, निर्मलता, एवं ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी ही एक पुण्यदायी यात्रा है ब्रज की चौरासी कोस यात्रा।
सुहागनों का पर्व तीज
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। उत्तर भारत में यह हरियाली तीज के नाम से भी जानी जाती है। तीज विशेष रूप से महिलाओं का त्यौहार होता है। इस व्रत को अविवाहित कन्याएं योग्य वर पाने के लिए करती हैं तथा विवाहित महिलाएं अपने सुरवी दांपत्य के लिए करती हैं।
बचें मानसून के रोगों से
आमतौर पर मानसून को आशिकाना मौसम माना जाता है, किंतु जरा बच के रहिएगा इस मौसम में। नहीं तो मौसम का आशिकाना अंदाज सेहत पर भारी पड़ सकता है।
क्या आपकी कुंडली में धन प्राप्ति योग है?
धन की चाह सबकी होती है लेकिन धन केवल मात्र हमारे चाहने भर से नहीं मिल जाता, इसके लिए कुंडली में धन योग का होना भी आवश्यक है। कुंडली में कैसे धन योग है या नहीं एवं धन प्राप्ति के टोटके जानें इस लेख से।
सावन, सोमवार और श्रद्धा
सावन का हर सोमवार जैसे शिव के नाम समर्पित हो जाता है । वर्षा की फुहारें पड़ते ही किसान फसलों के लहलहाने का सपना देखते हैं तो शिव भक्त भोलेनाथ को मनाने का। सावन की महत्ता को आइए जानते हैं इस लेख से।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती हैं ये 10 जड़ी-बूटियां
जब रक्तचाप अधिक होता है तो, रक्त धमनियों के माध्यम से अधिक बलपूर्वक चलता है। यह धमनियों में नाजुक ऊतकों पर बढ़ा हुआ दबाव डालता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इस नुकसान से बचा सकती हैं कुछ जड़ी-बूटियां।
कैसे बनता है जगन्नाथ का रथ?
पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा पूरे विश्व में मशहूर है और इस यात्रा का मुख्य आकर्षण है तीन भव्य रथ जिन्हें प्रतिवर्ष विशेष शिल्पकारों और औजारों से बनाया जाता है। रथ निर्माण प्रकिया को जानें लेख से।
आर्थराइटिस कारण, लक्षण और निवारण
जोड़ों में दर्द का एक प्रमुख कारण आर्थराइटिस है। इसे गठिया भी कहते हैं। यह उम्र के साथ होने वाली हड्डियों के क्षय की प्रक्रिया है। इसमें हड्डियां कमजोर होकर टूटने लगती हैं। इसके और कौन से लक्षण हैं तथा क्या है उनका निवारण आइए जानें।
अमरनाथ गुफा- जहां लगता है शिव भक्तों का मेला
अमरनाथ गुफा भक्तों की आस्था का प्रतीक तो है ही साथ ही यहां बाबा बानी के दर्शन से भक्तों को एक प्रकार के आध्यात्मिक सुरव की प्राप्ति भी होती है। इतना ही नहीं यह बात भी सत्य है कि इस गुफा तक पहुंचने का सफर स्वयं में ही बहुत अद्भुत होता है। आईए इस सफर को थोड़ा और करीब से जानें इस लेख के माध्यम से।
हिंदुत्व की पहचान संस्कार
संस्कार से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। हमारे वेद पुराणों में भी कई संस्कारों का वर्णन है और यह सभी संस्कार वैज्ञानिक आधारों पर निर्मित हैं। कौन-कौन से हैं संस्कार तथा क्या है इन संस्कारों का महत्त्व? आइए जानते हैं।
योग एक मार्ग अनेक
परमात्मा हो या परमशांति या फिर गणित का कोई भी छोटा सा सवाल। इन तक पहुंचने के या सवाल को हल करने के भले कई मार्ग व माध्यम होते हैं परंतु इनका उत्तर एक ही होता है ऐसे ही योग की भी विभिन्न शारवाएं हैं, विभिन्न आसन और अवस्थाएं हैं परंतु सबकी मंजिल, सबकि उपलब्धि एक ही है।
मानसिक रोग दूर करे केसर
केसर को कुंकुम एवं जाफरान भी कहा जाता है। इसकी खेती कश्मीर मे व्यापक रूप से होती है।
योग से रहें निरोग
जब तक भारत में योग के द्धारा वास्तविक शक्ति की उपासना होती रही तब तक इस देश के बच्चे शक्तिशाली होते रहे। आज इस योग शक्ति के बिना देश मृतप्राय हो रहा है। देश के कलानिधि, मायानिधि इससे रूठे हुए हैं। योग सर्व विद्याओं, सब देवों के देवत्व परमतत्त्व का कारण होने से हमारी सारी उपासनायें योग द्धारा सर्वशक्तिसंपन्न कराया करती थी।
नींद और हमारी सेहत
हमारे जीवन में जितना जरूरी काम है उतनी ही जरूरी है नींद, परंतु आज हम अपनी व्यस्तताओं में रवो कर नींद को नजर-अंदाज करते जा रहे हैं। क्या हो सकता है इसका परिणाम तथा अच्छी नींद कैसे पाएं? जानें इस लेख से
गंगा से जुड़े पर्व, उत्सव, व्रत एवं त्योहार
भारत में गंगा नदी को, हिन्दू धर्म के साथ ही नहीं संस्कृति और सभ्यता के साथ भी जोड़कर देखा गया है। इसी कारण इस नदी के साथ हमारे कई व्रत-पर्व, त्योहार मेले आदि जुड़े हुए हैं। आइए लेव से जानें पर्वो का महात्म्य व इनसे जुड़ी कथाएं।
भारत की पहचान है गंगा
भारत और दुनिया में गंगा को सर्वोच्च महत्त्व दिया गया है। इतना महत्त्व विश्व में शायद किसी और नदी को नहीं मिला। गंगा नदी को भारत की पहचान कहा जाए तो गलत न होगा।
आयुर्वेद से करें पर्यावरण की रक्षा
यदि हमें प्रकृति को बचाना है तो पर्यावरण संरक्षण पर जोर देना होगा। औषधीय पेड़-पौधे लगाने होंगे। जिससे पर्यावरण दूषित होने से तो बचेगा ही, साथ ही आयुर्वेद का प्रसार भी होगा।
चौंसठ तीर्थों का महातीर्थ-तिरुपति
भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है तिरुपति मंदिर। भक्तों की आस्था है कि यहां दर्शन करने से उनकी हर मनोकमना की पूर्ति हो जाती है। इसीलिए इस लेव के माध्यम से हम आपको ले जा रहे हैं तिरुपति मंदिर की यात्रा पर ।
आपके वस्त्र आपका व्यक्तित्व
आपके कपड़े आपके बारे में सब कुछ बताते हैं। आप किस तरह का पहनावा पसंद करते हैं, किस तरह के रंगों का चयन करते हैं, किस तरह आप उन्हें धारण करते हैं? आपके कपड़ों की दशा व स्थिति (नए-पुराने, धुले व मैले) आदि आपके व आपके सामने वाले को जानने एवं समझने में मदद करते हैं। क्या कहते हैं आपके कपड़े ? जानिए इस लेख से-
सेहत का रखवाला पानी
यह सच है सेहत और पानी का चोली-दामन का साथ है। भले ही आप संतुलित भोजन लें, नियमित व्यायाम करें पर यदि शरीर के लिए जरूरी पानी का सेवन उचित मात्रा में नहीं करेंगे तो कई बिमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं।
सिरदर्द के घरेलू एवं आयुर्वेदिक नुस्खे
सिरदर्द कहने को तो बेहद ही सामान्य रोग लगता है लेकिन यह भी सच है कि जब भी व्यक्ति सिरदर्द से प्रभावित होता है तो न तो वह चैन से बैठ सकता है न अन्य कोई कार्य कर सकता है। ऐसे में वह सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए पेन किलर का सहारा लेता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी आयुर्वेदिक औषधियों व घरेलू नुसवों के बारे में जिससे आप सिरदर्द से फौरन मुक्ति पा सकते हैं।
मां एक संपूर्ण संसार का नाम है
पिछले कुछ वर्षों से जिस मदर्स डे को मनाने की परंपरा ने पश्चिम से प्रवेश कर भारत के युवा वर्ग पर अच्छा-खासा प्रभाव डाला है, माना जाता है कि इस मदर्स डे का प्रारंभ, एक अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जारविस ने सन उन्नीस सौ आठ में 'सेकंड संडे' (मई माह का दूसरा रविवार) के रूप में किया।
महाराष्ट्र के शिर्डी में करें साईं बाबा के दर्शन
शिर्डी के साईं बाबा का मंदिर आज एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बन चुका है, जहां प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बाबा के भक्तों में सभी धर्म-जाती के लोग शामिल हैं। कोई बाबा के चरणों में शीश झुकता है तो कोई उनकी समाधि पर चादर चढ़ाता है।
वृक्ष जो हमे रखते है स्वस्थ
हमारे आस-पास कई वृक्ष ऐसे भी हैं जिनका अपना औषधीय महत्त्व भी है। जिसके प्रयोग से कई रोगों को ठीक किया जा सकता है। कौन से हैं वह वृक्ष आइए जानते हैं लेख से।
जीवन से जुड़े प्रमुख पेड़-पौधे
प्राचीन वैदिक काल से ही पशु-पक्षी, पेड़-पौधे मनुष्य के जीवन का अहम हिस्सा रहे हैं। मानव संस्कृति को विकसित करने व जीवित रखने में भी पेड़-पौधों ने प्रमुख भूमिका अदा की है। स्वर्ग में पाए जाने वाले कल्पतरू वृक्ष, रामायण में अशोक वाटिका तो दूसरी तरफ सिन्धु घाटी सभ्यता से प्राप्त पशुपतिनाथ के मोहरों में अंकित पेड़-पौधों, सांची स्तूप के तोरहणद्वार, अंजता एलोरा की गुफाओं में पाए जाने वाले पेड़-पौधों के चित्र इस बात को सिद्ध करते हैं कि चाहे वैदिककाल हो आदिकाल, प्राचीनकाल या फिर नवीनकाल सभी में प्रायः पेड़पौधों का योगदान व महत्त्व रहा है।
शुक्र ग्रह और ज्योतिष
शुक्र के निकट जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान मैरीनर 2 था, जिसने 1962 में यात्रा की। अभी तक लगभग 20 यानों का उपयोग शुक्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा चुका है। रूसी यान 'वेनेरा' सबसे पहले शुक्र पर उतरा। हाल ही में अमेरिकी यान 'मैगेलन' ने रडार द्वारा शुक्र की सतह के विस्तृत चित्र उपलब्ध कराये हैं। शुक्र पर संभवतः किसी समय, पृथ्वी की तरह, अपार जल मौजूद था। मगर यह वाष्पन द्वारा समाप्त हो गया। अब शुक्र की सतह पूर्णतः शुष्क है।
कैसा हो गर्मियों में आहार?
गर्मी की चिलचिलाती धूप और पसीना न केवल हमें परेशान कर देता है बल्कि कई बार यह हमें बीमार भी बना देता है। ऐसे में आपको बताते हैं कि गर्मी में किस प्रकार का आहार ले कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।
सुगठित राष्ट्र की नींव है मातृत्व
मातृत्व एक आद्वितीय अनुभूति है जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता, यह तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है। सृष्टि रचयिता ब्रह्मा एक पुरुष हैं, जब उन्होंने आत्ममंथन किया होगा तब जाकर सृजन का उत्तरदायित्व नारी पर सौंपा होगा। एक बालक सर्वप्रथम अपनी मां से ही सीखता है तभी तो एक मां अगर पुचकारती भी है तो भी शिशु उसी के पास रहना अधिक पसंद करता है और अगर मारती एवं डांटती भी है तो भी शिशु उसी के पास जाता है। मां अपने संतान की चिकित्सक,सर्जक एवं मार्गदर्शक होती है।
पूर्णिमा और बुद्ध
'चरथ भिक्खुवे चारिकं बहुजन हिताय बहुजन सुरवाए उत्थाए हिताए लोकानुकम्पाय' इन शब्दों में दिया था तथा इसी दिन उरूवेला में 3 कश्यप भाइयों को धम्म की दीक्षा देकर भिक्षु संघ में शामिल किया था।