Jyotish Sagar - December 2019
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في هذه القضية
This issue is special issue on annual horoscopy 2020 (Varshik Rashiphal 2020). List of some published articles is given here :
1. Shardha Ram Phillauri wrote 'Jai Jagdish Hare'
2. Parijat tree of Mahabharata period!
3. How will the year 2020 be for you?
4. Your financial situation in years 2020?
5. 2020 in terms of jobs
6. Your business in 2020?
7. 2020 in terms of family happiness
8. How will the year be in the education and competition exam
9. On which days will you be fortunate in 2020?
10. Measures for planetary problems in the year 2020
11. Bhastrikasan for liberation from Vata-Pitta-Kapha Tridoshas
12. The need of Gita in practical life
13. Khandgrass Solar Eclipse (December 26, 2019)
14. Importance of Gita?
15. Raghavayadaviyam by Venkatadhvari (Part-5)
16. Param Bhagwat Shukdev Ji
17. Santagatha: Nandadas ji
18. Shri Rameshwaram: Jyotirlinga established by Shriram
वर्ष 2020 में आपकी आर्थिक स्थिति?
आधुनिक भौतिकवादी युग में जीवन के महत्त्वपूर्ण पक्षों में आर्थिक पक्ष भी प्रमुखता से सम्मिलित किया जाता है। इसके अतिरिक्त गोचरीय ग्रहस्थिति का आर्थिक पक्ष पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, जो कि इस पक्ष के उतार-चढ़ाव को संकेतित करता है।
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नौकरी की दृष्टि से सन् 2020
आगामी वर्ष 2020 में तीनों बड़े ग्रहों का गोचरीय परिवर्तन होने के कारण नौकरी के मामले में विशेष प्रभाव पड़ने की उम्मीद की जा रही है। गुरु, शनि एवं राहु तीनों ग्रह इस वर्ष राशि परिवर्तन करेंगे।
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व्यापार की दृष्टि से सन् 2020
नया वर्ष आते ही सभी के ने मन में यह जिज्ञासा रहना स्वाभाविक है कि आगामी वर्ष उनके लिए कैसा रहेगा? उन लोगों के लिए इसका महत्त्व अधिक बढ़ जाता है, जिनके लिए पाने और गँवाने दोनों के ही अवसर अधिक हों।
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पारिवारिक सुख की दृष्टि से सन् 2020
ग्रहों की गोचरीय स्थिति का पारिवारिक सुख पर विशेष प्रभाव पड़ता है । सन् 2020 में ग्रहों की गोचरीय स्थिति के आधार पर विभिन्न राशि वालों के लिए पारिवारिक सुख का पूर्वाकलन प्रस्तुत आलेख में किया जा रहा है ,
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वर्ष 2020 कैसा रहेगा शिक्षा और प्रतियोगिता परीक्षा में
नया वर्ष आते ही विद्यार्थी वर्ग की यह जिज्ञासा रहती है कि आगामी वर्ष उनकी शिक्षा एवं परीक्षाओं की दृष्टि से कैसा रहेगा ?
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आदर्श शादी की चाह से , बेबशी की शादी तक
आदर्श शादी की चाह से , बेबशी की शादी तक
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भाग्य और उसके नियमक ग्रह
एक कहावत है ‘ काज़ी के पाजी ' अर्थात् विद्वान् के घर मूर्ख का जन्म या फिर एक चिर परिचित पंक्ति ' बूढ़ा वंश कबीर का , उपजा पूत कमाल । ' भारतीय दर्शन में इस पहेली जैसी पंक्तियों का एक ही उत्तर है ' कर्मफल ।
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षष्ठ भावस्थ केतु और उसका जीवन पर प्रभाव
सामान्यतौर पर छठे भाव में स्थित केतु शुभफल ही प्रदान करता है , किन्तु यदि नीच या अशुभ ग्रह के साथ या अशुभ प्रभाव में हो , तो वह अशुभ फलप्रदाता बन जाता है । मंगल की राशि केतु यदि मंगल से द्रष्ट भी हो , तो जीवन में भूचाल पैदा करता है ।
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वात-पित्त-कफ त्रिदोषों से मुक्ति के लिए - भस्त्रिकासन
भस्त्रिकासन लुहार की धौंकनी की तरह वेग पूर्वक वायु भरने एवं निकालने की समानता के कारण यह नामकरण है । पद्मासन, अर्धपद्मासन या सुखासन (पालथी) में बैठ जाएँ । कमर, पीठ, गर्दन सीधी रखें मगर इनमें कोई अकड़ न हो। दोनों हाथ घुटनों पर सामान्य स्थिति में रखें।
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परम भागवत शुकदेव जी
शुकदेव जी को साक्षात् श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है । वे श्रीकृष्ण के समान ही सदैव 16 वर्ष की अवस्था में रहने वाले सुन्दर अंगकान्ति से युक्त , कमललोचन एवं मनोहर अंगों वाले हैं । इनके जन्म के सम्बन्ध में अनेक कथाएँ मिलती हैं ,
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व्यावहारिक जीवन में गीता की आवश्यकता
यथार्थ में मनुज रूप मात्र खाने पीने की हद तक केवल जिजीविषा नहीं रखता , इतना तो एक पशु भी करता है ।
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नन्ददास जी
वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित पुष्टिमार्ग को जिन सन्तों ने पल्लवित किया , उन अष्टसखाओं में एक हैं नन्ददास जी । नन्ददास जी गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के शिष्य थे ।
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वर्ष 2020 में ग्रहों की अनुकूलता के लिए उपाय
प्रस्तुत आलेख में वर्ष , 2020 में ग्रहों की गोचरीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे उपायों का उल्लेख किया जा रहा है ,
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खण्डग्रास सूर्यग्रहण (26 दिसम्बर, 2019)
इस माह 26 दिसम्बर को पौष अमावस्या , गुरुवार को खण्डग्रास सूर्यग्रहण घटित होगा । यह सम्पूर्ण भारत मेंदिखाई देगा । भारत के अलावा यह मध्यपूर्व , उत्तरी पूर्वी अफ्रीका , उत्तरी एवं पूर्वी रूस को छोड़कर , पूर्ण एशिया , उत्तरी एवं पश्चिमी आस्ट्रेलिया इत्यादि स्थानों में भी यह दिखाई देगा ।
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गीता का महत्त्व
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयन्ती के रूप में मनाया जाता है । मान्यता है कि महाभारत युद्ध के दौरान इसी दिन मोहग्रस्त अर्जुन को भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था ।
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ज्योतिष से जानें गीत - संगीत क्षेत्र में सम्भावना
द्वितीय स्थान ' वाणी ' का है और इसका कारक बुध है । अगर द्वितीय भाव और द्वितीयेश पर पाप ग्रहों की दृष्टि न हो और शुक्र बलवान् होकर केन्द्र में स्थित होकर दशम भाव अथवा दशमेश या लग्न अथवा लग्नेश को प्रभावित करे , तो व्यक्ति गायक बनता है ।
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वेंकटाध्वरि कृत राघवयादवीयम् (भाग-5)
वे कटाध्वरि के 30 श्लोकों वाले काव्य ग्रन्थ ' राघवयादवीयम् ' में प्रत्येक श्लोक सीधे क्रम में भगवान् राम की गाथा का वर्णन करता है , वहीं विलोम क्रम में श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन करता है । इस ग्रन्थ के प्रथम 14 श्लोकों को भावार्थ सहित विगत अंकों में प्रकाशित किया गया था , उसी क्रम में आगे के चार श्लोक प्रस्तुत आलेख में प्रेषित किए गए है।
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सोशल मीडिया पर उपदेश कुशल बहुतेरे
आज के समय में सोशल मीडिया हम सभी के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है । आज के समय में इसे अभिव्यक्ति का एक नया और कारगर माध्यम कहा जा सकता है ।
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कश्मीर की भक्ति परम्परा , स्तोत्रसाहित्य एवं क्षेमराजकृत स्तवचिन्तामणिविवृत्ति
कश्मीरी स्तोत्रकारों की यह विशेषता ही रही है कि वे भक्तिपरक स्तोत्रों में दार्शनिक सिद्धान्तों को भी साथ में लेकर चलते हैं । उनके यहाँ ये एक दूसरे जुड़े हुए से प्रतीत होते हैं ।
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कर्क लग्न के अष्टम भाव में स्थित शुक्र एवं शनि के फल
कैसे करें सटीक फलादेश श्रृंखला के अन्तर्गत कर्क लग्न के अष्टम भाव में स्थित ग्रहों का राशि , भाव , नक्षत्र , दृष्टि एवं युति के आधार पर फलों का विवेचन किया जा रहा है ।
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अशुभ अंक - 13
पाश्चात्य जगत् में एक पा मान्यता बनी हुई है कि 13 का अंक अशुभ है । बहुत सी बहुमंजिला इमारतों में 13वीं मंजिल नहीं होती । क्रम संख्या 12 के पश्चात् क्रम संख्या 14 होती है । लोग विवाह उत्सव एवं अन्य शुभ कार्य के लिए दिनांक 13 को स्वीकार नहीं करते हैं ।
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मासिक राशिफल
सजग रहें लेन देन में !यह माह आपके लिए विगत माह की तुलना में तो बेहतर रहना चाहिए , परन्तु अभी भी समस्याओं का पूर्णतः निराकरण होने में समय लगेगा । आपको स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए , अन्यथा आप मौसमी बीमारी अथवा किसी रोग के शिकार हो सकते हैं ।
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निःशुल्क ज्योतिष परामर्श
प्रश्न : पुलिस अधिकारी बनने के लिए क्या योग हैं ?(06.12.92, 08:30 बजे , मन्दसौर) रवि भाटिया , मन्दसौर ( मध्यप्रदेश )उत्तर : जन्मपत्रिका में पुलिस अधिकारी बनने के योग विद्यमान हैं, परन्तु बहुत बली नहीं हैं ।
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मेरा स्वयं का कुछ नहीं, ये चेतना भी कब कहे . . .
जिस बात को हम ही कहें ,उसको भी हम नहीं मानते ।कैसा समय का चक्र भी ,भूलों को भी हम नहीं जानते । ।
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Jyotish Sagar Magazine Description:
الناشر: Jyotish Sagar Private Limited
فئة: Religious & Spiritual
لغة: Hindi
تكرار: Monthly
Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.
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