साहित्य अकादमी या कोई भी र रचनाकार से सुशोभित होता है। पुरस्कार देकर अकादमी ने अपना सम्मान बढ़ाया है। फिर भी लगता है कि आपको फांस पर मिलना चाहिए था।
पुरस्कार क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं, सब जानते हैं। फिर भी अच्छा लगा, लोगों ने नोटिस लिया। मिल रहा है, तो इसे एंजॉय किया जाए। देने वालों को सलाम। जो पात्र, सुपात्र हैं, जिन्हें नहीं मिला है, उन सभी लोगों को मिलना चाहिए। उनकी मेधा को सम्मान दिया जाना चाहिए। आप तो मेरे साथ रहे हैं। आप देखते रहे हैं कि मेधा-संपन्न व्यक्ति को क्या-क्या करना पड़ता है। फिर सम्मानित होते हैं, तो यह देखना सुखकर होता है। मैंने पूर्वांचल पर, महेंद्र मिसिर पर एक अदद उपन्यास पूरबी बयार लिखा था। पूरब के जितने व्यक्ति हैं, वे सब उन कारखानों, कोलियरी या इस्पात के कारखानों में मजदूरी के लिए जाते रहे थे। इंडस्ट्री फैलती गई और लोग पहुंचते गए क्योंकि अपने यहां रोजी-रोटी की समस्या तब भी कठिन थी, अब भी है। आगे जो आसार आ रहे हैं, वे अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए एक ममत्व (पूर्वांचल के प्रति) अपने आप विकसित होता गया।
मुझे पहचानो किसी खास दृष्टि को ध्यान में रखकर लिखा? कोई खास एजेंडा था मन में?
मुझे पहचानो अभी फिर पढ़ा, तो मुझे बहुत प्रिय लगा। मेरा फेवरेट है। आप एक औरत को, एक व्यक्ति को किस नजरिये से देखते हैं। आपने पढ़ा होगा, तो
This story is from the January 22, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the January 22, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
खतरनाक है सबको कलाकार कहना
यह बहस अश्लीलता और सभ्यता की है, जिसके लिए लकीर खींचना वाकई जरूरी है
कूचे में बेआबरू
इस आइपीएल में मुंबई इंडियंस के खराब प्रदर्शन से नए कप्तान पांड्या, लोगों के निशाने पर
जाति का गणित
भाजपा का ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव तो कांग्रेस ने सवर्ण और महिला प्रत्याशियों को दी तरजीह, झामुमो की आदिवासी वोटों पर नजर
चुनावी मुठभेड़
पहले चरण से ठीक पहले निकला माओवाद का जिन्न किसके लिए
राजनैतिक विज्ञापनों का अर्थशास्त्र
चुनाव आते ही आरोप लगाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का बाजार गरम हो गया
इनफ्लुएंसर काल में चुनाव
सोशल मीडिया के लोकप्रिय चेहरों को भुनाकर राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुंचने के एक सशक्त औजार को साध लिया
सिनेमा से बनती-बिगड़ती सियासत
फिल्मी सितारों का सबसे ज्यादा प्रभाव राजनीति में अगर कहीं रहा है, तो वह है दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु
वजूद बचाने की जंग
तेलंगाना के चुनावी अखाड़े में सबके अपने भारी के बड़े-बड़े दावे
द्रविड़ पहचान बनाम हिंदुत्व
यहां मुकाबला दोतरफा, सिवाय एकाध सीटों के जहां भाजपा का कुछ दांव है
जाति, पानी और हिंदुत्व से चढ़ता चुनाव
भाजपा को दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपि के तीन तटीय जिलों से उम्मीद है