![ब्रैस्ट औग्मैंटेशन से पाएं मनचाहा आकार](https://cdn.magzter.com/1338803896/1715575741/articles/0GzUatgKh1715582661453/1715582853159.jpg)
महिलाओं की खूबसूरती में उन के सुडौल स्तन चार चांद लगा देते हैं. एक दशक पूर्व तक एक महिला को उस के प्राकृतिक स्तनों के साथ ही जीना होता था, फिर चाहे वे छोटे हों या बड़े. मगर अब विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि बड़े स्तनों को छोटा और छोटे स्तनों को आसानी से बड़ा करवाया जा सकता है.
कामसूत्र और भारतीय सौंदर्यशास्त्र के अनुसार महिलाओं के बड़े और सुडौल स्तन उन की खूबसूरती को बढ़ा कर आत्मविश्वास को दोगुना कर देते हैं. कुछ वर्षों पूर्व तक फिल्म जगत की अभिनेत्रियां ही अपने सौंदर्य को बरकरार रखने के लिए अपने छोटे स्तनों की सर्जरी करवा कर बड़ा करवाया करती थीं क्योंकि उन दिनों यह प्रक्रिया काफी कीमती हुआ करती थी परंतु आज नईनई तकनीकें आ गई हैं जिस से यह सर्जरी आम इंसान की पहुंच में भी हो गई है. इसीलिए आजकल स्तनों के आकार को बढ़ाना काफी कौमन हो गया है.
आजकल महिलाएं अपने स्तनों का मनचाहा आकार देने के लिए ब्रेस्ट सर्जरी कराने लगी हैं. 'डाक्टर करिश्मा ऐस्थैटिक्स' की संचालिका डाक्टर करिश्मा स्तनों का आकार बढ़ाने की सर्जरी के बारे में बताती हैं कि ब्रेस्ट सर्जरी मुख्यतः 2 प्रकार की होती है- औग्मैंटेशन सर्जरी जो छोटे स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए की जाती है और दूसरी ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी जो बड़े स्तनों को छोटा करने के लिए की जाती है.
ब्रैस्ट रिडक्शन सर्जरी अकसर प्राकृतिक रूप से बढ़े हुए स्तनों को छोटा करने के लिए तब की जाती है जब बढ़े हुए स्तन बैठने, सोने और चलने में परेशानी पैदा करने लगते हैं.
आमतौर पर महिलाएं स्तनों को सुडौल आकार देने और बढ़ाने के लिए बैस्ट सर्जरी कराती हैं और इस प्रक्रिया को ब्रैस्ट ऑग्मेंटेशन/बैस्ट मैमोप्लास्टी/बैस्ट इंप्लांटेशन कहा जाता है. एक महिला की ब्रैस्ट में औग्मेंटेशन 3 प्रकार से किया जाता है-
सिलिकौन ब्रैस्ट इंप्लांट
Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin May First 2024 sayısından alınmıştır.
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आजादी सिर्फ आदमियों के लिए नहीं
पैट डॉग्स आदमी का साथी सदियों से रहा है पर जब से आदमी ने गांवों को छोड़ कर घने शहरों की बस्तियों और फिर बहुमंजिले मकानों में रहना शुरू कर दिया है, मैन ऐनिमल कंपीटिशन चालू हो गया है.
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यहां मायावी मकड़जाल है
ई कॉमर्स के हजार गुण हों पर ई असलियत में यह एक तरह की साजिश है जिस में सस्ती लेबर का इस्तेमाल कर के खातेपीते लोगों को घर से निकले बिना सब सुविधाएं दिलाना है. ई कॉमर्स का मुख्य धंधा एक तरफ वेयर हाउसिंग, स्टैकिंग और डिलिवरी पर निर्भर है तो दूसरी ओर ग्राहकों को मनमाने प्रोडक्ट घर बैठे पाने के लालच में खरीदने के लिए एनकरेज करना है.
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औरतों को गुलाम बनाए रखने की साजिश
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संस्कार धर्म का कठोर बंधन
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