दीपावली पर लक्ष्मीप्राप्ति के लिए लक्ष्मीजी का मूलमंत्र
Rishi Prasad Hindi|October 2022
किसीको त्रिलोकी का राज्य भी मिल जाय पर ब्रह्मविद्या नहीं मिली तो वह व्यक्तिअभागा है।
पूज्य बापूजी
दीपावली पर लक्ष्मीप्राप्ति के लिए लक्ष्मीजी का मूलमंत्र

२३ व २४ अक्टूबर

जिसको दरिद्रता मिटानी हो उसके लिए एक खास मंत्र है । कुबेरजी लक्ष्मीजी की उपासना करके कुबेर भंडारी बन गये । दुनिया के और देश के सभी धनाढ्य लोगों से भी बड़ा धन का स्वामी है कुबेर भंडारी । कुबेर ने भगवती महालक्ष्मी के जिस मंत्र से उनकी उपासना करके परम ऐश्वर्य प्राप्त किया, उसी मंत्र के प्रभाव से दक्षसावर्णि मनु को बहुत ऊँचा पद मिला तथा राजा मंगल और प्रियव्रत को भी अथाह सम्पदा, सामर्थ्य एवं यश प्राप्त हुआ। ध्रुव के पिता राजा उत्तानपाद और राजा केदार को भी उसी मंत्र से अखंड सम्पदा मिली। 

Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin October 2022 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin October 2022 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

RISHI PRASAD HINDI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
एकमात्र सुरक्षित नौका
Rishi Prasad Hindi

एकमात्र सुरक्षित नौका

सद्गुरु के ये लक्षण हैं। यदि आप किसी व्यक्ति में इन लक्षणों को पाते हैं तो आप उसे तत्काल अपना गुरु स्वीकार कर लें। सच्चे गुरु वे हैं जो ब्रह्मनिष्ठ तथा श्रोत्रिय होते हैं।

time-read
1 min  |
June 2024
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि
Rishi Prasad Hindi

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि

महात्मा बुद्ध कहा करते थे : ‘“आनंद ! सत्संग सुनने इतने लोग आते हैं न, ये लोग मेरे को नहीं सुनते, अपने को ही सुन के चले जाते हैं।”

time-read
3 dak  |
June 2024
मनोमय कोष साक्षी विवेक
Rishi Prasad Hindi

मनोमय कोष साक्षी विवेक

(पिछले अंक में आपने 'पंचकोष-साक्षी विवेक' के अंतर्गत 'प्राणमय कोष साक्षी विवेक' के बारे में जाना। उसी क्रम में अब आगे...)

time-read
1 min  |
June 2024
बड़ा रोचक, प्रेरक है शबरी के पूर्वजन्म का वृत्तांत
Rishi Prasad Hindi

बड़ा रोचक, प्रेरक है शबरी के पूर्वजन्म का वृत्तांत

एक बार एक राजा रानी के साथ यात्रा करके लौट रहा था। एक गाँव में संत चबूतरे पर बैठ सत्संग सुना रहे थे और ५-२५ व्यक्ति धरती पर बैठकर सुन रहे थे।

time-read
2 dak  |
June 2024
शिष्य गुरु-पद का अधिकारी कब बनता है?
Rishi Prasad Hindi

शिष्य गुरु-पद का अधिकारी कब बनता है?

गुरुपूर्णिमा निकट आ रही है। इस अवसर पर ब्रह्मानुभवी महापुरुषों द्वारा अपने शिष्यों की गढ़ाई और सत्शिष्यों द्वारा ऐसी कसौटियों में भी निर्विरोधता, अडिग श्रद्धा-निष्ठा और समर्पण युक्त आचरण का वृत्तांत सभी गुरुभक्तों के लिए पूर्ण गुरुकृपा की प्राप्ति का राजमार्ग प्रशस्त करनेवाला एवं प्रसंगोचित सिद्ध होगा।

time-read
2 dak  |
June 2024
एक राजपुत्र की आत्मबोध की यात्रा
Rishi Prasad Hindi

एक राजपुत्र की आत्मबोध की यात्रा

पराशरजी अपने शिष्य मैत्रेय को आत्मज्ञानबोधक उपदेश देते हुए एक राजपुत्र की कथा सुनाते हैं :

time-read
2 dak  |
June 2024
गुरुद्वार की उन कसौटियों में छुपा था कैसा अमृत!
Rishi Prasad Hindi

गुरुद्वार की उन कसौटियों में छुपा था कैसा अमृत!

लौकिक जीवन में उन्नत होना हो चाहे आध्यात्मिक जीवन में, निष्काम भाव से किया गया सेवाकार्य मूलमंत्र है।

time-read
3 dak  |
June 2024
सर्वपापनाशक तथा आरोग्य, पुण्यपुंज व परम गति प्रदायक व्रत
Rishi Prasad Hindi

सर्वपापनाशक तथा आरोग्य, पुण्यपुंज व परम गति प्रदायक व्रत

१७ जुलाई को देवशयनी एकादशी है। चतुर्मास साधना का सुवर्णकाल माना गया है और यह एकादशी इस सुवर्णकाल का प्रारम्भ दिवस है। ऐसी महिमावान एकादशी का माहात्म्य पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से:

time-read
2 dak  |
June 2024
गुरुमूर्ति के ध्यान से मिली सम्पूर्ण सुरक्षा
Rishi Prasad Hindi

गुरुमूर्ति के ध्यान से मिली सम्पूर्ण सुरक्षा

अनंत-अनंत ब्रह्मांडों में व्याप्त उस परमात्म-चेतना के साथ एकता साधे हुए ब्रह्मवेत्ता महापुरुष सशरीर ब्रह्म होते हैं। ध्यानमूलं गुरोर्मूर्तिः पूजामूलं गुरोः पदम्... ऐसे चिन्मयस्वरूप गुरु के पूजन से, उनकी मूर्ति के ध्यान से शिष्य के अंतः स्थल में उनकी शक्ति प्रविष्ट होती है, जिससे उसके पूर्व के मलिन संस्कार नष्ट होने लगते हैं और जीवन सहज में ही ऊँचा उठने लगता है।

time-read
2 dak  |
June 2024
गुरुभक्ति की इतनी भारी महिमा क्यों है?
Rishi Prasad Hindi

गुरुभक्ति की इतनी भारी महिमा क्यों है?

धन्या माता पिता धन्यो गोत्रं धन्यं कुलोद्भवः । धन्या च वसुधा देवि यत्र स्याद् गुरुभक्तता ॥

time-read
2 dak  |
June 2024