बहुसंख्या सफलता का चिह्न नहीं है, दृढ़ता सफलता का चिह्न है। एक व्यक्ति भी यदि अपने स्वरूप में टिक जाय अच्छी तरह से और वह अड़ जाय कुछ करने को तो उसके लिए कुछ असम्भव नहीं है। २-४ नहीं, १०-२० नहीं, उसकी पार्टी के सभी व्यक्ति नहीं, केवल एक ही व्यक्ति... और जिसको सब लोग तिरस्कृत करते हों, कोई सहायता नहीं देता हो, वह भी यदि डट जाय अपने स्वरूप में तो समस्त ब्रह्मांड उसकी सहायता करने को बाध्य हो जायेगा। सारी दुनिया के लोग उसके पक्ष में होने को बाध्य हो जायेंगे। पहले हिलायेंगे, यदि हिला नहीं तो सारा संसार उसको सहाय करने को बाध्य हो जायेगा। भोग में न हिला, स्त्री में न हिला, धन में न हिला और अपने सिद्धांत पर अडिग रहा तो दुनिया उसकी हाँ में हाँ मिलाने को बाध्य होगी ही, लाचार होकर उनको सहयोग देना पड़ेगा।
एक बड़ी प्रेरक कथा है। समुद्र-किनारे एक टिटिहरी-टिटिहा रहते थे। उनके अंडे फूटने को थे।
Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin September 2022 sayısından alınmıştır.
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आयुर्वेदिक चिकित्सा का अद्भुत प्रभाव 3 बड़े ब्लॉकेज फिर भी बिना बायपास सर्जरी के तंदुरुस्त
मई २०२२ की बात है। मुझे अचानक सीने में बहुत तेज दर्द हुआ। डॉक्टर ने जाँचें कीं और बोला: \"आपको सीवियर हार्ट-अटैक आया है, हृदय में ब्लॉकेज है।\"
महापातकनाशक तथा अगाध पुण्यराशि प्रदायक व्रत
अपरा एकादशी पर विशेष
बड़ा दानी कौन?
...तो व्यक्ति निरहंकार हो के भगवान के स्वरूप में एकाकार हो जायेगा।
प्राणमय कोष साक्षी विवेक
(अंक ३७५ में आपने 'पंचकोष-साक्षी विवेक' के अंतर्गत 'अन्नमय कोष साक्षी विवेक' के बारे में जाना। उसी क्रम में अब आगे...)
हृदय की पवित्रता दिलाती सफलता
जिसने अपने जीवन का मूल्य समझा वह चाहे व्यापारी की गद्दी पर हो, चाहे न्यायाधीश की कुर्सी पर हो वह अपने बाहर के सुख और ऐश से ज्यादा अपने हृदय की पवित्रता पर ध्यान देता है।
बापूजी के सत्संग-सद्भाव व आयुर्वेद के प्रभाव से हुआ वजन संतुलित
मेरे शरीर में सन् २०१२ में मेद (चरबी) अधिक हो गया था, वजन ७१ किलो था, आलस्य व अतिनिद्रा से भी मैं परेशान था। वजन घटाने के लिए मैंने एलोपैथिक दवाइयाँ शुरू कीं परंतु कोई लाभ नहीं हुआ, उलटे साइड इफेक्ट्स होने लगे तो दवाइयाँ वापस कर दीं।
आचार्य कौशिकजी के जन्मदिवस पर आयोजित धर्मसभा में संतों ने किया शंखनाद - पूज्य बापूजी निर्दोष हैं, उनकी शीघ्र रिहाई हो
गौ तीर्थ तुलसी तपोवन गौशाला, वृंदावन में २६ मार्च को आचार्य कौशिकजी महाराज ने अपने जन्मोत्सव को निमित्त बनाकर विशाल संत-सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य था विश्वहितैषी, राष्ट्रोत्थानकर्ता कर्मयोगी संत पूज्य आशारामजी बापू की शीघ्र रिहाई हेतु संतों द्वारा एकजुट होकर समाज एवं सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाना।
पुण्य-संचय व भगवत्प्रीति के लिए सर्वोत्तम मास
वैशाख मास: २३ अप्रैल से २३ मई
गर्मी या पित्त संबंधी समस्याओं का बेजोड़ उपाय : सफेद पैठा
सफेद पेठा (भूरा कुम्हड़ा) आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत लाभदायी फल, सब्जी तथा अनेकों रोगों में उपयोगी औषधि है। इसका पका फल सर्व दोषों को हरनेवाला है।
... और मुगल साम्राज्य का अंत हो गया
जो दूसरों को परेशान करके राज्य करते हैं अथवा जो दूसरों को परेशान करके मजा लेते हैं उनके लिए कुदरत की क्या-क्या व्यवस्था है ! मुगल शासन था। दो राजकुमार दिल्ली से बाहर जंगल में आखेट (शिकार) करने गये।