भस्त्रिका की तरह ही सीधे बैठकर, कोमलता से आँखें बंद करके अंतर्मुखी हो जाएँ। श्वास निकालते हुए अपना दाहिना हाथ उठाएँ। श्वास पूरी तरह निकालने के बाद दाहिने हाथ के अँगूठे की सहायता से दाहिना नासारंध्र बन्द करें। बायें नासारंध्र से धीरेधीरे श्वास भरें। पूरी तरह श्वास भरने के बाद अनामिका अँगुली की सहायता से बायीं नासिका (नासारंध्र) बंद करें और दायीं नासिका से अँगूठा हटा लें। अब दायीं नासिका से श्वास निकालें एवं पुनः भरें। वापस अँगूठे से दाहिना नासारंध्र बन्द करें और बायें नासारंध्र को खोलकर बायें से श्वास बाहर निकालें। यह एक चक्र हो गया।
इस प्रकार लगातार 5 से 10 चक्र करें। अन्तिम चक्र पूरा होने के बाद बायीं नासिका से श्वास भरकर कम से कम 1 मिनट तक विश्राम और आत्मनिरीक्षण करें। श्वास सामान्य रखें। अगर नियमित अभ्यास कर रहे हो, तो हर माह 3-4 चक्रों का अभ्यास बढ़ा सकते हैं।
अनुलोम-विलोम करते समय बरती जाने वाली सावधानियाँ
Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin June 2023 sayısından alınmıştır.
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शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!
नशा एक बहुत ही नकारात्मक और परिवारों को नष्ट करने वाला होता है और इसी नशे की लत के चलते जातक अपने घर, कॅरिअर आदि सब-कुछ बर्बाद कर देता है।
वास्तु शास्त्र से जानें कौनसे पेड़ लगाने चाहिए और कौनसे नहीं?
घर के समीप अशुभ वृक्ष लगे हों और उनको किसी कारण से नहीं काट सकते हों, तो अशुभ वृक्ष और घर के बीच में शुभ फल वाले वृक्ष लगा देने चाहिए।
अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर
जैन धर्म की चार संज्ञाओं का बहुत महत्त्व है। प्रथम संज्ञा है 'जिनेन्द्र' अर्थात् जिन्होंने इन्द्रियों को जीतकर अपने वश में कर लिया है। दूसरी ‘अरिहंत’ अर्थात् जिन्होंने केवल ज्ञान प्राप्त किया है। तीसरी संज्ञा 'तीर्थंकर' है।
ज्योतिष और वैवाहिक सुख
जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह हमारे मानव जीवन में अहम स्थान रखते हैं। यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र ही है।
वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
अपनी जन्मपत्रिका में वक्री ग्रह को पहचानकर कोई भी व्यक्ति उस वक्री ग्रह द्वारा परोक्ष रूप से दी जाने वाली सीख को आत्मसात करके अपने जीवन को सरल बना सकता है।
नववर्ष का अभिनन्दन
भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथियाँ मार्च और अप्रैल के माह में आती हैं। पंजाब में नया साल बैसाखी के नाम से 13 अप्रैल को मनाया जाता है।
सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ
पाँच यज्ञ जातक प्रतिदिन कर ले, तो उसके सारे रोग, सन्ताप एवं बुरे कर्म ऐसे नष्ट होने लगते हैं, जैसे अग्नि लकड़ी को जलाकर राख कर देते हैं।
नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...
स्त्री यदि वास्तव में दुर्गा एवं शक्ति का अवतार है, तो यह सम्मान उसे प्रत्येक स्तर पर मिलना ही चाहिए। चाहे वह धार्मिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या शिक्षा हो।
शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र
रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्
ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति
नवरात्र का पर्व व्यक्ति के भीतर स्थित आसुरी शक्ति (काम, क्रोध, असत्य, अहंकार आदि) को नष्ट कर दैवीय सम्पदा के तत्त्वों का प्रार्दुभाव करता है।