समय परिवर्तन के साथ ही व्यापार करने का तरीका भी पूर्णरूप से परिर्तित हो चुका है। अब आय के स्रोत पूर्व के समान नहीं रहे हैं। जहाँ आप कोई व्यापारिक स्थल पर जाकर वस्तु को बेचें और मुनाफा प्राप्त करें। व्यापार की बहुत-सी विधाओं का प्रादुर्भाव पिछले 50 वर्षों में हुआ है, जिनमें फ्रेंचाइज व्यापार एक ऐसा व्यवसाय सिद्ध हुआ है, जिसने बिना किसी परेशानी और महँगे निवेश के कई व्यक्तियों को उत्तम कार्यक्षेत्र प्राप्त करवाया है। इस व्यवसाय के तरीके की शुरुआत पश्चिमी देशों से हुई, लेकिन यह व्यापार अब भारत में भी अपने पैर पसार चुका है। वर्तमान में जो भी व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए व्यापार की शुरुआत करना चाहता है, उसके लिए फ्रेंचाइज व्यापार उत्तम सिद्ध हो सकता है।
हालाँकि वर्तमान में व्यापार का यह तरीका सिर्फ बड़े शहरों में ही सफल रहा है, लेकिन तेजी से बदलते परिप्रेक्ष्य में कुछ ही वर्षों में यह गाँव-गाँव तक फैल जाएगा। इस व्यापार की यह खासियत होती है कि इसमें व्यापारिक जोखिम की सम्भावना कम होती है। इससे पैसा डूबने की सम्भावना कम होती है। इसमें आप उस वस्तु को बेचते हैं, जो बाजार में पहले से जानी और पहचानी जाती है। इसका वितरण भी आपको मुख्य फ्रेंचाइज द्वारा ही किया जाता है। आपका कार्य सिर्फ एजेन्ट के रूप में है, जो एक ब्राण्ड वेल्यू वाली वस्तु को बेचकर कमीशन कमाता है।
ज्योतिष में बुध को कमीशन द्वारा प्राप्त आय का कारक माना जाता है। वर्तमान में बहुत से व्यक्ति नौकरी के स्थान पर व्यापार करना पसन्द करते हैं, लेकिन उन्हें किस वस्तु का व्यापार करना है, इसके लिए वे अपनी जन्मपत्रिका दिखाकर ज्योतिषी की राय भी जानना चाहते हैं।
Bu hikaye Jyotish Sagar dergisinin November 2022 sayısından alınmıştır.
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शराब की लत छुड़ाने के सरल उपाय!
नशा एक बहुत ही नकारात्मक और परिवारों को नष्ट करने वाला होता है और इसी नशे की लत के चलते जातक अपने घर, कॅरिअर आदि सब-कुछ बर्बाद कर देता है।
वास्तु शास्त्र से जानें कौनसे पेड़ लगाने चाहिए और कौनसे नहीं?
घर के समीप अशुभ वृक्ष लगे हों और उनको किसी कारण से नहीं काट सकते हों, तो अशुभ वृक्ष और घर के बीच में शुभ फल वाले वृक्ष लगा देने चाहिए।
अहिंसा के प्रवर्तक भगवान् महावीर
जैन धर्म की चार संज्ञाओं का बहुत महत्त्व है। प्रथम संज्ञा है 'जिनेन्द्र' अर्थात् जिन्होंने इन्द्रियों को जीतकर अपने वश में कर लिया है। दूसरी ‘अरिहंत’ अर्थात् जिन्होंने केवल ज्ञान प्राप्त किया है। तीसरी संज्ञा 'तीर्थंकर' है।
ज्योतिष और वैवाहिक सुख
जन्मपत्रिका में शुक्र ग्रह हमारे मानव जीवन में अहम स्थान रखते हैं। यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक शुक्र ही है।
वक्री ग्रहों की आध्यात्मिक विवेचना
अपनी जन्मपत्रिका में वक्री ग्रह को पहचानकर कोई भी व्यक्ति उस वक्री ग्रह द्वारा परोक्ष रूप से दी जाने वाली सीख को आत्मसात करके अपने जीवन को सरल बना सकता है।
नववर्ष का अभिनन्दन
भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथियाँ मार्च और अप्रैल के माह में आती हैं। पंजाब में नया साल बैसाखी के नाम से 13 अप्रैल को मनाया जाता है।
सर्वसिद्धि-फल प्रदाता पाँच यज्ञ
पाँच यज्ञ जातक प्रतिदिन कर ले, तो उसके सारे रोग, सन्ताप एवं बुरे कर्म ऐसे नष्ट होने लगते हैं, जैसे अग्नि लकड़ी को जलाकर राख कर देते हैं।
नारी को शक्ति मानकर पूजना मात्र पर्याप्त नहीं...
स्त्री यदि वास्तव में दुर्गा एवं शक्ति का अवतार है, तो यह सम्मान उसे प्रत्येक स्तर पर मिलना ही चाहिए। चाहे वह धार्मिक क्षेत्र हो, राजनीति क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो या शिक्षा हो।
शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र
रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्
ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति
नवरात्र का पर्व व्यक्ति के भीतर स्थित आसुरी शक्ति (काम, क्रोध, असत्य, अहंकार आदि) को नष्ट कर दैवीय सम्पदा के तत्त्वों का प्रार्दुभाव करता है।