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हाथ में रखा हुआ मोदक क्यों नहीं खाता गणेशजी का मूषक ?
Dainik Bhaskar Chhatarpur
|August 24, 2025
गणेशजी की एक उपाधि लम्बोदर है। उनका उदर समृद्धि और प्रचुरता का प्रतीक है।
उनका गजमुख हमें शक्ति की भावना प्रदान करता है। उनका वाहन मूषक है, जो बाधाओं को पार करके गोदामों तक पहुंचने और अनाज जमा करने के लिए प्रसिद्ध है। मूषक को पकड़ना कठिन होता है। रोचक बात यह है कि गणेशजी के उदर के चारों ओर नाग लिपटा हुआ है। सामान्यतः नाग मूषकों का शिकार करते हैं। इसके बावजूद गणेशजी निश्चिंत दिखाई देते हैं। उनके हाथ में सिक्कों की थैली जैसे आकार का मोदक है, किंतु गणेशजी का मूषक उस मोदक में कोई रुचि नहीं दिखाता।
यहां गजमुख और उदर, शक्ति तथा प्रचुरता का प्रतीक हैं। दूसरी ओर, नाग मूषक को और मूषक मोदक को नहीं खा रहा है, जो संतुष्टि का संकेत है। ऐसा प्रतीत होता है कि गणेशजी अपने एक हाथ से श्रद्धालुओं को सिक्कों की थैली जैसा मोदक प्रदान कर रहे हैं और दूसरा हाथ ऊपर की ओर अभय मुद्रा में है। इस प्रकार गणेशजी न केवल समृद्ध, शक्तिशाली और संतुष्ट हैं, बल्कि अपने श्रद्धालुओं को सुरक्षा और पोषण भी प्रदान करते हैं। उनमें एक आदर्श यजमान के सभी गुण मौजूद हैं।
Bu hikaye Dainik Bhaskar Chhatarpur dergisinin August 24, 2025 baskısından alınmıştır.
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