क्या ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा कारगर हो पाएगा? क्या बाजार की चाल प्रभावित होगी?
बाजारों में सरकार और मौजूदा सुधारों की निरंतरता का असर मौजूदा कीमतों में दिखा है। लोकसभा में 400 से ज्यादा या कुछ कम सीटों के साथ भले ही सरकार बनी रहे, लेकिन मेरा मानना है कि जब तक सरकार की निरंतरता बनी रहेगी, इसका बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बाजार की दीर्घावधि सेहत के लिए, सुधार की रफ्तार बनाए रखना जरूरी है। भारत ने बड़ी प्रगति की है और वह 10वीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था से बढ़कर तीसरे पायदान पर आना चाहता है। विश्व अर्थव्यवस्था में महज एक ‘कोच’ से विकसित होने के बाद, भारत अब ‘इंजन’ के रूप में मजबूत हुआ है। हालांकि, वृद्धि की इस राह को बनाए रखने के लिए निरंतर सुधारों की आवश्यकता है।
अगर, सुधारों व सरकार की निरंतरता में भरोसा है तो बाजारों में बेचैनी क्यों है?
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin May 13, 2024 sayısından alınmıştır.
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इस बार लोक सभा में 93 फीसदी करोड़पति
इस बार लोक सभा में पहुंचे हर 10 में से 9 सांसद के पास 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़े दर्शाते हैं कि करोड़पति सांसदों की हिस्सेदारी 93 फीसदी हो गई है। यह पिछले चुनावों में 88 फीसदी थी। साल 2009 में करीब 58 फीसदी सांसद करोड़पति थे। साल 2014 के 14.7 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार विजेताओं के पास औसत 46.3 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति है।
शेयर बाजार में सबसे बड़ा घोटाला हुआ: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दी गई शेयर खरीदने की सलाह और फिर चुनाव के बाद आए ‘झूठे एक्जिट पोल’ के कारण शेयर बाजार में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है जिसमें निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए। उन्होंने कहा कि इस आपराधिक कृत्य में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री और एक्जिट पोल करने वालों की भूमिका की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए।
गले की फांस न बन जाए विशेष दर्जा
केंद्र सरकार को समर्थन के एवज में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए जदयू व तेदेपा ने विशेष दर्जा मांगा
सरकार के गठन के बाद आईपीईएफ समझौता
भारत मजबूत आपूर्ति श्रृंखला समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुका है
एसीसी पीएलआई आवेदकों को मिलेगा दो हफ्ते का मौका!
बोली संबंधित अनियमितताओं का प्रभाव
अगले सप्ताह कमजोर पड़ सकता है मॉनसून
कुछ दिनों में मॉनसून अन्य इलाकों में बढ़ेगा, लेकिन अगले सप्ताह से यह कमजोर पड़ सकता है
ब्याज दर स्प्रेड निचले स्तर पर
अप्रैल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्प्रेड 10 साल के नए निचले स्तर 2.2 प्रतिशत पर पहुंचा, दो मार्च 2024 में 2.28 प्रतिशत के निचले स्तर पर था
कम रेटिंग वाली प्रतिभूतियों में निवेश बढ़ा रहे फंड प्रबंधक
8.5 प्रतिशत प्रतिफल की उम्मीद में लगा रहे दांव
यूनाइटेड स्पिरिट्स पर अल्पावधि चिंताओं से पड़ रहा दबाव
दीर्घावधि परिदृश्य मजबूत दिख रहा लेकिन तत्काल बढ़त का कोई कारण नहीं
निगरानी में लापरवाही तो एक्सचेंजों पर लगेगा जुर्माना
बाजार से जुड़ी बुनियादी संस्थाओं के लिए संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देना, पूर्व-निवारक उपाय करना तथा अलर्ट जारी करना आवश्यक है