क्यों खास होता है विधानसभा अध्यक्ष
Sarita|February Second 2024
किसी दल के पास सरकार चलाने का स्पष्ट बहुमत न हो, तो विधानसभा अध्यक्ष की उपयोगिता बढ़ जाती है. सत्ता पक्ष अपनी पसंद का विधानसभा अध्यक्ष चाहता है. बिहार में नीतीश कुमार के बहुमत साबित करने से पहले पुराने विधानसभा अध्यक्ष को हटा कर नया विधानसभा अध्यक्ष चुना गया.
शैलेंद्र
क्यों खास होता है विधानसभा अध्यक्ष

गठबंधन सरकारों को चलाने की बात हो या दलबदल की या फिर कमजोर बहुमत की, इन हालात में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका खास हो जाती है. बिहार में जब जदयू नेता नीतीश कुमार को 9वीं बार बहुमत साबित करने का समय आया तो सब से पहले विधानसभा के पहले वाले अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने का प्रस्ताव पेश हुआ. पुराने विधानसभा अध्यक्ष राजद के समर्थक माने जाते थे. उन की जगह पर नए विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नंद किशोर यादव को चुना गया. इस के बाद नीतीश कुमार का बहुमत साबित होना पक्का हो गया था. नंद किशोर यादव 7 बार के विधायक हैं. मंत्री रहे हैं. वे आरएसएस के करीबी भी हैं.

अगर राजद के 3 विधायक विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान करते तो विश्वास मत में पड़े वोटों की संख्या 122 हो जाती. वैसी स्थिति में राजग के 5 विधायकों के अलावा राजद पक्ष के 2-3 विधायक पाला बदल लेते तो सरकार बहुमत हासिल नहीं कर सकती थी. राजद के 3 विधायकों- चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव के पाला बदलते ही राजग के आधा दर्जन नाराज चल रहे विधायक नरम पड़ गए. उन को लगा कि अब उन के बिना भी सरकार बन जाएगी इन विधायकों ने सदन का रुख कर लिया. जदयू के एक विधायक दिलीप राय इस के बाद भी मतदान में शामिल नहीं हुए.

राजग यानी एनडीए का विधानसभा अध्यक्ष बनते ही जदयू के नाराज विधायकों को यह पता चल गया कि अब वे जदयू को तोड़ नहीं पाएंगे. ऐसे में पार्टी के साथ रहने में ही भलाई है. जब इस तरह का बहुमत साबित करना होता है तब विधानसभा अध्यक्ष की अहमियत बढ़ जाती है. इसीलिए बहुमत साबित करने वाला दल अपनी पसंद का विधानसभा अध्यक्ष चाहता है. उत्तर प्रदेश में जब मायावती यानी बसपा- भाजपा की गठबंधन वाली सरकार बनती थी तब भाजपा केशरीनाथ त्रिपाठी को ही विधानसभा अध्यक्ष बनाती थी. वे दलबदल कानून के सब से बड़े जानकार और वकील थे. वे पार्टी को संकट से निकालने का काम करते थे. ऐसे उदाहरण देशभर में भरे पड़े हैं.

Bu hikaye Sarita dergisinin February Second 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Sarita dergisinin February Second 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

SARITA DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
पुराणों में भी है बैड न्यूज
Sarita

पुराणों में भी है बैड न्यूज

हाल ही में फिल्म 'बैड न्यूज' प्रदर्शित हुई, जो मैडिकल कंडीशन हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन पर आधारित थी. इस में एक महिला के एक से अधिक से शारीरिक संबंध दिखाने को हिंदू संस्कृति पर हमला कहते कुछ भगवाधारियों ने फिल्म का विरोध किया पर इस तरह के मामले पौराणिक ग्रंथों में कूटकूट कर भरे हुए हैं.

time-read
5 dak  |
September First 2024
काम के साथ सेहत भी
Sarita

काम के साथ सेहत भी

काम करने के दौरान लोग अकसर अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते, जिस से हैल्थ इश्यूज पैदा हो जाते हैं. जानिए एक्सपर्ट से क्यों है यह खतरनाक?

time-read
5 dak  |
September First 2024
प्यार का बंधन टूटने से बचाना सीखें
Sarita

प्यार का बंधन टूटने से बचाना सीखें

आप ही सोचिए क्या पेरेंट्स बच्चों से न बनने पर उन से रिश्ता तोड़ लेते हैं? नहीं न? बच्चों से वे अपना रिश्ता कायम रखते हैं न, तो फिर वे अपने वैवाहिक रिश्ते को बचाने की कोशिश क्यों नहीं करते? बच्चे मातापिता को डाइवोर्स नहीं दे सकते तो पतिपत्नी एकदूसरे के साथ कैसे नहीं निभा सकते, यह सोचने की जरूरत है.

time-read
3 dak  |
September First 2024
तलाक अदालती फैसले एहसान क्यों हक क्यों नहीं
Sarita

तलाक अदालती फैसले एहसान क्यों हक क्यों नहीं

शादी कर के पछताने वाले हजारोंलाखों लोग मिल जाएंगे, लेकिन तलाक ले कर पछताने वाले न के बराबर मिलेंगे क्योंकि यह एक घुटन भरी व नारकीय जिंदगी से आजादी देता है. लेकिन जब सालोंसाल तलाक के लिए अदालत के चक्कर काटने पड़ें तो दूसरी शादी कर लेने में हिचक क्यों?

time-read
5 dak  |
September First 2024
शिल्पशास्त्र या ज्योतिषशास्त्र?
Sarita

शिल्पशास्त्र या ज्योतिषशास्त्र?

शिल्पशास्त्र में किसी इमारत की उम्र जानने की ऐसी मनगढ़ंत और गलत व्याख्या की गई है कि पढ़ कर कोई भी अपना सिर पीट ले.

time-read
6 dak  |
September First 2024
रेप - राजनीति ज्यादा पीडिता की चिंता कम
Sarita

रेप - राजनीति ज्यादा पीडिता की चिंता कम

देश में रेप के मामले बढ़ रहे हैं. सजा तक कम ही मामले पहुंचते हैं. इन में राजनीति ज्यादा होती है. पीड़िता के साथ कोई नहीं होता.

time-read
8 dak  |
September First 2024
सिध सिरी जोग लिखी कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
Sarita

सिध सिरी जोग लिखी कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

धीरेधीरे मैं भी मौजूदा एडवांस दुनिया का हिस्सा बन गई और उस पुरानी दुनिया से इतनी दूर पहुंच गई कि प्रांशु को लिखवाते समय कितने ही वाक्य बारबार लिखनेमिटाने पड़े पर फिर भी वैसा...

time-read
8 dak  |
September First 2024
चुनाव परिणाम के बाद इंडिया ब्लौक
Sarita

चुनाव परिणाम के बाद इंडिया ब्लौक

16 मई, 2024 को चुनावप्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में दहाड़ने की कोशिश करते हुए कहा था कि 4 जून को इंडी गठबंधन टूट कर बिखर जाएगा और विपक्ष बलि का बकरा खोजेगा, चुनाव के बाद ये लोग गरमी की छुट्टियों पर विदेश चले जाएंगे, यहां सिर्फ हम और देशवासी रह जाएंगे. लेकिन 4 जून के बाद कुछ और हो रहा है.

time-read
8 dak  |
September First 2024
वक्फ की जमीन पर सरकार की नजर
Sarita

वक्फ की जमीन पर सरकार की नजर

भाजपा की आंखें वक्फ की संपत्तियों पर गड़ी हैं. इस मामले को उछाल कर जहां वह एक तरफ हिंदू वोटरों को यह दिखाने की कोशिश करेगी कि देखो मुसलमानों के पास देश की कितनी जमीन है, वहीं वक्फ बोर्ड में घुसपैठ कर के वह उसे अपने नियंत्रण में लेने की फिराक में है.

time-read
10+ dak  |
September First 2024
1947 के बाद कानूनों से रेंगतीं सामाजिक बदलाव की हवाएं
Sarita

1947 के बाद कानूनों से रेंगतीं सामाजिक बदलाव की हवाएं

15 अगस्त, 1947 को भारत को जो आजादी मिली वह सिर्फ गोरे अंगरेजों के शासन से थी. असल में आम लोगों, खासतौर पर दलितों व ऊंची जातियों की औरतों, को जो स्वतंत्रता मिली जिस के कारण सैकड़ों समाज सुधार हुए वह उस संविधान और उस के अंतर्गत 70 वर्षों में बने कानूनों से मिली जिन का जिक्र कम होता है जबकि वे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं. नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी का सपना इस आजादी का नहीं, बल्कि देश को पौराणिक हिंदू राष्ट्र बनाने का रहा है. लेखों की श्रृंखला में स्पष्ट किया जाएगा कि कैसे इन कानूनों ने कट्टर समाज पर प्रहार किया हालांकि ये समाज सुधार अब धीमे हो गए हैं या कहिए कि रुक से गए हैं.

time-read
10+ dak  |
September First 2024