पर्यटन डैस्क
पर्यटन के लिए आप जिन जगहों का चयन करते हैं, उन से आप की पर्सनैलिटी का अंदाजा लगाना संभव है. हर व्यक्ति अपनी पर्सनैलिटी के आधार पर ही टूरिस्ट डैस्टिनेशन का चयन करता है. आखिर क्यों कुछ लोग छुट्टियों में पहाड़ों की ओर रुख करते हैं तो कई मैदानी इलाकों के शहरों के ऐतिहासिक स्थल पसंद करते हैं. कुछ लोगों को नदी, समंदर और झीलें अपनी ओर खींचती हैं तो कुछ लोग जंगली इलाकों में सफारी और रोमांच का अनुभव करते हैं.
कोविड से पहले 2 लाख पर्यटकों से बातचीत करने और उन की आदतों व चयन प्रक्रिया पर 3 दशकों तक अध्ययन करने के बाद पाया गया कि अलगअलग पर्सनैलिटी वाले लोगों के मनोरंजन और रोमांच की जरूरतें भी अलग होती हैं.
पसंदीदा स्थान : पहाड़
व्यक्तित्व : अंतर्मुखी, शांत और कम बोलने वाले पहाड़ों की यात्रा पसंद करने वाले रोमांचकारी अनुभवों के शौकीन होते हैं. इन्हें पहाड़ों के चौतरफा बिखरी हरियाली और ऊपर फैला नीला आसमान खूब लुभाता है. ये क्रिएटिव होते हैं. हवाएं, बादल और बर्फ इन्हें आकर्षित करती है. लेकिन ये शांत रहना पसंद करते हैं और आमतौर पर अंतर्मुखी होते हैं. इन्हें अस्मिट्रिकल पहाड़ियां, छोटेबड़े पेड़, झाड़ियां, जंगली फूल, झरने जो टेढ़ेमेढ़े बहते हैं, भाते हैं.
पसंदीदा स्थान : सी बीच
व्यक्तित्व : कुदरती उजाला पसंद करने वाले समुद्र के किनारे दूरदूर तक बिखरी सुनहरी रेत, सूरज की धूप से चमकते बालू के कण और नीली आभा लिए समुद्र की लहरें इन लोगों को खूब लुभाती हैं. घर से दूर जा कर लहरों का शोर सुनना और अजनबी लोगों के साथ बैठना इन्हें खूब भाता है. इन्हें तेज रोशनी और खुली जगहें पसंद आती हैं. ये घंटों लहरों को देख सकते हैं और हर रोज सनराइज या सनसैट इन्हें लुभाता है.
पसंदीदा स्थान : क्रूज
Bu hikaye Sarita dergisinin September First 2023 sayısından alınmıştır.
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50 प्लस की एंड यंग हौट ब्यूटीज
बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति की सुंदरता कम होने लगती है. उम्र के साथ चेहरे पर लकीरें नजर आना और शरीर में थोड़ी चरबी का बढ़ना आम बात है. लेकिन फिल्म जगत में ऐसी कई अदाकाराएं हैं जिन्होंने अपनी खूबसूरती से उम्र को मात दी है. बढ़ती उम्र के साथ ये ऐक्ट्रैसेस और ज्यादा खूबसूरत होती जा रही हैं.
खुशी हमारी मुट्ठी में
जिंदगी में हमेशा खुश रहने के साथ स्वस्थ, सक्रिय व संतुष्ट जीवन बिताना चाहते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है.
मैट्रो और मोबाइल
मोबाइल का गलत उपयोग करना कितना गलत परिणाम देता है, यह मुझे तब पता चला जब मैं एक दिन मैट्रो में सफर कर रहा था. विश्वास न हो खुद ही जान लीजिए ताकि आप को भी एहसास हो ही जाए.
करीबी रिश्ते में खटास लाए बीमारियां
रिलेशनशिप में खटास न सिर्फ मैंटल हैल्थ को प्रभावित करती है बल्कि फिजिकल हैल्थ पर भी इस का बुरा असर पड़ता है क्योंकि इस से होने वाले स्ट्रैस से कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं.
एबौर्शन का फैसला औरत का ही हो
भारत के अनाथाश्रमों में लाखों की संख्या में ऐसे नवजात शिशु पल रहे हैं जिन को पैदा कर के मरने के लिए सड़कों, कूड़े के ढेर, नालियों व गटर में फेंक दिया गया. क्यों? क्योंकि समय पर गर्भवती अपना गर्भ गिराने में नाकाम रही और मजबूरन उसे अनचाहे बच्चे को जन्म देना पड़ा.
क्यों घर से भाग कर पछताती नहीं लड़कियां
कम उम्र की लड़कियों के घर से भागने की वजहें, थोड़ी ही सही, बदल रही हैं. माना यह जाता है कि लड़कियां आमतौर पर फिल्मों में हीरोइन बनने के लिए भागती हैं और नासमझी के चलते कोई भी उन्हें इस बाबत बहका लेता है.
दहेज से जुड़ी मौतें जिम्मेदार कौन
दहेज हत्या मामले में अकसर लड़के और उस के घर वालों को हिरासत में ले लिया जाता है. मगर क्या सही में दहेज से जुड़े मामलों में हमेशा सारा दोष लड़के या उस के घर वालों का ही होता है? कई बार इस के लिए दोषी खुद लड़की, उस के घर वाले और हमारा समाज भी होता है.
एकादशी महात्म्य - एकादशियों की ऊलजलूल कथाएं बनाम लूट का साधन
एकादशी के कर्मकांड अधिकतर संपन्न व खातापीता तबका करवाते दिखाई देता है. वे बड़े चाव से इस की ऊलजलूल कथाएं सुनते हैं, लेकिन शायद ही वे इस पर कोई सार्थक विमर्श कर पाते हैं या सवाल खड़े कर पाते हैं. अगर वे चिंतनशील होते तो जान जाते कि कैसे एकादशी कर्मकांड पंडों के लूट का साधन के सिवा और कुछ नहीं.
गुड गवर्नेस को मुंह चिढ़ाता पेपर लीक
'मैं अब और जीना नहीं चाहता, मेरा मन भर गया है. मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाए. मैं ने अपनी बीएससी की डिग्री जला दी है. ऐसी पढ़ाई का क्या फायदा जो एक नौकरी न दिला सके.' पेपर लीक से परेशान व निराश युवा बृजेश पाल ने अपनी जान दे दी. यह उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले बृजेश पाल की ही व्यथा नहीं है, देश के कई मजबूर व बेरोजगार नौजवानों की भी यही कहानी है.
प्रज्वल रेवन्ना - राजनेता और पोर्न फिल्मों का धंधेबाज
पोर्न फिल्में अब हर किसी की जरूरत बन चुकी हैं. लोग इन्हें उत्तेजना के लिए भी देखते हैं और कई इन्हीं के जरिए जिज्ञासाएं शांत करते हैं. यह देह व्यापार की तरह का अपराध है जिसे कानूनन तो क्या, किसी भी तरीके से बंद नहीं किया जा सकता. वजह, इस का नैसर्गिक होना है. टैक्नोलौजी ने इस की पहुंच सस्ती और आसान भी कर दी है. पोर्न इंडस्ट्री की अपनी अलग दुनिया है लेकिन इस में हलचल तब मचती है जब प्रज्वल रेवन्ना जैसी कोई हस्ती इस में इन्वाल्व पाई जाती हैं.