"हिंदी में बात करने में आखिर शर्म कैसी?" यश टोंक
Sarita|September Second 2022
यश टोंक ने अपने कैरियर की शुरुआत मौडलिंग से की. उस के बाद सीरियलों में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने फिल्मों की तरफ रुख किया. इन दिनों वे फिल्म ‘हरियाणा' को ले कर चर्चा में हैं.
शांतिस्वरूप त्रिपाठी
"हिंदी में बात करने में आखिर शर्म कैसी?" यश टोंक

सोनीपत, हरियाणा में जन्मे यश टोंक तो फौज में जाना चाहते थे पर समय ने उन्हें अभिनेता बना दिया. 25 वर्षों के अभिनय कैरियर में यश टोंक 'जस्ट मोहब्ब्त', 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'कुंडली', 'कर्म अपना अपना' जैसे 2 दर्जन से अधिक सीरियल और 'संघर्ष', 'किस से प्यार करूं', 'जय हो', 'मणिकर्णिका' सहित कई फिल्मों में अभिनय कर शोहरत बटोर चुके हैं. इन दिनों वे फिल्म 'हरियाणा' को ले कर चर्चा में हैं. उन से बातचीत करना सहज रहा.

यश टोंक अपनी जर्नी के बारे में बताते हैं, “मेरी पैदाइश सोनीपत, हरियाणा की है. मगर मेरी शिक्षा व परवरिश हिसार में हुई. पिताजी फौज में थे लेकिन उन्होंने रिटायरमैंट ले लिया. उस के बाद वे हरियाणा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, हरियाणा में चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप में कार्य करने लगे. बचपन मेरा हिसार में बीता. कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई मैं ने वहीं से की. उस के बाद बीकौम की पढ़ाई करने के लिए मैं दिल्ली अपनी मौसी के पास चला गया.

“मैं ने दिल्ली में रह कर बीकौम औनर्स की पढ़ाई की पढ़ाई के साथ कालेज में मनाए जाने वाले फैस्टिवल में हिस्सा लिया करता था. फिर एक दिन पता चला कि पिलानी, राजस्थान में फैशन शो होता है जहां भारत के सभी कालेज हिस्सा लेते हैं. हम भी अपने कालेज की टीम बना कर पिलानी गए और फैशन शो में हिस्सा लिया. उस से पहले हमारे कालेज से कभी कोई गया नहीं था. हम ने पहली बार कोशिश की. वहां मुझे सर्वश्रेष्ठ मौडल का पुरस्कार मिला.

“मुझे लगता है कि वहीं से एक शुरुआत हुई थी. वास्तव में सर्वश्रेष्ठ मौडल का पुरस्कार मिलने से एक पहचान मिली. हर जगह चर्चा हुई कि हरियाणा के छोटे शहर के लड़के ने कमाल कर दिया. इधर दिल्ली के कालेज में हर कोई मुझे पहचानने लगा. उस के बाद कुछ अन्य फैशन शोज किए. पोर्टफोलियो भी बनवाया. इस के बाद मैं प्रोफैशनल मौडल के रूप में फैशन शो करने लगा. तब कहीं मेरे पिताजी को लगा कि शायद बेटे में कुछ प्रतिभा है.

Bu hikaye Sarita dergisinin September Second 2022 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Sarita dergisinin September Second 2022 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

SARITA DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया
Sarita

फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया

लाइलाज बीमारी कैंसर का हिंदी फिल्मों से ताल्लुक कोई 60 साल पुराना है. 1963 में सी वी श्रीधर निर्देशित राजकुमार, मीना कुमारी और राजेंद्र कुमार अभिनीत फिल्म 'दिल एक मंदिर' में सब से पहले कैंसर की भयावहता दिखाई गई थी लेकिन 'आनंद' के बाद कैंसर पर कई फिल्में बनीं जिन में से कुछ चलीं, कुछ नहीं भी चलीं जिन की अपनी वजहें भी थीं, मसलन निर्देशकों ने कैंसर को भुनाने की कोशिश ज्यादा की.

time-read
7 dak  |
April Second 2024
मोबाइल नंबर की अनिवार्यता
Sarita

मोबाइल नंबर की अनिवार्यता

आज मोबाइल हमारे जीवन का जरूरी अंग बना दिया गया है. हम चाह कर भी इस के बिना नहीं रह सकते. सभी चीजें औनलाइन कर दी गई हैं. कुछ काम तो सिर्फ औनलाइन तक ही सीमित रह गए हैं. ऐसे में एक गरीब को भी मोबाइल खरीदना जरूरी हो गया है.

time-read
1 min  |
April Second 2024
घर में बनाएं जिम
Sarita

घर में बनाएं जिम

जिम में जा कर ऐक्सरसाइज करने से अधिक सुविधाजनक यह है कि घर में ही अपना जिम बनाएं घर के जिम में आवश्यक ऐक्सरसाइज इक्विपमैंट ही रखें, जिस से कम बजट में इस को तैयार किया जा सके.

time-read
3 dak  |
April Second 2024
अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा
Sarita

अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा

आयु का इच्छाओं से कोई संबंध नहीं है. अगर आप अपने बलबूते पर, खुद के भरोसे 60 वर्ष की आयु में भी शरीर बनाना चाहते हैं, दुनिया की सैर करना चाहते हैं, किसी हसीना के साथ डेट पर जाना चाहते हैं या शादी करना चाहते हैं तो भई, इस पर सवाल कैसा?

time-read
5 dak  |
April Second 2024
गरमी में भी सब्जियों और फलों को ऐसे रखें ताजा
Sarita

गरमी में भी सब्जियों और फलों को ऐसे रखें ताजा

गरमी में सब्जियां, खासकर हरी सब्जियां, जल्दी खराब होती हैं. ऐसे में वे आसान तरीके जानिए जिन से सब्जियों को जल्दी खराब होने से बचाया जा सकता है.

time-read
3 dak  |
April Second 2024
वौयस क्लोनिंग का खतरा
Sarita

वौयस क्लोनिंग का खतरा

आजकल वौयस क्लोनिंग के जरिए महिलाओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है. एआई की मदद से प्रेमी, भाई या किसी अन्य परिजन की आवाज में कौल कर पैसे ऐंठे जा रहे हैं जो डिजिटलीकरण की कमियां दिखा रहा है.

time-read
5 dak  |
April Second 2024
जीने की आजादी है महिलाओं का बाइक चलाना
Sarita

जीने की आजादी है महिलाओं का बाइक चलाना

पुरुषों के लिए बाइक चलाना सामान्य बात मानी जाती है मगर कोई महिला बाइक चलाए तो उसे हैरान नजरों से देखा जाता है.

time-read
3 dak  |
April Second 2024
हीनता और वितृष्णा का प्रतीक पादुका पूजन
Sarita

हीनता और वितृष्णा का प्रतीक पादुका पूजन

भारत में गुरु तो गुरु, उन की पादुकाएं तक पैसा कमाती हैं. इसे चमत्कार कहें या बेवकूफी, यह अपने देश में ही होना संभव है. धर्मगुरुओं ने प्रवचनों के जरिए लोगों में आज कूटकूट कर इतनी हीनता भर दी है कि वे मानसिक तौर पर अपाहिज हो कर रह गए हैं.

time-read
5 dak  |
April Second 2024
फ्रांस में गर्भपात पर फैसला मेरा शरीर मेरा हक
Sarita

फ्रांस में गर्भपात पर फैसला मेरा शरीर मेरा हक

फ्रांस में गर्भपात कानून में बदलाव के बाद पूरी दुनिया में इस पर बहस छिड़ गई है कि इस का नतीजा क्या होगा?

time-read
4 dak  |
April Second 2024
बाल्टीमोर ब्रिज हादसा पुल के साथ ढहा भारतीय आत्मसम्मान
Sarita

बाल्टीमोर ब्रिज हादसा पुल के साथ ढहा भारतीय आत्मसम्मान

अमेरिका और अमेरिकी बहुत ज्यादा उदार नहीं हैं. विदेशियों, खासतौर से अश्वेतों के प्रति उन के पूर्वाग्रह, कुंठा, जलन और हिंसा सहित तमाम तरह के भेदभाव दैनिक सामाजिक जीवन का हिस्सा हैं जिन की तुलना हमारे देश में दलितों से किए जाने वाले व्यवहार से की जा सकती है. बाल्टीमोर पुल हादसे के बाद यह बात एक बार फिर साबित हुई है कि हमारी सरकार ने इस से कोई सरोकार नहीं रखा.

time-read
6 dak  |
April Second 2024