यह महज इत्तेफाक हो सकता है कि राजधानी रायपुर में 13 दिसंबर 2023 को नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शपथ ग्रहण समारोह के कुछ देर पहले नारायणपुर में नक्सलियों के आइईडी धमाके ने सबको हिला कर रख दिया। उस नक्सली हमले में एक जवान शहीद हो गया और दूसरा जख्मी हो गया। शपथ समारोह के फौरन बाद मुख्यमंत्री ने नक्सलियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करने की मंशा से बैठक बुलाई। मुख्य सचिव अमिताभ जैन और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक जुनेजा को मुख्यमंत्री निवास में तलब किया गया और नक्सल ऑपरेशन से जुड़े तमाम अफसरों से जानकारियां हासिल की गईं। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में तेजी लाने और सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। खुद डीजीपी को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की मॉनिटरिंग करने और रिपोर्ट देने को कहा गया।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin February 19, 2024 sayısından alınmıştır.
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जौनपुर
इतिहास की गोद में ऊंघता-सा एक शहर है, उत्तर प्रदेश का जौनपुर। पुराने शहरों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वे किसी मील के पत्थर से यू टर्न लें और सभ्यता की सामान्य दिशा से उल्टी दिशा में चल पड़ें।
समय की गति की परख
इस संग्रह का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कवि यहां अस्तित्ववाद के प्रश्नों से रूबरू होते हैं। निजी और वृहत्तर तौर पर जीवन को इस विमर्श के घेरे में लाकर कवि अस्तित्व से संबंधित प्रश्नों का उत्तर पाने का प्रयास करता है।
प्रकृति का सान्निध्य
वरिष्ठ कवयित्री सविता सिंह का नया संग्रह ‘वासना एक नदी का नाम है’ स्त्री-विमर्श को नई ऊंचाई पर ले जाता है।
आजाद तवायफ तराना
तवायफों पर आई नई वेबसीरीज हीरामंडी ने फिर कोठेवालियों और देवदासियों के साथ हिंदुस्तानी सिनेमा के रिश्तों की याद दिलाई
अगला द्रोण कौन
टीम इंडिया में अर्जुन तो बहुत, उन्हीं को संवारने के लिए एक ऐसे कोच की तलाश, जो टीम को तकनीकी-मानसिक मजबूती दे सके
ममता दीदी की दुखती रग
इस चुनाव में अपनी पार्टी के नेताओं का भ्रष्टाचार ही ममता की सबसे बड़ी चुनौती
हवा का रुख दोतरफा
ईडी की कार्रवाइयों और जनता के मुद्दों पर टिका है चुनाव
तीसरी बारी क्यों
विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार और संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर देश की जनता को गुमराह नहीं कर सकता
क्या बदलाव होने वाला है?
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
किस ओर बैठेगा जनादेश
बड़े राज्यों में कांटे के मुकाबले के मद्देनजर 4 जून को नतीजों के दिन ईवीएम से निकलने वाला जनादेश लगातार तीसरी बार एनडीए को गद्दी सौंपेगा या विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के पक्ष में बदलाव की बानगी लिखेगा, यह लाख टके का सवाल देश की सियासत की अगली धारा तय करेगा