नं. 1 एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
उत्तर प्रदेश के नोएडा में हरियाली से लकदक 1,200 एकड़ के कैंपस में पसरी एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना 2005 में की गई थी. यह आरक्षण और मेरिट आधारित स्कॉलरशिप लागू करने वाली भारत की पहली यूनिवर्सिटी थी. नेशनल एक्रीडिटेशन ऐंड असेसमेंट काउंसिल (एनएएसी) से मान्यता प्राप्त यह यूनिवर्सिटी बहु-विषयक शिक्षा और प्रशिक्षण, उद्योग की तैयारी, उद्यमशीलता और करियर की प्रगति पर ध्यान देने के साथ अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम की पेशकश करती है.
यह यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने में भी अग्रणी रही है, जिसके तहत शोध के साथ चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट की डिग्री शुरू की गई है ताकि छात्रों को समग्र और बहुविषयक शिक्षा का लाभ मिल सके. यह योजना उन्हें पाठ्यक्रम के हर साल के बाद बाहर निकलने के विकल्प प्रदान करती है.
एमिटी यूनिवर्सिटी पहले से ही अपने कई पहलों और कार्यक्रमों के साथ एनईपी का पालन करने की दिशा में काम कर रही है और कई अन्य कार्यक्रम अभी प्रस्तावित हैं. एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा की वाइसचांसलर प्रो. बलविंदर शुक्ला कहती हैं, “हमने यूजीसी, एआइयू, यूपीएसएचईसी, एआइसीटीई और अन्य नियामक निकायों के मुताबिक एनईपी 2020 को लागू करने के लिए कई पहल की है. " इस यूनिवर्सिटी ने एकेडमिक वर्ष 2021-2022 से गतिविधियों के सुचारु संचालन के लिए नई प्रणालियों, प्रक्रियाओं, पाठ्यक्रम की से शैक्षणिक डिजाइनिंग और मूल्यांकन योजनाओं को फिर से तैयार करके और हर मुमकिन संसाधनों को जुटाकर एनईपी 2020 को लागू करने की सुविधा के लिए विस्तृत शैक्षणिक योजना बनाई है.
हाल में इसके विदेश में अध्ययन की पहल के तहत, जहां छात्रों को तीन अलगअलग देशों में जाने का मौका मिलता है, एप्लाइड साइकोलॉजी में बीए (तीन महाद्वीप), अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बीए (तीन महाद्वीप), और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमए (तीन) महाद्वीप) जैसे कुछ नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं. अन्य नए पाठ्यक्रमों में क्लिनिकल और एप्लाइड जेनेटिक्स में डिप्लोमा, रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की काउंसलिंग में डिप्लोमा और जेंडर स्टडीज में एमए शामिल हैं.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 17, 2022 sayısından alınmıştır.
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