तृणमूल कांग्रेस ने अगर यह सोचा था कि कुछेक महीने पहले राज्य को हिलाकर रख देने वाले शिक्षक भर्ती घोटाले पर पर्दा डालने में वह पूरी तरह कामयाब रही थी, तो यह उसकी गलतफहमी थी. कोलकाता के एस्प्लेनेड में आयोजित 21 जुलाई की ‘शहीद दिवस' रैली में भारी जुटान को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वे अपनी पार्टी को “देश की एकमात्र आदर्शवादी पार्टी" के रूप में देखना चाहती हैं. उस बयान को 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि 23 जुलाई को मुख्यमंत्री के भरोसेमंद सिपहसालार, टीएमसी के हाइ- प्रोफाइल नेता और मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद तो जैसे एक के बाद एक खुलासों की बाढ़ - सी आ गई. इस घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है लेकिन पैसे के लेनदेन की कड़ियों को जोड़ने में पहले से जुटे ईडी ने चटर्जी की 'अत्यंत करीबी सहयोगी' 27 वर्षीया मॉडल-अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से 21.2 करोड़ रुपए नकद बरामद किए. ऐसा अंदेशा है कि 2,000 और 500 रुपए के नोटों के ये बंडल सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की भर्ती के लिए ली गई घूस की रकम है.
जब यह कथित घोटाला हुआ था उस वक्त चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हुआ करते थे. उनसे 26 घंटे की पूछताछ हुई. उसके आधार पर पूरी रात चली छापेमारी में अर्पिता के नाम पर बड़ी संख्या में संपत्ति के कागजात, सोने के आभूषण और विदेशी मुद्रा बरामद हुई.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 10, 2022 sayısından alınmıştır.
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