दिवाली पर माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए दरवाजे पर रंगोली सजा भला किसे नहीं भाता? रंगों से सजी यह रंगोली घर के आंगन में युगों से सजती चली आ रही है। जानकारों की मानें तो रामायण काल से लेकर महाभारत काल तक इसका जिक्र मिलता है। रंगोली आपके घर-आंगन को आकर्षक बनाने के साथ ही आपकी सेहत को भी दुरुस्त रखने में मददगार है। इस बाबत पंडित राहुल द्विवेदी कहते हैं कि घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली का डिजाइन न केवल आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए बल्कि स्वयं देवी के स्वागत के लिए भी बनाई जाती है। देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करने के लिए रंगोली के किनारे पर कमल का डिजाइन भी बनाया जाता है। रंगोली सिर्फ घर की सुंदरता के लिए नहीं होती हैं, बल्कि घर में बुराई को प्रवेश करने से रोकने के लिए भी बनाते हैं।
सेहत के लिए भी है फायदेमंद
रंगोली सबसे पहले हमें सकारात्मक महसूस कराती है। इसमें इस्तेमाल होने वाले ढेरों रंग हमें तनाव से दूर रखते हैं। इतना ही नहीं, इसको बनाना भी हमारी सेहत को दुरुस्त रखता है। रंगोली को बनाने में हमारी उंगली और अंगूठा मिलकर ज्ञान मुद्रा बनाते हैं। यह मुद्रा दिमाग को ऊर्जावान और सक्रिय बनाने में मददगार साबित होती है। इससे एक्यूप्रेशर भी होता है, जो आपके रक्तचाप को काफी हद तक नियंत्रित रख सकता है।
यूं हुआ रंगोली का नामकरण
Bu hikaye Anokhi dergisinin November 11, 2023 sayısından alınmıştır.
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