दीपावली का त्योहार आने से पूर्व लोग लक्ष्मी जी के आगमन के लिए घर में साफ-सफाई का कार्य शुरू कर देते हैं। पूरे जोश से हर कोई अपने-अपने घर को सजाने-संवारने में जुट जाता है क्योंकि सभी को दीपावली के त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है, हो भी क्यों न आखिर इस त्योहार के आते ही हर घर रोशनी से जगमगाने जो लगता है। हर कोई दीपावली के दिन पूरे जत्न से पूजा-अर्चना कर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का प्रयास करता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें दीपावली के त्योहार का इंतजार अपनी अतृप्त इच्छाओं को तंत्र-मंत्र के माध्यम से पूर्ण करने के लिए होता है। जी हां, हमारे इस पढ़े-लिखे समाज में हजारों लोग ऐसे हैं जो कि दीपावली की अंधेरी रात में टोने-टोटके कर खुशियों को पाने की कोशिश करते हैं। एक तरफ जहां लोग मंगल आरती गाकर लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर रहे होते हैं वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोग टोने-टोटकों के जरिये दूसरों की खुशियों को छीनकर अपने लिए खुशियां तलाशने का प्रयास कर रहे होते हैं। आखिर क्या कारण है कि पूर्जा-अर्चना और रोशनी के इस पर्व पर तथाकथित पढ़े-लिखे लोग टोने-टोटके करने में जुटे रहते हैं। कारण जानने से पहले यह जानें कि दीपावली के समय में ही टोने-टोटके करने वालों की तादाद क्यों बढ़ जाती हैं?
टोने-टोटके दीपावली के समय ही क्यों?
ज्योतिषाचार्य कोलाचार्य जगदीशानंद तीर्थ के अनुसार 'वैसे तो लोग अपनी जरूरतानुसार कार्य सिद्धि के लिए टोने-टोटके करते रहते हैं लेकिन होली-दीपावली के समय ऐसे लोगों की तादाद बढ़ जाती है। आम शब्दों में समझाया जाए तो इन दिनों में चंद्रमा और सूर्य की शक्ति कम हो जाती है यानी अंधेरी कार्तिक रातों में बुरी शक्तियां जागृत हो जाती हैं और तंत्र-मंत्र के जो विशेष देवी-देवता होते हैं वो भी जागृत हो जाते हैं। इसलिए इन दिनों तंत्र-मंत्र के जरिये व्यक्ति की कार्य सिद्धि बहुत जल्दी हो जाती है। यह समय निकल जाने के बाद टोने-टोटके थोड़ा देर से प्रभावी होते हैं।'
Bu hikaye Sadhana Path dergisinin October 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Sadhana Path dergisinin October 2022 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
टेक्नोलॉजी के साइड इफेक्ट्स
कई ऐसी टेक्नोलॉजी हैं जिनके बारे में हम ये अच्छी तरह से जानते हैं कि यह हमारी सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं लेकिन फिर भी इस बात को नजरअंदाज करते हुए हम उसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।
मिथिलांचल की प्राचीन धरोहर है 'मधुबनी पेटिंग'
मिथिलांचल न केवल अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता है, बल्कि यह जगह कला और साहित्य से भी समृद्ध है। एक तरफ हैं विद्यापति तो दूसरी तरफ हैं। विश्व प्रसिद्ध चित्रकला 'मधुबनी पेंटिंग'। इसकी खूबसूरती इसी में है कि यह आपको मिथिलांचल की लोक-परंपरा से अवगत कराती है।
कैसे बढ़ाएं धन-संपत्ति?
वास्तु शास्त्र तथा फेंगशुई दो ऐसी प्राचीन विधाएं हैं जिनके माध्यम से न केवल सुख-शान्ति को बढ़ाया जा सकता है बल्कि धन संपत्ति की प्राप्ति भी हो सकती है।
जिएं जिंदगी 60 के बाद भी
जब पूरी जिंदगी एक स्वाभिमान और रौब के साथ जीते हुए गुजारी हो तो जीवन-संध्या में क्यों किसी पर इस तरह से निर्भर हो जाएं कि बुढ़ापा बेबसी में बदल जाए। जब तक जिएं, जिंदगी से भरपूर रहिए।
टिक टिक करती घड़ी की सुई किसने बनाई
हाथ में बंधी हो या दीवार पर टंगी जब तक घड़ी चलती रहती है हमें समय का पता चलता रहता है लेकिन जैसे ही इसकी सुई रुक जाती है तो ऐसा लगता है कि मानो समय थम सा गया हो। क्या कभी सोचा है कि आरिवर घड़ी का आविष्कार कैसे हुआ और किसने किया? चलिए जानते हैं।
धार्मिक ग्रंथ रामायण से सीखें प्रबंधन कौशल
प्रबंधन कौशल यानी मैनेजमेंट न केवल कार्यस्थल में अपितु घर में भी चाहिए होता है। तभी आप जीवन में तरक्की कर पाते हैं। यदि आप मैनेजमेंट में जरा भी कमजोर हैं तो बाल्मिकी रामायण को जरूर पढ़ें। निश्चितरूप से यह ग्रंथ आपका निर्देश करने में सहायक होगा।
बालों को गर्मी और धूप के नुकसान से बचाएं
गर्मी के मौसम में सूरज की पराबैंगनी किरणों से बालों को नुकसान पहुंचता है और बालों में रुरवापन बढ़ता है। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप गर्मी के मौसम में भी बालों को सुंदर और रेशमी बनाये रख सकते हैं।
अपने खाने को पौष्टिक कैसे बनाएं
भोजन में सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि पौष्टिकता भी होनी चाहिए। ऐसा करना बहुत मुश्किल नहीं है बस कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए जाने, कैसे -
प्रतिदिन 10 चीजों के सेवन से डायबिटीज रहे नियंत्रण में
मिठास ज़बान के लिए तो अच्छी चीज़ है, मगर स्वास्थ्य के लिए नहीं। सो, कैसे बचें शुगर के पेशेंट, यानी डायबिटिक होने से, आइए, जानें-
कैसे बचाएं अपने शिशु को घर के वायु प्रदूषण से
पढ़ने में अजीब लग रहा है न कि वायु प्रदूषण और घर के भीतर, लेकिन ये सच है कि हमारे बच्चे प्रदूषण की चपेट से आज घर के भीतर भी नहीं बच पाते हैं। इसी विषय में कुछ उपयोगी जानकारी-