कोरोना वायरस की वजह से काफी समय से स्कूल बंद थे और सारे जानवरों के बच्चे औनलाइन क्लास से बोर हो चुके थे. मीकू चूहा बहुत परेशान था, वह इतने लंबे समय तक घर पर रहने से बीमार हो गया था. जब से उस को पता चला कि स्कूल फिर से खुलने जा रहे हैं, तो उस की खुशी का ठिकाना नहीं था. वह बहुत खुश था. वह स्कूल खुलने का इंतजार कर रहा था.
कुछ दिन बाद वह समय भी आ गया. मीकू जल्दी से तैयार हो कर अपना लंच ले कर कंधे पर बैग टांग कर निकल पड़ा.
रास्ते में उस की मुलाकात सिंडी बिल्ली से हुई. मीकू ने बिल्ली से सवाल किया, “क्या तुम्हें पता नहीं आज से स्कूल खुल गए हैं? स्कूल नहीं जाना क्या?”
सिंडी अपनी क्लास की टौपर थी, उस के मन में बस यही चिंता सताती रहती कि इतने समय बाद स्कूल खुल रहे हैं, पता नहीं, मैं पढ़ाई में उतनी सीरियस रह पाऊंगी? मैं ने घर में रह कर मस्ती की, पढ़ाई भी की, लेकिन मैं इतनी ज्यादा सीरियस नहीं रही. मैं औनलाइन क्लासेस तो अटैंड करती थी, लेकिन उस में सीरियस नहीं थी.
“क्या होगा, यदि परीक्षा में अंक कम आए तो?” उस ने मीकू से कहा, “अब स्कूल खुलने पर ऐग्जाम तो होंगे ही, यह तो तुम भी जानते हो, कहीं मैं फेल न हो जाऊं. मैं इस बारे में चिंतित हूं.”
मीकू ने कहा, "इस में डरने की क्या बात है, तुम तो अपनी क्लास की टौपर हो, फिर कैसा डर. तुम ने तो सारे साल पढ़ाई की है, फिर ऐसा क्यों सोच रही हो?”
Bu hikaye Champak - Hindi dergisinin July Second 2022 sayısından alınmıştır.
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बहादुर हिप्पो
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जलियांवाला बाग बलिदानियों की याद
\"बहुत बढ़िया, आज के लिए नया शब्द है, एम. ए. एस. एस. सी. आर. ई. कंचना मैम ने ब्लैक बोर्ड पर एक के बाद एक अक्षर लिखा.