India Today Hindi - January 17, 2024Add to Favorites

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Highlights of India Today Hindi 17th January 2024, issue:

संक्रांति के बाद की सुगबुगाहट

खरमास के बाद कुछ न कुछ होगा, इन दिनों बिहार में हर जगह यही चर्चा है. खरमास, मतलब हिंदुओं के लिए महीना जिसमें सारे शुभ काम या बड़े फैसले टाल दिए जाते हैं. यह 15-16 दिसंबर से मकर संक्रांति तक चलता है.

संक्रांति के बाद की सुगबुगाहट

6 mins

योजनाओं पर भारी राजनीति

दिसंबर 2016 में राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक योजना शुरू की थी, जिसका नाम था 'राजस्थान युवा विकास प्रेरक इंटर्नशिप प्रोग्राम.' सरकारी योजनाओं का लोगों को लाभ पहुंचाने और उन्हें योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया था.

योजनाओं पर भारी राजनीति

5 mins

एआइ की अजब पहेली

एआइ से लगभग सभी वाकिफ तो हो चले हैं लेकिन यह आज की सबसे अबूझ पहेली बना हुआ है. हम सभी जाने-बूझे या अनजाने में एआइ का इस्तेमाल कर रहे हैंगूगल सर्च से सबसे जल्दी पहुंचने का रास्ता हो या नेटफ्लिक्स आपको ऐसी फिल्मों की पेशकश कर रहा हो, जैसी आपने हाल में देखी हैं और आपको पसंद हैं.

एआइ की अजब पहेली

2 mins

भारत समेत पूरी दुनिया के लिए एक भरोसेमंद तकनीक

टेक्नोलॉजी में होने वाले बदलाव वैज्ञानिक खोजों को आगे बढ़ाने, इंसानी तरक्की में तेजी लाने और जीवनस्तर को बेहतर बनाने का साधन होते हैं. एआइ से यह सब अप्रत्याशित पैमाने पर होने वाला है और भारत इसमें अग्रणी भूमिका निभाने के लिहाज से बेहतर स्थिति में है

भारत समेत पूरी दुनिया के लिए एक भरोसेमंद तकनीक

4 mins

दुनिया में एआइ का अगुआ होने का लक्ष्य

सरकार का ध्यान एआइ में न केवल भारत को विश्वगुरु बनाने पर है, बल्कि सभी संबंधित पक्षों के लिए सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी है

दुनिया में एआइ का अगुआ होने का लक्ष्य

6 mins

शब्दों के साथ हमारे संबंध की नई परिभाषा

शब्द, हमारे संचार, इतिहास और ज्ञान के निर्माण खंड, अब एआइ की जद में हैं. यह महज एक तकनीकी छलांग नहीं है. यह एक बुनियादी बदलाव है कि हम किस तरह से सूचनाओं के साथ बातचीत करते हैं और खुद को अभिव्यक्त करते हैं

शब्दों के साथ हमारे संबंध की नई परिभाषा

6 mins

एआइ के नए युग में रोजगार के अवसर

एआइ के आगाज ने नए किस्म के हुनर के लिए चौकन्ने और दूरदर्शी नजरिए की जरूरत पैदा कर दी है. हमें अपने शैक्षिक और रोजगारपरक ट्रेनिंग सिस्टम का रणनीतिक ढंग से आकलन करके उन्हें नई शक्ल देनी होगी

एआइ के नए युग में रोजगार के अवसर

4 mins

भारत को अब एआइ में निवेश बढ़ाने की दरकार

एआइ एक समावेशी तकनीक बन सके और सबको समान अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए भारत को इस क्षेत्र में डेटासेट्स, क्षेत्रीय भाषाओं की भागीदारी और एक्सीलेरेटर चिप्स की आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत

भारत को अब एआइ में निवेश बढ़ाने की दरकार

5 mins

एआइ की मदद से चुनाव के संकट और संभावनाएं

एआइ चुनाव अभियान की रणनीतियों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, मतदाता तक पहुंच को एक पर्सनल टच दे सकता है और यहां तक कि जनमत को प्रभावित कर सकता है. पर ध्यान रहे, इन सारे संभावित फायदों के साथ गंभीर किस्म के जोखिम भी जुड़े हुए हैं जिनका निराकरण कर लेना होगा

एआइ की मदद से चुनाव के संकट और संभावनाएं

5 mins

हर मर्ज और मरीज की सटीक दवा का आया समय

एआइ में पलक झपकते ही ढेर सारे डेटा का विश्लेषण करने की क्षमता. इसके बूते यह लागत में कमी लाकर, दक्षता बढ़ाकर और हर मरीज / रोग की अलग जरूरत के हिसाब से उपाय सुझाकर भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को पूरी तरह बदल दे सकता है

हर मर्ज और मरीज की सटीक दवा का आया समय

5 mins

दोधारी तलवार

एआइ सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण बढ़त दे सकता है लेकिन पूर्ण रूप से ऑटोनॉमस हथियार गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि एआइ का इस्तेमाल नैतिकता को ध्यान में रखकर जिम्मेदारी से हो

दोधारी तलवार

4 mins

एआइ की अगली पांत में

एआइ उपयोग के मामलों में सरकारी-निजी सहयोग और सरकारी निवेश को बढ़ावा देकर भारत वैश्विक एआई परिदृश्य में अग्रणी भूमिका निभा सकता है. लेकिन इससे जुड़े नैतिक सवाल नजरों से ओझल न हों

एआइ की अगली पांत में

4 mins

भविष्य के सह-चालक

एआइ लोकतांत्रिक तरीके से प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने और व्यापक स्तर पर प्रभाव उत्पन्न करने का एक अवसर है. साथ ही दुनिया की कुछ सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान निकालने में भी मददगार साबित हो सकता है

भविष्य के सह-चालक

3 mins

आशा-निराशा और मतिभ्रम

पश्चिमी जगत में सुपरइटेलिजेंट एआई देवताओं और अमर लोगों से जुड़े विनाशकारी सपने हैं, लेकिन भारत में हम स्वाभाविक रूप से रोबोटिक हथियारों से कृष्ण की आरती और उनका जीपीटी क्लोन देखेंगे

आशा-निराशा और मतिभ्रम

5 mins

बुनियादी पुनर्विचार का वक्त

एआइ विकास का मौजूदा मॉडल कुछ कारोबारी खिलाड़ियों के हाथों में ताकत केंद्रित करने का है, जरूरत है ऐसे नए मॉडल की जिसके केंद्र में सार्वजनिक हित और लोक-कल्याण हो

बुनियादी पुनर्विचार का वक्त

6 mins

एआइ की खातिर कानूनों की एक झलक

भारत को ऐसे कानून तैयार करने चाहिए जो सुरक्षा और रक्षात्मक जरूरतों के साथ स्थायित्व और भरोसा कायम कर कारोबार में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकें

एआइ की खातिर कानूनों की एक झलक

4 mins

क्या एआई खत्म कर देगा रचनात्मकता?

अगर एआइ लेखकों, फिल्म निर्माताओं या कलाकारों की जगह ले लेता है तो हमारा साझा इतिहास और मानवता खतरे में पड़ सकती है

क्या एआई खत्म कर देगा रचनात्मकता?

4 mins

संभावनाएं चुस्त-दुरुस्त अनोखे मॉडल में ही

स्वदेशी स्तर पर एआई तकनीक के विकास में कमी और अनुसंधान एवं विकास के लिहाज से भारी निवेश की जरूरत के मद्देनजर भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक ताकत बनने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को रचनात्मक तरीके से एक साथ लाना होगा

संभावनाएं चुस्त-दुरुस्त अनोखे मॉडल में ही

5 mins

उत्साह के साथ सतर्क रहने का समय

21वीं सदी की तमाम तकनीकी प्रगति की तरह, एआइ सिद्धांत रूप में बहुत ही रोमांचक लग सकता है लेकिन वास्तव में यह बहुत अराजक साबित हो सकता है।

उत्साह के साथ सतर्क रहने का समय

5 mins

जी-हुजूरी हो न सकी हमसे

कभी भारतीय गेंदबाजी की जान रहे क्रिकेटर प्रवीण कुमार यानी पीके बीते लम्हों, धोनी से रिश्तों, कोचिंग और शराबखोरी के आरोपों पर

जी-हुजूरी हो न सकी हमसे

2 mins

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India Today Hindi Magazine is a weekly Hindi-language magazine published by the India Today Group. The magazine covers a wide range of topics, including politics, business, economy, society, culture, and sports. It is known for its in-depth reporting, insightful analysis, and stunning photography.

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* Editorials: The editorials in India Today Hindi Magazine provide readers with the magazine's perspective on important current events. The editorials are written by the magazine's editors and are known for their critical and independent analysis.
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