Panchjanya - September 18, 2022
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Bu konuda
पंजाब में कन्वर्जन
सलीब और सवाल
गुरुओं की धरती पंजाब में कन्वर्जन पर गुस्सा एसजीपीसी के धर्म जागरूकता अभियान से कन्वर्टेड सिख स्वधर्म में लौट रहे
पंजाब में कन्वर्जन - सलीब और सवाल
पंजाब में ईसाई मिशनरियों के झांसे और जबरन कन्वर्जन के विरुद्ध जनआक्रोश बढ़ रहा है। आएदिन प्रार्थना और चंगाई सभाओं की आड़ में सांस्कृतिक धोखाधड़ी और कन्वर्जन को लेकर टकराव हो रहा है। राज्य में निरोधक कानून बनाने की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन क्या आआपा सरकार पंजाब की अस्मिता को बचाएगी
3 mins
कानून की दुहाई कारनामा ईसाई
लातेहार के महुआडांड़ में ईसाई मिशनरियों से जुड़े लोगों ने संविधान की आड़ में पत्थरगड़ी करके बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध से उनकी मंशा पूरी नहीं हुई
4 mins
कन्वर्जन को सरकार की शह
आंध्र प्रदेश में ईसाई कन्वर्जन को सरकार की शह मिल रही है। चाहे क्रॉस लगाकर पहाड़ियों पर कब्जा करने का मामला हो, या हिंदू धर्मस्थलों के नवीनीकरण में बाधा डालना या मिशनरियों द्वारा जनजातीय लोगों को डरा-धमका कर ईसाई बनाने का मामला, सरकार या तो खामोश रहती है या मामले में लीपापोती कर देती है
3 mins
सॉल्वेशन आर्मी कन्वर्जन की बहुराष्ट्रीय कंपनी
सॉल्वेशन आर्मी दर असल दुनिया भर में लोगों को ईसाइयत में कन्वर्ट करने वाला ईसाइयों का एक एनजीओ है। यह अमेरिका की इस प्रकार की सौ शीर्ष संस्थाओं में तीसरे स्थान पर है। भारत में लगभग 140 वर्ष पूर्व इसका प्रवेश हुआ था और हिंदुओं को कन्वर्ट हेतु लिए इसने भारत को छह हिस्सों में बांट रखा है
2 mins
भारत पर भरोसा
वैश्विक आर्थिक पटल पर भारत निरंतर नई उपलब्धियां हासिल करता जा रहा है। ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से लेकर दुनियाभर के निवेशकों का पसंदीदा निवेश स्थल बनने तक के सफर के बाद अब दुनिया की उम्मीदें भारत पर टिकीं
4 mins
अब धान पर चीनी वायरस का हमला
पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस बार धान पर चीनी वायरस का हमला हुआ है। इसके कारण धान की फसल बौनी हो गई है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस रोग का कोई इलाज नहीं है
6 mins
दीदी और दाग
एक तरफ सीबीआई पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच कर रही है तो दूसरी तरफ ईडी भी मी लान्ड्रिग से जुड़े मामलों के राज खोलने में जुटा है। दिलचस्प बात यह कि इन सभी मामलों में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं-मंत्रियों और राज्य के प्रशासनिक अफसरों की संलिप्तता खुलकर सामने आ रही
3 mins
तैरता 'किला' आईएनएस विक्रांत
स्वदेश निर्मित युद्धपोत आईएनएस विक्रांत एक तैरता हुआ किला है। यह अत्याधुनिक तकनीक, युद्धक विमान, एंटी सबमरीन, मिसाइल और तोपों से लैस है, जो दुश्मन के किसी भी हमले से निबटने में सक्षम है। यह हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करेगा
3 mins
सुरक्षित रहे भाषा की शब्द-संपदा
क्लिष्टता के नाम पर हिंदी की शब्द-संपदा को कमजोर करने वाले अंग्रेजी के कठिन शब्दों को सहजता से स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन हिंदी को लेकर अशुद्धता के दुराग्रह पर जोर देते हैं जो बहुत खतरनाक चलन है
8 mins
आस्था में अड़ंगा
अनीश्वरवादी चीन ने तिब्बत में बौद्ध धर्म को समाप्त करने के प्रयास और तेज किए हैं और जबरन दलाई लामा के चयन की प्राचीन शास्त्र-सम्मत परंपरा पर कम्युनिस्ट चालें चल रहा। अनास्थावादी का आस्था के विषयों में दखल अनैतिक
7 mins
Panchjanya Magazine Description:
Yayıncı: Bharat Prakashan (Delhi) Limited
kategori: Politics
Dil: Hindi
Sıklık: Weekly
स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में 'पाञ्चजन्य' साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।
अटल जी के बाद 'पाञ्चजन्य' के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्वश्री राजीवलोचन अग्निहोत्री, ज्ञानेन्द्र सक्सेना, गिरीश चन्द्र मिश्र, महेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तिलक सिंह परमार, यादव राव देशमुख, वचनेश त्रिपाठी, केवल रतन मलकानी, देवेन्द्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, भानुप्रताप शुक्ल, रामशंकर अग्निहोत्री, प्रबाल मैत्र, तरुण विजय, बल्देव भाई शर्मा और हितेश शंकर जैसे नाम आते हैं। नाम बदले होंगे पर 'पाञ्चजन्य' की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आया, वे अविचल रहे।
किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम कभी नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से 'पाञ्चजन्य' का जन्म हुआ, वह नाम है पं. दीनदयाल उपाध्याय।
- İstediğin Zaman İptal Et [ Taahhüt yok ]
- Sadece Dijital