Panchjanya - May 07, 2023
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Bu konuda
समझ पर हमला ......
किसी कपोल कल्पित बात को एक समाचार के रूप में प्रस्तुत करना किसी
वास्तविक पत्रकार के लिए भले ही किसी पाप की तरह हो, युद्ध नीति
के वृहद खेल में यह मात्र एक हथियार है। एक ऐसा सूचनागत
आतंकवाद, जिसका इरादा पूरी तरह शत्रुवत होता है।
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
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शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
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कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
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फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
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होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
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आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
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नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
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सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
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जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
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नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई
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मंदिरों के रास्ते भारत पर चोट
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड में खालिस्तानी तत्व भारत, मोदी सरकार और हिन्दू विरोधी कृत्यों के लिए मंदिरों को निशाना बना रहे। वे धमकियां दे रहे हैं कि 'खालिस्तानी एजेंडे का समर्थन करो नहीं तो पूजा नहीं करने देंगे'
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स्वरोजगार में जुटे शरणार्थी
दिल्ली में रहने वाले 58 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को कई सेवाभावी संगठनों की ओर से रोजगार के लिए दी गई मदद । कोई सब्जी, तो कोई फल, तो कोई बेच रहा है कचौरी
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ऐसे हुआ 'शून्य' का आविष्कार
'आग' और 'पहिए' के विकास के बाद ‘शून्य' का एक संख्या के रूप में प्रयोग करना के बौद्धिक विकास की क्रांतिकारी खोज था
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शिंदे बने बाला साहेब के वारिस
चुनाव आयोग ने शिवसेना की बागडोर के साथ पार्टी चुनाव चिह्न भी एकनाथ शिंदे गुट के सुपुर्द किया। अर्थात् आयोग ने उन्हें बाला साहेब ठाकरे का वारिस माना। इससे उद्धव के सामने पैदा हुआ अस्तित्व का संकट
4 mins
लोकजागरण के लिए लोकोत्सव
जनसाधारण को जलवायु परिवर्तन और बढ़ते वैश्विक तापमान से परिचित कराने के लिए कोल्हापुर में पंचमहाभूत लोकोत्सव का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में जनसामान्य के साथ पर्यावरणविदों ने भाग लिया
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पाप कांग्रेस का, धो रही है भाजपा
सोनिया- मनमोहन सरकार ने 2014 में लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद एक राजपत्र जारी कर दिल्ली की 123 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को देने का निर्णय लिया था। भारत सरकार ने उन्हें अपने पास ही रखने का फैसला लिया है
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दुनिया के आसमान में भारतीय उड़ान
अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग और फ्रांस की एयरबस के साथ एयर इंडिया ने 80 अरब डॉलर का करार किया है। इसमें 470 छोटे-बड़े विमानों की खरीद शामिल है। साथ ही, 350 अतिरिक्त विमानों की खरीद का विकल्प भी है। विमानन क्षेत्र के इस सबसे बड़े सौदे से सन्न दुनिया
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धर्मस्थलों की निखरेगी सूरत
कर्नाटक में बसवराज बोम्मई की सरकार ने मठ-मंदिरों के पुनरुद्धार के लिए बजट में 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इसमें संदेह नहीं है कि कर्नाटक की भाजपा सरकार राज्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के स्थलों को निखारने के लिए संकल्पबद्ध दिखती है
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विषबेल की नर्सरी
जॉर्ज सोरोस भारत का ऐसा शत्रु है, जो परदे के पीछे से हमले करता है। भारत सहित दुनिया भर के मीडिया संस्थानों में फेक न्यूज के धंधे के पीछे उसी का हाथ है । वह देश में कठपुतली सरकार चाहता है, जो उसके इशारों पर चले
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मजहब से अब नहीं मतलब
दुनिया भर में बड़ी संख्या मुसलमान इस्लाम छोड़ रहे हैं। खासकर, केरल में तो बीते कुछ वर्षों में इस्लाम त्यागने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। लेकिन मजहब से नाता तोड़ने वालों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। अब ऐसे लोगों के पीछे ‘एक्स मुस्लिम्स ऑफ केरल' नामक संगठन मजबूती से खड़ा है
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इस्लाम और इंटरनेट
इस्लाम भले ही अपने तर्क और तथ्य लोगों के सामने पेश कर रहा हो, लेकिन दुनिया भर में बड़ी संख्या में मुसलमानों की नई पीढ़ी इस्लाम छोड़ रही है। इंटरनेट युग में खुल कर युवा सामने आ रहे हैं। इसे लेकर इस्लाम के मरकजों में अंदरखाने बेचैनी है
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तुर्किये में 'ऑपरेशन दोस्त'
भारत मानवीयता के आधार पर आपदाग्रस्त तुर्किये और सीरिया की खुले मन से सहायता कर रहा है। भारत विरोधी तुर्किये को यह बात समझ आ गई है कि पाकिस्तान नहीं, बल्कि भारत उसका सच्चा दोस्त है जो कठिन समय में उसकी मदद में जुटा है
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समृद्धि की जुड़ीं असंख्य कड़ियां
देश के बड़े उद्योगपति ही नहीं, बल्कि विदेशी उद्योगपतियों के लिए भी उत्तर प्रदेश पसंदीदा स्थल बना है। यही कारण है कि इस बार उत्तर प्रदेश वैश्विक सम्मेलन में लक्ष्य से तीन गुना अधिक निवेश आया
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शिव की नगरी में शब्द साधना
10 से 12 फरवरी तक विश्व की सबसे प्राचीन नगरी कही जाने वाली वाराणसी में 'काशी शब्दोत्सव' का आयोजन हुआ। इसमें देशभर से आए साहित्यकारों, लेखकों, फिल्मकारों आदि ने अपने विचार रखे
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फिर से भव्य हुआ गोवा का 'सोमनाथ'
गोवा की प्रमोद सावंत सरकार विदेशी आक्रांताओं की कुदृष्टि का शिकार हुए मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार कराकर भारत के सनातन गौरव को वापस लाने में जुटी। ऐतिहासिक श्री सप्तकोटेश्वर मंदिर का हुआ जीर्णोद्धार
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सधे कदमों के साथ बढ़ने की जरूरत
जनजातीय समाज के जो लोग ईसाइयत या अन्य पंथ में कन्वर्ट हो चुके हैं, उन्हें जनजाति के नाम पर मिलने वाली सरकारी सुविधाएं न मिलें। अनेक संगठन ऐसे लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग कर रहे हैं। इसे ही 'डी-लिस्टिंग' कहा जा रहा है
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अपनी भाषा बढ़ाए आशा
अंग्रेजों का काल यह बता चुका है कि कैसे भारत पर अंग्रेजी लादे जाने के बाद वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत तक घट गई। मातृभाषा में बच्चों द्वारा शीघ्र सीखे जाने के निष्कर्ष कई शोधों में सामने आ चुके हैं। मातृभाषा में शिक्षा देने से ही ज्यादा से ज्यादा मानव संसाधन देश निर्माण में अपना योगदान दे सकेगा
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तन फिजी में मन भारत में
श्रीराम के वनवास से लौटने के बाद अयोध्या आदर्श शासन का उदाहरण बनी, जिसे रामराज्य कहा जाता है। फिजी के लोगों के लिए भारत उसी आदर्श रामकाज की स्थली है, जिसके आंगन में सबके लिए स्थान है । कह सकते हैं कि यहां के भारतीय 'दिल है हिंदुस्थानी' के साथ ही 'दिमाग भी हिंदुस्थानी' के पर्याय
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता करेगी हिंदी का कायाकल्प
कृत्रिम बुद्धिमत्ता जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रही है और ऐसा माना जा रहा है कि अगले एकाध दशक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की बदौलत हमारी दुनिया का कायाकल्प होने वाला है
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प्रगति पश्चिमीकरण नहीं : जयशंकर
फिजी के नादी में भारत और फिजी सरकार के संयुक्त तत्वावधान में संपन 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि औपनिवेशिक युग के दौरान दबा दी गई भाषाएं अब वैश्विक मंच पर आवाज उठा रही हैं। अब सांस्कृतिक पुनर्संतुलन आवश्यक है
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Panchjanya Magazine Description:
Yayıncı: Bharat Prakashan (Delhi) Limited
kategori: Politics
Dil: Hindi
Sıklık: Weekly
स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में 'पाञ्चजन्य' साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।
अटल जी के बाद 'पाञ्चजन्य' के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्वश्री राजीवलोचन अग्निहोत्री, ज्ञानेन्द्र सक्सेना, गिरीश चन्द्र मिश्र, महेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तिलक सिंह परमार, यादव राव देशमुख, वचनेश त्रिपाठी, केवल रतन मलकानी, देवेन्द्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, भानुप्रताप शुक्ल, रामशंकर अग्निहोत्री, प्रबाल मैत्र, तरुण विजय, बल्देव भाई शर्मा और हितेश शंकर जैसे नाम आते हैं। नाम बदले होंगे पर 'पाञ्चजन्य' की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आया, वे अविचल रहे।
किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम कभी नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से 'पाञ्चजन्य' का जन्म हुआ, वह नाम है पं. दीनदयाल उपाध्याय।
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