अकसर मौसम के बदलाव के लिए हम तैयार नहीं होते, जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न : होती हैं। वातावरण में मौजूद वायरस, फंगस और बैक्टीरिया से इंफेक्शन या एलर्जी का खतरा रहता है। रक्तवाहिनियों के संकुचन से रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, साथ हृदय गति भी अनियमित होने लगती है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण महिलाएं भी मौसम की मार को झेलती हैं और कई शारीरिक-मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं।
तनाव
मौसम में अचानक बदलाव के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ापन आ जाता है। वे तनाव का शिकार हो जाती हैं और जरूरत से ज्यादा सोचने लगती हैं, नतीजतन हॉर्मोनल डिसऑर्डर की समस्या बढ़ जाती है। इससे ब्रेन से सेरोटानिन न्यूरोट्रांसमीटर स्टीमुलेट नहीं हो पाने के कारण उनमें निराशा, डिप्रेशन होता है। उनमें मूड स्विंग होना, बैचेनी, चिड़चिड़ापन, छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव होना, रिश्तेदारों या दोस्तों से मिलने के बजाय अकेले रहना पसंद करना जैसे व्यवहार देखने को मिलता है। वहीं मेलाटोनिन हार्मोन के ज्यादा मात्रा में रिलीज होने से नींद ज्यादा आती है, शारीरिक सक्रियता कम होना, आलस आना, सुस्त हो जाना, काम में मन न लगना, एक्टिविटीज जोन बदलना, एकाग्रता की कमी हो जाती है।
ऐसे में महिलाओं का सप्ताह में कम से कम 5 दिन 30-40 मिनट के लिए सनलाइट एक्सपोजर जरूरी है, जो शरीर में एंटी-डिप्रेसेंट दवाई का काम करता है और सैड डिस्ऑर्डर से बचाता है। मूड ठीक रखने के लिए उन्हें यथासंभव परिवारदोस्तों से बातचीत बनाए रखना, सक्रिय रहना और पसंदीदा काम करने चाहिए।
शारीरिक समस्याएं
मौसम के साथ तादात्मय बनाने के लिए शरीर को अतिरिक्त काम करना पड़ता है खासकर फेफड़ों को बाहर की हवा का तापमान शरीर के अनुकूल करना पड़ता है। ठंडी हवा अंदर लेने से फेफड़ों तक जाने वाली ब्रोंकाइल ट्यूब में सूजन आ जाती है और वो सिकुड़ जाती है, जिसके कारण फेफड़ों पर लोड पड़ता है, जिससे कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
वायरल इंफेक्शन
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बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह स्टाइल करें डेनिम ड्रेस
डेनिम दिखने में जितना कूल नजर आता है उतना ही वो आरामदायक होता है। उसको हर उम्र के लोग पहनना पसंद करते हैं। डेनिम की खास बात यही है कि वे लंबे समय तक चलता है। और जल्दी ही आउट फैशन नहीं होता।
दूर करें तकरार-हो सिर्फ प्यार ही प्यार
कपल्स में ज्यादातर इसी बात को लेकर तकरार होता है कि अपना अधिकार समझकर हम एक दूसरे को कंट्रोल करने लग जाते हैं। हर बात में टोकना, हर चीज़ में अपनी राय के कुछ नहीं कर देने से झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्मियों में खूब सजे-संवरें
आपका मौसम अनुरूप वार्डरोब हो, तो आपकी गेटअप को देखते ही समय के साथ चलने वाला टैग आपके साथ जुड़ जाएगा। यह टैग आपकी ओवर ऑल पर्सनैलिटी को निखारेगा। अब गर्मियां शुरू हो गई हैं, तो आपको समर आउटफिट के बारे में बता दें, ताकि आपका वार्डरोब इससे अछूता नहीं रहे। आखिर आपको समय के साथ जो चलना है।
चिलचिलाती धूप में एक्सेसरीज से दिखें फैशनेबल
'धूप में निकला न करो रूप की रानी, गोरा रंग काला न पड़ जाए'। ये गीत तो आपको याद होगा न! इसलिए जब भी गर्मियों में कहीं बाहर निकलें तो इन एक्सेसरीज को जरूर पहनकर निकलें।
घरेलू तरीकों से बालों से हटाएं चिपचिपापन
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इन हेयरस्टाइल के साथ गर्मियों में रहें कूल
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उत्तर भारत का एक बड़ा कृषि त्यौहार: बैसाखी
बैसारवी भक्ति और उल्लास से मनाया जाने वाला त्यौहार है। सिक्व समुदाय में इसका विशेष महत्व है। इस दिन भोर में ही भक्तजन उठकर पवित्र जल में स्नान कर गुरुद्वारे में अरदास करने जाते हैं।
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आपको कुछ घंटे के लिए घर से बाहर जाना हो, बच्चों को एकदम अकेले छोड़कर जाना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे को इमरजेंसी के लिए तैयार रखें।
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सर्दियों की तुलना में गर्मियों में नाक, कान और गले में दिक्कत ज्यादा होती है, इसकी वजह है वायरस और इन्फेक्शन। इसे ठीक होने में कम से कम एक सप्ताह लगता है इसलिए इन दिनों साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ताकि इन्फेक्शन आपको परेशान न करे।