बड़े-बड़े फाइव स्टार होटल में पैसों की चमक- दमक के आगे परंपराएं दम तोड़ते दिखती हैं। एक छोटे से गिलास को ओखली और एक छोटी-सी लकड़ी को मूसल का प्रतीक मानकर परंपरा को निभाया जाता है। चक्की का काम भी दो प्लेटो को आपस में जोड़कर निभा लिया जाता है। तब भी यह सोच कर मन में संतोष कर लेते हैं, चलो किसी ना किसी रूप में परंपराएं जिंदा तो हैं। बहुत पुरानी बात नहीं है, महज आज से पच्चीस से तीस साल पहले की शादियों को याद कीजिए। लड़की का पिता दूर से ही समझ में आ जाता था, चेहरे पर एक अलग सी बेचारगी, काम के बोझ का मारा दोनों हाथों को जोड़े बारातियों के स्वागत में लगा रहता।
समय ने करवट ली, लड़की का पिता एक्सक्लूसिव सूट के सहारे, आत्मविश्वास की चमक के साथ दरवाजे पर आपका स्वागत करता है। लड़की की मां भी नामी-गिरामी ब्यूटी पार में गोल्ड फेशियल करा कर लहंगे की लकदक के साथ आपका स्वागत करने के लिए खड़ी रहती है।
दूल्हे मियां के भी क्या कहने होते थे, भाभियों और बहनों की छेड़छाड़ और मनुहार के बीच दूल्हे राजा शान से इठलाते रहते थे। भाभियों का सारा प्यार उनकी आंखों में काजल लगाने और शगुन के लिए मीठी नोक-झोंक में ही बीत जाता था, पर आजकल मजाल है कि कोई भाभी इतनी हिम्मत कर सके कि वो दूल्हे की आंखों में काजल लगा सके, क्योंकि दूल्हे के चेहरे की चमक को बढ़ाने के लिए महीनों से ब्यूटी पार्लर में ट्रीटमेंट लिया जा रहा होता है। अब तो दूल्हे मियां के लिए शेरवानी, पगड़ी और जूती तक मैचिंग खरीदी जाती है। मैचिंग भी ऐसी-वैसी नहीं बल्कि दुलहन के ऑउटफिट से मैच करती हुई होनी चाहिए।
आजकल की शादियों के बजट आसमान छू रहे हैं। बैचलर पार्टी, महिला संगीत और रिसेप्शन की पार्टी, ये तो सब आम बात है। आइये, आपको एक नए चलन से रूबरू कराते हैं - इसे कहते हैं 'प्री वेडिंग शूट'।
This story is from the December 2022 edition of Grehlakshmi.
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बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह स्टाइल करें डेनिम ड्रेस
डेनिम दिखने में जितना कूल नजर आता है उतना ही वो आरामदायक होता है। उसको हर उम्र के लोग पहनना पसंद करते हैं। डेनिम की खास बात यही है कि वे लंबे समय तक चलता है। और जल्दी ही आउट फैशन नहीं होता।
दूर करें तकरार-हो सिर्फ प्यार ही प्यार
कपल्स में ज्यादातर इसी बात को लेकर तकरार होता है कि अपना अधिकार समझकर हम एक दूसरे को कंट्रोल करने लग जाते हैं। हर बात में टोकना, हर चीज़ में अपनी राय के कुछ नहीं कर देने से झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्मियों में खूब सजे-संवरें
आपका मौसम अनुरूप वार्डरोब हो, तो आपकी गेटअप को देखते ही समय के साथ चलने वाला टैग आपके साथ जुड़ जाएगा। यह टैग आपकी ओवर ऑल पर्सनैलिटी को निखारेगा। अब गर्मियां शुरू हो गई हैं, तो आपको समर आउटफिट के बारे में बता दें, ताकि आपका वार्डरोब इससे अछूता नहीं रहे। आखिर आपको समय के साथ जो चलना है।
चिलचिलाती धूप में एक्सेसरीज से दिखें फैशनेबल
'धूप में निकला न करो रूप की रानी, गोरा रंग काला न पड़ जाए'। ये गीत तो आपको याद होगा न! इसलिए जब भी गर्मियों में कहीं बाहर निकलें तो इन एक्सेसरीज को जरूर पहनकर निकलें।
घरेलू तरीकों से बालों से हटाएं चिपचिपापन
इस मौसम में हमारी त्वचा के ऑयल ग्लैंड्स काफी सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बालों में हमेशा एक चिपचिपापन रहता ही है। कई बार ऑयल कंट्रोल्ड शैंपू भी बालों पर असर नहीं करते हैं । बालों का चिपचिपापन हटाने के लिए अपनाएं घरेलू तरीके।
इन हेयरस्टाइल के साथ गर्मियों में रहें कूल
हेयर स्टाइलिंग का असली मजा गर्मियों में है, लेकिन लंबे बालों को खोलकर रखने से आप पसीने से तर-बतर हो जाएंगी। यदि आप इन दिनों स्टाइलिंग करना चाहती हैं तो यहां दी गई हेयर स्टाइलिंग को एक बार ट्राई जरूर करें।
उत्तर भारत का एक बड़ा कृषि त्यौहार: बैसाखी
बैसारवी भक्ति और उल्लास से मनाया जाने वाला त्यौहार है। सिक्व समुदाय में इसका विशेष महत्व है। इस दिन भोर में ही भक्तजन उठकर पवित्र जल में स्नान कर गुरुद्वारे में अरदास करने जाते हैं।
इस तरह करें अपने बच्चों को इमरजेंसी के लिए तैयार
आपको कुछ घंटे के लिए घर से बाहर जाना हो, बच्चों को एकदम अकेले छोड़कर जाना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे को इमरजेंसी के लिए तैयार रखें।
व्रत में ट्राई करें 5 सात्विक रेसिपीज
नवरात्र में अक्सर हम महिलाएं वही कुट्टू की टिक्की या साबूदाना की खिचड़ी बनाते हैं लेकिन इस नवरात्र आप कुछ अलग ट्राई करें, ताकि आप और आपके बच्चे दोनों व्रत का आनंद उठा सकें।
इन तरीकों से करें कान, नाक और गले की देखभाल
सर्दियों की तुलना में गर्मियों में नाक, कान और गले में दिक्कत ज्यादा होती है, इसकी वजह है वायरस और इन्फेक्शन। इसे ठीक होने में कम से कम एक सप्ताह लगता है इसलिए इन दिनों साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ताकि इन्फेक्शन आपको परेशान न करे।