देश के लिए खतरा है जबरन धर्मांतरण
Rishi Prasad Hindi|January 2023
उच्चतम अदालत का गम्भीर इशारा
देश के लिए खतरा है जबरन धर्मांतरण

धर्मांतरण आज देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। हाल ही में उच्चतम अदालत ने इस बात को गम्भीरता से लेते हुए कहा कि 'जबरन धर्मांतरण न सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है। इसे नहीं रोका गया तो बहुत मुश्किल परिस्थितियाँ खड़ी हो जायेंगी। केन्द्र सरकार इसे रोकने के लिए कदम उठाये और इस दिशा में गम्भीर प्रयास करे।'

केन्द्र सरकार की तरफ से अदालत में यह बात रखी गयी कि 'ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ चावल, गेहूँ आदि देकर धर्म-परिवर्तन कराये जा रहे हैं।'

अदालत आज इस मुद्दे को उठा रही है पर दूरद्रष्टा ब्रह्मवेत्ता संत पूज्य बापूजी ने तो धर्मांतरण की कूटनीति को आज से कई दशक पूर्व ही भाँप लिया था। जब भारत में धर्मांतरण-कार्य करनेवाली मिशनरियाँ अपने पाँव जमा रही थीं उस समय से ही पूज्य बापूजी ने उसको रोकने के लिए भगीरथ प्रयास किये। संतश्री ने दूर-दराज के पिछड़े, गरीब, आदिवासी क्षेत्र, जहाँ लोगों को रोटी का लालच दिखाकर, उनकी मजबूरी का फायदा उठा के धर्मांतरित किया जाता है, उन क्षेत्रों में सत्संग, कीर्तन, सत्साहित्य - वितरण आदि के माध्यम से लोगों में धर्मनिष्ठा, स्वधर्मपालन जैसे संस्कारों का सिंचन किया, उन्हें व्यसनों, कुरीतियों से बचने हेतु प्रेरित किया, सनातन धर्म की महिमा बताकर व आत्मोन्नतिकारक कुंजियाँ दे के उनको धर्मांतरण का शिकार होने से बचाया और उन्नत जीवन की ओर अग्रसर किया। गरीबों, आदिवासियों के दुःख-दर्द को समझा, उन्हें आत्मिक प्रेम दिया, उनको येन-केन प्रकारेण मददरूप हुए... फिर चाहे उनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था के लिए ‘भजन करो, भोजन करो, पैसा पाओ' योजना चलाना हो, अनाज आदि जीवनोपयोगी सामग्री बँटवाना व आर्थिक सहायता गृति करना हो, निराश्रितों के लिए मकान बनवाना हो, दूरदराज के क्षेत्रों में चलचिकित्सालय चलवाना हो, शिक्षा, सुसंस्कार-सिंचन व विद्यार्थी-उपयोगी सामग्री का वितरण हो...। और ये कार्य किसी क्षेत्र - विशेष में ही नहीं चले बल्कि देशभर में फैले पूज्य बापूजी के साधकों ने अपनेअपने क्षेत्रों में सुचारु रूप से इन कार्यों का संचालन किया। 

This story is from the January 2023 edition of Rishi Prasad Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

This story is from the January 2023 edition of Rishi Prasad Hindi.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM RISHI PRASAD HINDIView All
पुण्य-संचय व भगवत्प्रीति के लिए सर्वोत्तम मास
Rishi Prasad Hindi

पुण्य-संचय व भगवत्प्रीति के लिए सर्वोत्तम मास

वैशाख मास: २३ अप्रैल से २३ मई

time-read
2 mins  |
April 2024
गर्मी या पित्त संबंधी समस्याओं का बेजोड़ उपाय : सफेद पैठा
Rishi Prasad Hindi

गर्मी या पित्त संबंधी समस्याओं का बेजोड़ उपाय : सफेद पैठा

सफेद पेठा (भूरा कुम्हड़ा) आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत लाभदायी फल, सब्जी तथा अनेकों रोगों में उपयोगी औषधि है। इसका पका फल सर्व दोषों को हरनेवाला है।

time-read
2 mins  |
April 2024
... और मुगल साम्राज्य का अंत हो गया
Rishi Prasad Hindi

... और मुगल साम्राज्य का अंत हो गया

जो दूसरों को परेशान करके राज्य करते हैं अथवा जो दूसरों को परेशान करके मजा लेते हैं उनके लिए कुदरत की क्या-क्या व्यवस्था है ! मुगल शासन था। दो राजकुमार दिल्ली से बाहर जंगल में आखेट (शिकार) करने गये।

time-read
3 mins  |
April 2024
कैसे नष्ट हो गया था वल्लभीपुर?
Rishi Prasad Hindi

कैसे नष्ट हो गया था वल्लभीपुर?

मैंने सुनी है एक कथा कि भावनगर के नजदीक वल्लभीपुर नाम का एक नगर था । एक संत कहीं से घूमते-घामते वहाँ पहुँचे। वहाँ एकांत में उन्होंने अपने ध्यान-भजन की जगह चुनी। उनका शिष्य भिक्षा लेकर आता था।

time-read
1 min  |
April 2024
जब हनुमानजी पर छलक पड़े श्रीरामजी
Rishi Prasad Hindi

जब हनुमानजी पर छलक पड़े श्रीरामजी

२३ अप्रैल (चैत्र मास की पूर्णिमा) को श्री हनुमानजी का प्राकट्य दिवस है। हनुमानजी अद्भुत शक्ति, निष्ठा और भक्ति के प्रतीक हैं। यह दिवस न केवल भक्ति की महिमा को चिह्नित करता है बल्कि आध्यात्मिक जागृति और आत्मसाक्षात्कार के महत्त्वपूर्ण पहलुओं को भी सामने लाता है।

time-read
1 min  |
April 2024
मोक्षप्राप्ति का साक्षात् साधन
Rishi Prasad Hindi

मोक्षप्राप्ति का साक्षात् साधन

जिस काल में, जिस देश में और जिस रूप में 'अहं - अहं' का स्फुरण हो रहा है यदि उसी काल, उसी देश और उसी रूप में वही 'अहं' तत्त्वतः परमात्मा न हो तो परमात्मा नाम की किसी वस्तु की सिद्धि, स्थिति या उपलब्धि नहीं हो सकती क्योंकि वह नश्वर, अपूर्ण तथा अप्राप्त होगी।

time-read
1 min  |
April 2024
वास्तविक जीवन
Rishi Prasad Hindi

वास्तविक जीवन

रविदासजी को उनके पिता ने ७ जोड़ी जूते बनाकर दिये। २ रुपये जोड़ी बेचने थे। उन्होंने पिता को १४ रुपये के बदले १२ रुपये दिये।

time-read
2 mins  |
April 2024
अपने जन्म-कर्म को दिव्य कैसे बनायें?
Rishi Prasad Hindi

अपने जन्म-कर्म को दिव्य कैसे बनायें?

२९ अप्रैल को पूज्य संत श्री आशारामजी बापू का अवतरण दिवस है । आप सभीको इस दिन की खूब - खूब बधाई ! इस पावन पर्व पर जानते हैं जन्म-कर्म को दिव्य बनाने का रहस्य पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से:

time-read
2 mins  |
April 2024
संत अपमान से उजड़ा गाँव, जान-माल की हुई भारी तबाही
Rishi Prasad Hindi

संत अपमान से उजड़ा गाँव, जान-माल की हुई भारी तबाही

(पूज्य बापूजी के सत्संग से)

time-read
2 mins  |
April 2024
वे ही वास्तव में महान हो जाते हैं!
Rishi Prasad Hindi

वे ही वास्तव में महान हो जाते हैं!

'मैं कुछ बनूँ...' या 'हम कुछ बनें' यह ईश्वर से अलग अपना अस्तित्व बनाने की, ईश्वर से अलग होकर अपनी कोई विशेषता प्रकट करने की जो कोशिश है यही व्यक्ति का व्यक्तिगत दोष है और समाज का सामाजिक दोष है | बहुत सूक्ष्म बात है।

time-read
2 mins  |
April 2024