22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। देश में राममयी माहौल है, हालांकि ऐसा माहौल पहली बार नहीं है। 1980 के दौर में शो रामायण जब टीवी पर प्रसारित होता तो सड़कों पर सन्नाटा छा जाता था। लोग इस सीरियल में राम-सीता बने अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया को देखकर आज भी हाथ जोड़ लेते हैं और उनके पैर छूने लगते हैं।
बॉलीवुड में भी राम और रामायण पर आधारित कई फिल्में बनी हैं। पिछले साल रिलीज हुई 600 करोड़ रु. के बजट में 'आदिपुरुष' भले ही फ्लॉप रही, लेकिन इससे भी ये ट्रेंड फीका नहीं पड़ा।
इसका उदाहरण हाल ही में रिलीज हुई तेलुगु फिल्म 'हनुमान' है जिसकी कमाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। फिल्म ने ग्लोबली 150 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई कर ली है जिससे साफ है कि रामायण पर फिल्म बनाने का फॉर्मूला हमेशा सुपरहिट साबित हुआ है। यही वजह है कि 112 साल के हिंदी सिनेमा के इतिहास में रामायण पर अब तक 50 फिल्में और तकरीबन 20 टीवी शो बन चुके हैं और ज्यादातर फिल्मों ने अच्छी कमाई की है। 1917 में यानी 107 साल पहले आई लंका दहन ने 10 दिनों में ही 35 हजार रुपए की कमाई कर ली थी। इसकी कमाई बैलगाड़ियों में भरकर प्रोड्यूसर तक पहुंचाई जाती थी, क्योंकि टिकट बिक्री में ज्यादातर सिक्के ही आते थे। 1943 में आई रामराज्य ने भी उस दौर में 60 लाख रुपए कमाए थे। ये फिल्म महात्मा गांधी की फेवरेट फिल्मों में से एक थी।
बैलगाड़ियों में ले जाते थे कमाई
'लंका दहन' से इतनी ज्यादा कमाई हुई कि टिकट बिक्री से जमा हुए पैसों को थैलियों में भरकर बैलगाड़ियों की मदद से ऑफिस तक पहुंचाया जाता था। रिपोर्ट्स की मानें तो 10 दिनों में ही फिल्म ने 35 हजार रुपए कमाए थे।
चलिए जानते हैं माइथोलॉजिकल फिल्मों से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स
रामायण पर बनी पहली फिल्म थी
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