लद्दाख में अग्रिम मोर्चे पर तैनात सेना के एक जवान का हाथ कट गया। उसके हाथ को समय रहते जोड़ने के लिए सेना और वायुसेना के जवानों की समय के साथ जंग शुरू हो गई। दोनों के बेहतर तालमेल की बदौलत जवान को दुर्गम इलाके से समय रहते नई दिल्ली लाने में सफलता मिली और हाथ को जोड़ दिया गया। दुर्गम स्थल होने की वजह से वायुसेना को बेहद ही खतरनाक परिस्थितियों में उसे एयरलिफ्ट करना पड़ा। रात के समय उतरने के लिए नाइट विजन उपकरण का उपयोग करना पड़ा।
This story is from the April 13, 2024 edition of Dainik Jagran.
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‘अल्पसंख्यक खतरे में हैं' का झूठा नैरेटिव बेनकाब हुआ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दावा किया कि यह नैरेटिव झूठा है कि 'अल्पसंख्यक खतरे में हैं।'