- बोली के लिए प्रतिस्पर्धा कम रहेगी, क्योंकि जियो और एयरटेल के पास 5जी के लिए अभी अतिरिक्त नेटवर्क क्षमता मौजूद है
विश्लेषकों का कहना है कि 2022 की नीलामी में जहां रिलायंस जियो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और वोडाफोन आइडिया को वित्तीय तंगी का शिकार रही, वहीं मई में होने वाली आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में भारती एयरटेल का दबदबा दिख सकता है। जेफरीज और ऐक्सिस कैपिटल की विश्लेषण रिपोर्टों में कहा गया है कि भारती एयरटेल को कम से कम 6 सर्किल में 1800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंडों में 42 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए लाइसेंस का नवीकरण करना है। इस कारण यह दूरसंचार कंपनी सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षित कीमत पर 3, 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin March 12, 2024 sayısından alınmıştır.
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बुनियादी ढांचे में पंजीगत व्यय जारी रखने की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में गठबंधन सरकार होने के कारण मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के लिहाज से अहम माने जाने वाले बुनियादी ढांचे का काम संभालने वाले मंत्रियों के प्राथमिकताओं में बदलाव आ सकता है।
आसमान में ऊंची उड़ान के बीच रोकेंगे हिचकोले
भारत के नागर विमानन क्षेत्र में पिछले 2 साल में बड़ा बदलाव आया है।
कृषि सुधार और महंगाई से निपटने की चुनौती
सत्ता संभालने वाली नई सरकार के समक्ष खाद्य व कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती खाद्य वस्तुओं की महंगाई को काबू करना होगा। साल 2023 में आपूर्ति के दबाव के कारण खाद्य वस्तुओं की महंगाई के मामले में हालत खराब रही है।
ऊर्जा सुरक्षा व बढ़ती मांग के बीच संतुलन अहम
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के बीते दो कार्यकाल में स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा में बदलाव ने आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गठबंधन बदलेगा काम की प्राथमिकता
इस बार गठबंधन सरकार बनने से रेल मंत्रालय में भर्तियां आने, जनरल कोच बढ़ने, स्लीपर ट्रेन चलने की उम्मीद की जा रही है। वहीं कृषि क्षेत्र में सुधार और महंगाई पर काबू पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। बढ़ते नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विदेशी विमानन कंपनियों के दबाव से निपटना भी अहम चुनौती है....
डेटा सुरक्षा, दूरसंचार कानून पर पहले काम करेगा मंत्रालय
नई सरकार में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को अगले 100 दिन में कई काम प्राथमिकता के तौर पर अंजाम देने हैं।
व्यस्त रखेगा पूर्ण बजट और लंबित सुधारों का क्रियान्वयन
नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली गठबंधन सरकार के तहत वित्त मंत्रालय के सामने पहली चुनौती करीब एक महीने में 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की होगी।
नए मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर और निर्यात बहाली होगा अहम एजेंडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली गठबंधन सरकार के तहत वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की सबसे बड़ी चुनौती वस्तु निर्यात की वृद्धि बहाल करने की होगी, जिसे कई तरह के बाहरी कारणों मसलन भू-राजनीतिक जोखिम और उच्च महंगाई से जूझना पड़ रहा है।
अर्थव्यवस्था, व्यापार पर रहेगा जोर
नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में आ रही सुस्ती, महंगाई और भू-राजनीतिक समस्याएं हैं। अगले महीने पेश होने वाले बजट से तय होगा कि चुनौतियों से निपटते हुए अर्थव्यवस्था को तेजी देने और विदेशों के साथ व्यापार बढाने के लिए सरकार कौन से उपाय करती है ....
शीर्ष प्राथमिकता में आयुष्मान भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गठजोड़ सरकार की प्राथमिकता सूची में स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि विभाग की प्राथमिकता सूची में आयुष्मान भारत का विस्तार और संशोधित अनुसूचित एम (औषधि उत्पादन की गुणवत्ता से संबंधित) को लागू करना हो सकता है।