इक्विटी से जुटाई गई रकम
- आईपीओ के जरिये जुटाई गई 52 फीसदी कम रकम, क्यूआईपी में 67 फीसदी गिरावट
- वित्त वर्ष 2024 में कई आईपीओ आने की उम्मीद
- करीब 76,189 करोड़ रुपये जुटाने के लिए 54 कंपनियों के प्रस्ताव को सेबी से हरी झंडी मिल चुकी है
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कड़ी मौद्रिक सख्ती के कारण 2022-23 में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव रहा, जिससे इक्विटी पूंजी बाजार में भी गतिविधियां घटकर आधे से भी कम रह गईं। आईपीओ के जरिये जुटाई गई रकम पिछले वित्त वर्ष से 52 फीसदी घटकर 54,344 करोड़ रुपये रह गई, जो वित्त वर्ष 2022 में 1.12 लाख करोड़ रुपये रही थी। पात्र संस्थागत निवेश के जरिये जुटाई गई रकम 67 फीसदी घटकर 9,335 करोड़ रुपये रह गई। प्राइम डेटाबेस के अनुसार ऑफर फॉर सेल के जरिये जुटने वाली रकम में 23 फीसदी और रीट/इनविट्स की रकम में 92 फीसदी गिरावट आई है। कुल मिलाकर इक्विटी पूंजी बाजार से इस वित्त वर्ष में 76,076 करोड़ रुपये ही जुटाए गए, जो पिछले वित्त वर्ष के 1.74 लाख करोड़ रुपये से 56 फीसदी कम रहे।
This story is from the March 31, 2023 edition of Business Standard - Hindi.
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फर्जी मुद्रा डीलरों पर रिजर्व बैंक सख्त
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को ज्यादा रिटर्न के वादे के साथ विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) कारोबार सुविधाएं प्रदान करने वाली अनधिकृत संस्थाओं पर निशाना साधा है।
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नोएडा, गाजियाबाद में कल पड़ेंगे वोट
हर रोज तापमान के साथ-साथ चुनावी गर्मी भी तेज हो रही है। मगर टैलेंट मैनेजमेंट कंपनी के 23 वर्षीय कर्मचारी अमित कुमार दोनों को लेकर आशावादी बने हुए हैं। मंगलवार को हुई बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है और नोएडा की संभावनाओं पर कुमार की आशा भी आसमान पर है।
'हक छीनना चाहती है कांग्रेस'
प्रधानमंत्री ने सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा
क्रेडिट कार्ड से 27 फीसदी बढ़ा खर्च
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