“मैं आज भी थिएटर कर अपनी प्रतिभा को तराशता रहता हूं" ललित पारिमू
Sarita|August II 2022
‘शक्तिमान' में डा. जैकाल के किरदार से मशहूर हुए अभिनेता ललित पारिमू संजीदा अभिनय के लिए जाने जाते हैं. इस समय वे फिल्म 'नार का सुर' को ले कर चर्चा में हैं. उन्होंने सिनेमा के बदलते दौर पर बात की.
शांतिस्वरूप त्रिपाठी
“मैं आज भी थिएटर कर अपनी प्रतिभा को तराशता रहता हूं" ललित पारिमू

शहूर टीवी व फिल्म अभिनेता ललित पारिमू वप परिचय के मुहताज नहीं हैं. उन्होंने 'मैला आंचल' से ले कर 'शक्तिमान' सहित कई सीरियलों में सशक्त किरदार निभा कर अपनी पहचान बनाई. इन दिनों ललित पारिमू कुलदीप कौशिक निर्देशित फिल्म 'नार का सुर' को ले कर चर्चा में हैं.

ललित पारिमू ने दूरदर्शन से अपने कैरियर से शुरुआत की. बातचीत के दौरान अपने जीवन में आए टर्निंग पौइंट्स के बारे में वे कहते हैं, "पहला टर्निंग पौइंट तो थिएटर से टीवी रहा. मैं ने कभी टीवी पर काम करने की नहीं सोची थी क्योंकि उन दिनों हम टीनऐजर के जो सपने थे उन में टीवी कहीं था ही नहीं. वैसे भी उस वक्त तक टीवी कम चर्चा में रहता था. सिर्फ दूरदर्शन हुआ करता था जिसे लोग समाचार जानने का माध्यम मानते थे. लेकिन टीवी के मनोरंजक कार्यक्रमों ने जल्द ही अपनी जगह बनाई और तमाम कलाकारों को अभिनय करने का मौका दिया तो मेरे कैरियर का यही पहला टर्निंग पौइंट रहा.

"दूसरा टर्निंग प्वाइंट तकनीकी परिवर्तन का रहा. पहले दूरदर्शन के सीरियल 'लो बैंड' पर फिल्माए जाते थे. फिर 'हाई बैंड' पर फिल्माए जाने लगे. फिर 'बीटा' पर शूट होने लगा. 1992 के बाद सैटेलाइट चैनल का दौर आ गया. अब तो डिजिटल का दौर आ गया."

तीसरा टर्निंग सीरियल 'शक्तिमान' से जुड़ना रहा. मुझे इस सीरियल में डाक्टर जैकाल के किरदार को निभाने के लिए सिर्फ 4 एपिसोड के लिए बुलाया गया था मगर पहले एपिसोड ने कुछ ऐसा धमाल मचाया कि निर्माता व निर्देशक सलाहमशवरा कर मेरे किरदार को 350 एपिसोड तक ले कर गए. चौथा टर्निंग प्वाइंट 'संशोधन' व 'हैदर' जैसी फिल्मों में अभिनय करना रहा. 5वां टर्निंग प्वाइंट ओओटी प्लेटफौर्म पर वैब सीरीज 'स्कैम 92' में अभिनय करना रहा. नैटफ्लिक्स की वैब सीरीज 'अरण्यक' की."

फिल्मों में आने तक के सफर के बारे में वे बताते हैं, “हम ने अभी हार्डकोर कमर्शियल फिल्में नहीं कीं. मुझे गोविंद निहलानी की 'संशोधन' या विशाल भारद्वाज की 'हैदर' जैसी कलात्मक फिल्में ही करने का अवसर दिया गया. इस की कई वजहें रहीं. हम टीवी के लिए हर माह 20 से 25 दिन शूटिंग कर रहे थे. ऐसे में टीवी से छुट्टी ले कर फिल्म निर्माता या निर्देशक के पास जा कर मिलने का वक्त नहीं मिल रहा था.

This story is from the August II 2022 edition of Sarita.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

This story is from the August II 2022 edition of Sarita.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.

MORE STORIES FROM SARITAView All
फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया
Sarita

फिल्मों में कैंसर लोगों को बीमारी के बारे में बताया या सिर्फ इसे भुनाया

लाइलाज बीमारी कैंसर का हिंदी फिल्मों से ताल्लुक कोई 60 साल पुराना है. 1963 में सी वी श्रीधर निर्देशित राजकुमार, मीना कुमारी और राजेंद्र कुमार अभिनीत फिल्म 'दिल एक मंदिर' में सब से पहले कैंसर की भयावहता दिखाई गई थी लेकिन 'आनंद' के बाद कैंसर पर कई फिल्में बनीं जिन में से कुछ चलीं, कुछ नहीं भी चलीं जिन की अपनी वजहें भी थीं, मसलन निर्देशकों ने कैंसर को भुनाने की कोशिश ज्यादा की.

time-read
7 mins  |
April Second 2024
मोबाइल नंबर की अनिवार्यता
Sarita

मोबाइल नंबर की अनिवार्यता

आज मोबाइल हमारे जीवन का जरूरी अंग बना दिया गया है. हम चाह कर भी इस के बिना नहीं रह सकते. सभी चीजें औनलाइन कर दी गई हैं. कुछ काम तो सिर्फ औनलाइन तक ही सीमित रह गए हैं. ऐसे में एक गरीब को भी मोबाइल खरीदना जरूरी हो गया है.

time-read
1 min  |
April Second 2024
घर में बनाएं जिम
Sarita

घर में बनाएं जिम

जिम में जा कर ऐक्सरसाइज करने से अधिक सुविधाजनक यह है कि घर में ही अपना जिम बनाएं घर के जिम में आवश्यक ऐक्सरसाइज इक्विपमैंट ही रखें, जिस से कम बजट में इस को तैयार किया जा सके.

time-read
3 mins  |
April Second 2024
अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा
Sarita

अधेड़ उम्र में शादी पर सवाल कैसा

आयु का इच्छाओं से कोई संबंध नहीं है. अगर आप अपने बलबूते पर, खुद के भरोसे 60 वर्ष की आयु में भी शरीर बनाना चाहते हैं, दुनिया की सैर करना चाहते हैं, किसी हसीना के साथ डेट पर जाना चाहते हैं या शादी करना चाहते हैं तो भई, इस पर सवाल कैसा?

time-read
5 mins  |
April Second 2024
गरमी में भी सब्जियों और फलों को ऐसे रखें ताजा
Sarita

गरमी में भी सब्जियों और फलों को ऐसे रखें ताजा

गरमी में सब्जियां, खासकर हरी सब्जियां, जल्दी खराब होती हैं. ऐसे में वे आसान तरीके जानिए जिन से सब्जियों को जल्दी खराब होने से बचाया जा सकता है.

time-read
3 mins  |
April Second 2024
वौयस क्लोनिंग का खतरा
Sarita

वौयस क्लोनिंग का खतरा

आजकल वौयस क्लोनिंग के जरिए महिलाओं को बेवकूफ बनाया जा रहा है. एआई की मदद से प्रेमी, भाई या किसी अन्य परिजन की आवाज में कौल कर पैसे ऐंठे जा रहे हैं जो डिजिटलीकरण की कमियां दिखा रहा है.

time-read
5 mins  |
April Second 2024
जीने की आजादी है महिलाओं का बाइक चलाना
Sarita

जीने की आजादी है महिलाओं का बाइक चलाना

पुरुषों के लिए बाइक चलाना सामान्य बात मानी जाती है मगर कोई महिला बाइक चलाए तो उसे हैरान नजरों से देखा जाता है.

time-read
3 mins  |
April Second 2024
हीनता और वितृष्णा का प्रतीक पादुका पूजन
Sarita

हीनता और वितृष्णा का प्रतीक पादुका पूजन

भारत में गुरु तो गुरु, उन की पादुकाएं तक पैसा कमाती हैं. इसे चमत्कार कहें या बेवकूफी, यह अपने देश में ही होना संभव है. धर्मगुरुओं ने प्रवचनों के जरिए लोगों में आज कूटकूट कर इतनी हीनता भर दी है कि वे मानसिक तौर पर अपाहिज हो कर रह गए हैं.

time-read
5 mins  |
April Second 2024
फ्रांस में गर्भपात पर फैसला मेरा शरीर मेरा हक
Sarita

फ्रांस में गर्भपात पर फैसला मेरा शरीर मेरा हक

फ्रांस में गर्भपात कानून में बदलाव के बाद पूरी दुनिया में इस पर बहस छिड़ गई है कि इस का नतीजा क्या होगा?

time-read
4 mins  |
April Second 2024
बाल्टीमोर ब्रिज हादसा पुल के साथ ढहा भारतीय आत्मसम्मान
Sarita

बाल्टीमोर ब्रिज हादसा पुल के साथ ढहा भारतीय आत्मसम्मान

अमेरिका और अमेरिकी बहुत ज्यादा उदार नहीं हैं. विदेशियों, खासतौर से अश्वेतों के प्रति उन के पूर्वाग्रह, कुंठा, जलन और हिंसा सहित तमाम तरह के भेदभाव दैनिक सामाजिक जीवन का हिस्सा हैं जिन की तुलना हमारे देश में दलितों से किए जाने वाले व्यवहार से की जा सकती है. बाल्टीमोर पुल हादसे के बाद यह बात एक बार फिर साबित हुई है कि हमारी सरकार ने इस से कोई सरोकार नहीं रखा.

time-read
6 mins  |
April Second 2024