तनुश्री गुप्ता, 47 वर्ष संस्थापक, मिस्टर ब्राउन बेकरी
लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने के बाद हजरतगंज में रहने वाली तनुश्री गुप्ता का विवाह शहर के डंडहिया इलाके में रहने वाले रामू गुप्ता से हो गया था. हलवाई परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामू उस वक्त नमकीन बनाकर 'श्याम नमकीन' के नाम से उसे लखनऊ और आसपास के जिलों में सप्लाइ करते थे. तनुश्री की बिजनेस में रुचि थी लेकिन ससुराल में ज्यादा पैसा नहीं था. शादी के शुरुआती दिनों में तनुश्री पति रामू के साथ देश में कई जगह घूमीं और कई होटलों में ठहरीं. यहां उन्होंने पाया कि विदेशों से आने वाले लोग बेक (अवन में सिंके हुए) किए हुए स्नैक्स की मांग करते थे. यहीं तनुश्री को एहसास हुआ कि आने वाला समय बेकरी का है. उनके दिमाग में बेकरी और चॉकलेट की बातें घूमने लगीं. विदेशों में बेकरी की तकनीक और उनसे बनने वाली मिठाइयों की जहां से भी जानकारी मिली, तनुश्री ने उसे इकट्ठा करने में जरा भी देर नहीं लगाई. पत्नी की लगन को देखते हुए रामू ने अपने दोस्तों से उधार लेकर 2002 में अलीगंज के सेक्टर पी में 12 लाख रुपए से चार हजार वर्ग फुट जमीन खरीदी. चार साल बाद 8 दिसंबर, 2006 को तनुश्री के सपने ने हकीकत का रूप लिया जब यहां पर 'मिस्टर ब्राउन' बेकरी की स्थापना हुई. तनुश्री बताती हैं, "मैंने पढ़ाई के दौरान कुकिंग का कोर्स किया था. इसमें थोड़ी बहुत जानकारी बेकरी की भी मिली थी लेकिन शादी के बाद देश के कई हिस्सों में जाकर बेकरी के काम को नजदीक से देखा और उससे सीखा." हालांकि 47 वर्षीया तनुश्री के प्रेरणास्त्रोत उनके ससुर प्यारे लाल गुप्ता थे जो काफी कठिनाइयों के बीच हलवाई का काम करके अपने परिवार का पेट भरते थे.
बेकरी के नाम 'मिस्टर ब्राउन' पति-पत्नी की आपसी समझ और स्नेह का परिणाम था. रामू गुप्ता बताते हैं, "मेरी आंखों के ब्राउन (भूरी) होने की वजह से तनु ने मेरा नाम बिजी मिस्टर ब्राउन रख दिया था. इसी नाम से बेकरी का नाम पड़ा." तनुश्री बताती हैं कि बेकरी में सिंकी हुई चीज 'गोल्डन' या 'ब्राउन' रंग की ही होती है इसलिए 'मिस्टर ब्राउन' से बेकरी को 'कनेक्ट' करने में आसानी हुई."
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 13, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 13, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
अच्छे लगते हैं बैड बॉय
वीजे, ऐक्टर और अब ट्रैवल इन्फ्लुएंसर बनीं शेनाज ट्रेजरी अतीत के इन रोमांसों पर एक किताब लेकर आईं: ऑल ही लेफ्ट मी वाज ए रेसिपी
कान्स 2024 में भारत
तीस साल में पहली बार 2024 कान्स फिल्म फेस्टिवल में पाम डी'ओर प्रतिस्पर्धा खंड में भारत की एक फीचर फिल्म को जगह मिली है. जी हां, इसके अलावा भी बहुत कुछ है...
थिएटर मेरी जान
अपने म्यूजिकल और भव्य नाटकों के लिए मशहूर रंगकर्मी फिरोज अब्बास खान की लेटर्स ऑफ सुरेश के साथ क्लासिक थिएटर में वापसी
खेवनहारों की ही नैया मझधार में
नौ फीसदी आबादी वाला निषाद समूह बड़ी ताकत बन कर उभरा. मुजफ्फरपुर सीट पर दोनों धड़ों के उम्मीदवार इसी समुदाय से निषादों की राजनीति करने वाले मुकेश सहनी से राजद ने समझौता कर उनकी पार्टी को तीन सीटें दीं. पर कहां हैं निषादों के असली सवाल?
जगन की असली अग्निपरीक्षा
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के बीच पैठ बढ़ाने के मामले में जगन मोहन रेड्डी की वाइएसआरसीपी को एन. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी से कड़ी टक्कर मिल रही. मगर जगन की कल्याणकारी योजनाएं उन्हें बढ़त दिला सकती हैं
उथल-पुथल का दौर
पहले से चले आ रहे अनसुलझे मुद्दों की छाया में चौकोने मुकाबले के लिए तैयार हो रहे पंजाब में दलबदल और अंतर्कलह हुई आम बात
मजबूत किले की पहरेदारी
विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भाजपा अपने गढ़ में मजबूत नजर आ रही है. वहीं, पस्त पड़ चुकी कांग्रेस को भगवा खेमे की किसी ऐसी चूक का इंतजार है, जिसका वह फायदा उठा पाए
गांधी परिवार की साख का सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की लोकसभा सीट रायबरेली से चुनाव लड़ रहे, अमेठी से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा मैदान में. दोनों सीटों पर कांग्रेस को भाजपा से कड़ी चुनौती
दिल जीतने की जीतोड़ कोशिश
पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए उतरे केंद्रीय वाणिज्य मंत्री चुनावी राजनीति के ऊबड़-खाबड़ गली-चौराहे नाप रहे. अपने सहज स्वभाव के साथ सधे अंदाज में वे उत्तर मुंबई संसदीय क्षेत्र के लोगों का मन जीतने की कोशिश में जमकर पसीना बहा रहे
क्या है महिला मतदाताओं की मांग
राजनैतिक दल महिलाओं के लिए उनकी लैंगिक भूमिकाओं पर आधारित योजनाएं लाते हैं और वादे करते हैं. मगर देशभर की महिलाओं ने बताया कि असल में वे किन चीजों की उम्मीद करती हैं-नौकरियां, शिक्षा, विकास. ये वही चीजें हैं जिनकी अपेक्षा पुरुष भी करते हैं