कौशांबी के रहने वाले 35 वर्षीय कृपाशंकर निरंकारी 2011 में एमए करने के बाद शिक्षक बनने का सपना लिए प्रयागराज आ गए थे. यहां सलोरी इलाके में एक कमरा लेकर वे अपने सपने को पूरा करने में जुट गए. कई शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुए लेकिन निराशा ही हाथ लगी. कृपाशंकर ने हार नहीं मानी. पिछले साल उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से अशासकीय महाविद्यालयों में सहायक शिक्षक भर्ती के लिए शुरू हुई प्रक्रिया में आवेदन किया. आवेदन करने के बाद कृपाशंकर जल्द ही भर्ती प्र पूरी होने की आस लगाए बैठे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. कृपाशंकर बताते हैं, "आवेदन की अंतिम तिथि से पांच महीने का समय बीत चुका है लेकिन बोर्ड ने अभी तक परीक्षा तिथि नहीं घोषित की है." उनकी ही तरह अशासकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती-2022 के लिए आवेदन करने वाले 13 लाख से अधिक अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया के आगे बढ़ने की आस में दिन गिन रहे हैं. कुछ अभ्यर्थियों का हौसला भी अब जवाब देने लगा है. उन्होंने प्रयागराज के एलनगंज इलाके में मौजूद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के दफ्तर के बाहर दरी बिछाकर अनवरत धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वे परीक्षा तिथि घोषित करने और बोर्ड से जारी विज्ञापन में शिक्षकों के पदों में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. हालांकि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन वीरेश कुमार का अपना ही दर्द है. वे कहते हैं, "बोर्ड में सदस्यों के सभी 10 पद रिक्त हैं. इसकी जानकारी शासन को दी जा चुकी है. उनकी नियुक्ति के बगैर परीक्षा तिथि की घोषणा नहीं की जा सकती." लेकिन सरकार की तरफ से सदस्यों की तैनाती का कोई प्रयास नहीं शुरू हुआ है और बोर्ड के चेयरमैन का कार्यकाल भी अप्रैल में पूरा हो रहा है.
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