• पिता जांनिसार अख्तर के बारे में
मेरे पिता जांनिसार अख्तर ने मुझसे एक बहुत अच्छी बात कही थी कि बेटा, मुश्किल जबान में लिखना बहुत आसान है पर आसान जबान में लिखना बहुत मुश्किल. आसान जबान में आप तभी लिख सकते हैं जब आपका ख्याल क्लियर हो.
• बेटी जोया अख्तर और बेटे फरहान अख्तर के बारे में
This story is from the January 25, 2023 edition of India Today Hindi.
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रूहानी सफर
आर्टिकल 370 में अहम किरदार निभाने के बाद यामी गौतम अब मां बनने और अपनी अगली रिलीज धूमधाम के बारे में
महायुति में भीतर ही शुरू दो-दो हाथ
सीट बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों घटकों के बीच तनातनी का दौर. क्या ये सहयोगी दल आम चुनाव से पहले समय रहते अपने मतभेदों को सुलटा लेंगे? या फिर एक-दूसरे पर बीस पड़ने की चाहत उनका खेल बिगाड़ेगी?
झीनी होती रेशमी चदरिया और बेपर्दा गरीबी
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बिहार की जिन पांच सीटों पर वोट पड़ने हैं, उनका कोई न कोई रिश्ता रेशम उद्योग से जुड़ा है, मगर लाखों लोगों की उम्मीद रहा यह उद्योग इन दिनों आखिरी सांसें गिन रहा है और हैरत की बात है कि इस चुनावी शोर में इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं दिखता
धोरों की धरती पर अब दूसरे दौर का रोचक रण
दूसरे दौर की 13 में से तीन अहम सीटों पर रोचक हुआ मुकाबला. कहीं निर्दलीय डाल रहा नकेल तो कहीं पार्टी प्रत्याशी ही अड़ंगा
आकाश का प्रभावी आगाज
बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने अपनी जनसभाओं मे अनोखे अंदाज से लोगों का ध्यान खींचा. पहली बार सोशल मीडिया पर सक्रिय दिख रही पार्टी
हिंदुत्व और ग्लैमर की जुगलबंदी
दूसरे चरण के चुनाव में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल और मथुरा सीट पर हेमा मालिनी की चुनावी जंग पर सबकी नजरें
युवा भारत की आवाज
लोकसभा चुनाव 2024 में वोट करने की तैयारी करते वक्त देश के युवाओं का अपनी आकांक्षाओं और उम्मीदों का इजहार
क्यों जेन वी है निर्णायक
विकसित भारत पीढ़ी (जनरेशन वी) वाले 21 करोड़ युवा मतदाता आखिर किस पर अपनी मुहर लगाएंगे? अतीत की तरह युवा इस बार भी चुनावी नतीजों को तय करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं -
नजदीकी मुकाबला
दांव पर केवल एक लोकसभा सीट नहीं है, बल्कि नतीजों से यह भी पता चलेगा कि गोरखाओं में किसका दबदबा सबसे ज्यादा है - बिमल गुरुंग, अनित थापा या फिर अजय एडवर्ड्स का
फिर सूपड़ा साफ करने की तैयारी
गुजरात में भाजपा के अपराजेय होने में मोदी की लोकप्रियता के अलावा सरकार और पार्टी की चुस्त-दुरुस्त मशीनरी का भी योगदान है