वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की जेंडर गैप इंडेक्स यानी लैंगिक अंतर सूचकांक रिपोर्ट में भारत की स्थिति एक बार फिर शर्मनाक और उससे ज्यादा अहम यह कि चिंताजनक है. 2022 की रिपोर्ट में भारत सर्वे में शामिल 146 देशों में तकरीबन सबसे निचली पायदानों में से एक, 135वीं, पर है. इस साल का कुल स्कोर 0.629 है; भारत का लैंगिक अंतर स्कोर न्यूनतम 0.593 से अधिकतम 0.683 के बीच झूलता रहा है, जबकि शीर्ष 10 देशों का स्कोर 0.8 से ज्यादा है. इस सूचकांक में जिस देश का स्कोर एक के जितना पास रहेगा, वहां महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर उतना ही कम माना जाएगा.
यह रिपोर्ट पुरुषों और महिलाओं में लैंगिक अंतर की गणना चार प्रमुख क्षेत्रों में करती है-आर्थिक अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनैतिक सशक्तीकरण. राजनैतिक सशक्तीकरण में तो भारत अच्छी-भली 48वीं पायदान पर है, पर स्वास्थ्य और उत्तरजीविता के मामले में निचले पायदान पर है. डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट महिलाओं के सामाजिक सशक्तीकरण में सुधार और निराशाजनक स्वास्थ्य संकेतकों के बीच उसी अंतर्विरोध पर फिर उंगली रखती है जो इसी साल प्रकाशित पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) उजागर हुआ.
This story is from the August 03, 2022 edition of India Today Hindi.
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