बुलडोजर के औद्योगीकरण से क्या रिश्ते हो सकते हैं? बहुत कुछ, यदि बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर की हो। औद्योगीकरण की समस्या कोई नई नहीं हैं। सरकार दर सरकार इसकी कोशिशें करती रही हैं और उसको लेकर झूठे-सच्चे प्रचार भी करती रही हैं, लेकिन अब हकीकत सामने आ रही है। रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 22-23 में देश के बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने जितनी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, उनमें 16 प्रतिशत से अधिक अकेले उत्तर प्रदेश की हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश में लगाने के लिए मंजूर 57 प्रतिशत परियोजनाएं सिर्फ 5 राज्यों में हैं इनमें उत्तर प्रदेश का नम्बर सबसे उपर है। इसके बाद गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक का नम्बर आता है। यह चमत्कार कैसे हुआ?
वर्ष 2013-14 से वर्ष 2021-21 तक यानि सात वर्ष में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा मंजूर परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी सिर्फ 4 प्रतिशत थी जबकि गुजरात 14 और महाराष्ट्र 13 प्रतिशत के साथ सबसे आगे थे। वर्ष 2021.22 में इन परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़कर 12.8 प्रतिशत हुई। लगातार दो वर्षों में सबसे अधिक परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में लगाने के प्रस्ताव किए गए। वर्ष 2028 तक उत्तर प्रदेश 515 अरब डालर की अर्थ व्यवस्था के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा आर्थिक रूप से सम्पन्न राज्य होगा। यह सब कच्चे माल की उपलब्धता, कुशल श्रमिकों और ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धता, आपूर्ति की स्थिति और बाजार के आकार व उत्पादों की मांग पर निर्भर करता है। एक और महत्वपूर्ण योगदान कानून व्यवस्था की स्थिति का होता है। पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में एक प्रक्रिया अनवरत रूप से चल रही है। सरकारें आती हैं, बड़े धूमधड़ाके के साथ 'नई' औद्योगिक नीति की घोषणा करती हैं। फिर वे चली जाती हैं और जिनके लिए यह नीति बनती है, वे वहीं के वहीं मुंह टापते खड़े रह जाते हैं। फिर इंतजार होने लगता है अगली नई सरकार के आने का और एक और ताजी 'नई' नीति की घोषणा का।
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उनका हर किरदार है अभिनय की पाठशाला
कभी खलनायक तो कभी पुजारी और चर्चित सीरियल 'ऑफिस-ऑफिस' में मुसद्दीलाल न पर्दे पर छाए पंकज कपूर के सभी किरदार अभिनय की पाठशाला हैं। हिन्दी सिनेमा में बहुत कम कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने किरदारों से अभिनय को परिभाषित किया है। उनके किरदारों की पहचान उनके नाम से आगे चलती है।
भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला
हाइब्रिड पिच में मैदान के अंदर की कुदरती टर्फ यानी मैदान की घास के साथ कुछ फीसदी हिस्सा पोलिमर फाइबर का होता है। इससे पिच टिकाऊ रहती है और इस पर एक जैसा उछाल भी मिलता है। इसमें पोलिमर फाइबर का इस्तेमाल पांच फीसदी ही होता है जिससे पिच के नेचुरल गुण बने रहें। यह आमतौर पर बेज या हरे रंग के होते हैं, इन्हें 20-20 मिमी ग्रेड के नियमित पैटर्नमें 90 मिमी की गहराई तक सिला जाता है।
आईपीएल यानि क्रिकेटेनमेंट
फटाफट क्रिकेट आईपीएल में ये पूरी तरह क्रिकेटेनमेंट बन जाता है। बॉलीवुड सितारों की चमक-दमक के साथ तीन घंटे का रोमांच। इस दौरान यह खेल नाटक में तब्दील हो जाता है। एक नया मार्केट प्लेस जिसे 'क्रिकेटेनमेंट' के नाम से जाना जाता है। यहां क्रिकेट बिल्कुल अलग तरीके से खेला जाता है। मजे लेने का अंदाज भी जुदा है। स्टेडियम में बड़ा रंगीन माहौल होता है। हर चौके, छक्के और विकेट पर चीयर लीडर्स डांस करती हैं।
सिविल अधिकारियों की चुनौतियों पर बेबाक चर्चा होनी चाहिए!
सदनों की समिति के भीतर जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए उत्तर अधिकारियों को नागवार लगते हैं। निर्वाचित सरकार द्वारा बनाए गए कार्यक्रमों को पूरा करना सिविल अधिकारियों की जिम्मेदारी है। विकास कार्यों को ठीक से सम्पन्न कराना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है। लेकिन तमाम राज्यों में भिन्न-भिन्न विभागों के लिए निर्धारित बजट का बड़ा भाग उपयोग में ही नहीं आता।
माँ का रिश्ता सबसे अनमोल
अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस (12 मई) पर विशेष
दुनिया की 'कैंसर राजधानी' बनता भारत
महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और डिम्बग्रंथि कैंसर हैं, जबकि पुरुषों में आमतौर पर पाये जाने वाले कैंसर में फेफड़े, मुंह और प्रोस्टेट आदि जैसे कैंसर शामिल हैं। वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत, भारत में सबसे अधिक महिलाओं में कैंसर का निदान किया जाता है। हालांकि भारत में सालाना दस लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं, यहां कैंसर की दर डेनमार्क, आयरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों या अमेरिका से कम है।
छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!
नेताओं ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रति इजराइल का यह डर, पूर्व में ईरानी द्वारा खुले तौर पर इजराइल के विनाश की वकालत करने से सच साबित होता है। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2005 में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी ने खुले रूप से घोषणा किया कि इजराइल को 'मानचित्र से मिटा दिया जाना चाहिए।' इस उत्तेजक बयानबाजी ने इजराइली चिंताओं को बढ़ाया है जो ईरान की परमाणु महत्त्वाकांक्षाओं से उत्पन्न कथित खतरे को रेखांकित करता है।
क्या चीन की गोद में खेल रहे सोनम वांगचुक?
सोनम वांगचुक को जिस मूवी थ्री इडियट्स ने हीरो बनाया, वह मूवी उनकी असली जिंदगी से एक प्रतिशत भी वास्ता नहीं रखती, यह बात खुद सोनम वांगचुक ने दर्जनों बार मीडिया में कबूली है। मूवी में जिस वैज्ञानिक फुन्सुक (सोनम वांगचुक से प्रेरित चरित्र) का किरदार आमिर खान ने निभाया है, वह माली का बेटा है, जबकि सोनम वांगचुक मंत्री के बेटे हैं। उनके पिता सोनम वांग्याल कांग्रेस नेता थे, जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री बने।
बाड़मेर में राष्ट्रीय दलों के खिलाफ युवा जनसैलाब
रवीन्द्र सिंह भाटी को टिकट न देकर बीजेपी ने अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं। अब कांग्रेस को जीत की किरण दिख रही है, लेकिन सर्वे कुछ और बयां कर रहे है। 2024 में राजस्थान की बाड़मेरजैसलमेर सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। शिव विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले रवीन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय पर्चा भरा है। उनके चुनावी मैदान में उतरने से बाड़मेर के समीकरण रोचक हो गए हैं।
नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग
प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव में 19 अप्रैल को बस्तर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से वोट पड़े और मतदान प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है। बस्तर में जहां पहले नक्सली चुनाव के दौरान भय पैदा करने के लिए धमाके करते थे, गांव में बैठक कर लोगों को डराते थे, मगर नक्सलियों का अब यह डर लोगों के दिमाग से निकल चुका है। यह कहा जा सकता है कि बैलेट पेपर अब बारूद पर भारी पड़ रहा है।