फोन की लत एक आम बात बन चुकी है। इस लत और उसके प्रभाव को एक खास शब्द से नवाजा गया है, जो मनोविज्ञान में एक विषय भी बन चुका है। वह शब्द है, फबिंग। फबिंग शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, फोन और स्नबिंग | इसलिए फबिंग का मतलब साफ है, फोन की लत के कारण किसी दूसरे व्यक्ति का अपमान करना। यह अपमान किसी भी तरह से हो सकता है। ऐसा अकसर होता होगा कि आप अपने साथी या बच्चों से कोई बात कह रही होंगी और बजाय आपकी बात पर ध्यान देने के वो या तो फोन में वीडियो गेम खेल रहे होंगे या फिर सोशल मीडिया पर समय बिता रहे होंगे। हो सकता है आप खुद भी ऐसा ही करती हों और जब कोई आपसे कुछ बात करना चाह रहा हो तो अधूरे मन से उसकी बात सुनकर उसकी अनसुनी कर देती हों। लॉकडाउन के बाद से आए बदलावों के बाद यह एक सामान्य व्यवहार बन चुका है। इस बारे में मनोचिकित्सक और रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. भावना बर्मी कहती हैं, 'फबिंग में आमतौर पर कोई जानबूझकर किसी को नजरअंदाज नहीं करता बल्कि यह एक लत की तरह है, जिसमें फोन में व्यस्त रहने वाले व्यक्ति को पता होता है कि वह अपने मन को नजरअंदाज नहीं कर सकता। फबिंग एक लत की तरह है, जिसमें फोन में रहने वाला व्यक्ति अनजाने में ही उससे बात कर रहे व्यक्ति की अनसुनी कर जाता है और इससे बात कर रहे व्यक्ति को अपमान महसूस होता है। ऐसे में फोन इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति को अकसर रूखे स्वभाव वाला, बदतमीज, गैर जिम्मेदार जैसी संज्ञा मिलनी शुरू हो जाती है।'
फबिंग से यूं पाएं निजात
किसी भी समस्या के लिए रोने-पीटने से बेहतर होता है, उससे निजात पाने के तरीकों पर काम करना। हर समस्या का इलाज है। फबिंग का भी। बस आपको उसके लिए जतन करने की जरूरत है:
• घर में कुछ नियम बनाएं। भोजन साथ में करें और उस दौरान फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दें।
• घर में सबके साथ बातें करते वक्त फोन को खुद से दूर रखें या अपने पीछे रखें।
• खुद को चुनौती दें और कुछ घंटों का समय तय करें, जिसमें आप फोन नहीं देखेंगी। धीरे-धीरे करके यह समय बढ़ाती जाएं।
• फोन से सभी तरह के गेम और गैर जरूरी ऐप अनइंस्टॉल कर दें।
This story is from the August 06, 2022 edition of Anokhi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the August 06, 2022 edition of Anokhi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
भिंडी जैसी कोई नहीं!
भिंडी का मौसम आते ही इसके कद्रदानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। स्वाद और सेहत के मामले में इस अनूठी सब्जी को कैसे तरह-तरह से बनाएं, बता रही हैं
दूर भगाएं स्नैक्स से जुड़ा अपराध बोध
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार आहार विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं,
काम समान फिर वेतन क्यों हो कम ?
महिलाओं को हर मामले में अपने समकक्ष पुरुषों की तुलना में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। यह भेदभाव सैलरी के मामले में भी पूरी दुनिया भर में व्याप्त है। कैसे इस खाई को पाटें, बता रही हैं
नेकलेस लगाएंगे लुक में चार-चांद
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि नेकलेस हमारे लुक का एक अहम हिस्सा हैं। पर, कई बार यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा नेकलेस सबसे ज्यादा फबेगा। इस मामले में आउटफिट से लेकर गर्दन के आकार तक का ध्यान रखना चाहिए। अपना नेकलेस कैसे चुनें, बता रही हैं स्वाति शर्मा
निराला है नारियल
आपके हाथों में तो जादू है! एक ऐसा स्वाद, जो भुलाए नहीं भूलता। पर, हम जानते हैं कि वह स्वाद तेल-मसालों के ज्यादा इस्तेमाल से नहीं आता। वह स्वाद आता है, किसी खास सामग्री के इस्तेमाल से । इस कॉलम में बातें होंगी, ऐसी ही सामग्री और उसके इस्तेमाल के बारे में...
आपसे दूर रहेंगे ये काले घेरे
तनाव से लेकर नींद की कमी तक की चुगली आंखों के नीचे नजर आने वाले काले घेरे तुरंत करने लगते हैं। आंखों के नीचे क्यों होते हैं काले घेरे और कैसे इनसे छुटकारा पाएं, बता रही हैं
क्या है समाधान
यह सच है कि सोशल मीडिया की वजह से दुनिया भर की हलचल सिर्फ एक टच स्क्रीन पर मिल जाती है।
आपकी कोशिशों से छूटेगी यह लत
एक अध्ययन के मुताबिक भारत में नौ से 17 आयु वर्ग के 60 प्रतिशत बच्चे हर दिन तीन घंटे से भी ज्यादा वक्त सोशल मीडिया और गेमिंग प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं। इस लत के चक्रव्यूह से अपने बच्चे को कैसे सुरक्षित बाहर निकालें, बता रही हैं
आइए, हाथ उठाएं हम भी
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है ? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी,
कारगर नहीं हैं ये कही-सुनी बातें
बढ़ता वजन आज एक बड़ी समस्या बन चुका है। इसको घटाने के मामले में जानकारी का अभाव और लोगों की कही सुनी बातों के कारण हम सब कुछ भ्रामक बातों पर भरोसा करने लगते हैं। क्या हैं ऐसी भ्रामक बातें, जिनसे आपको वजन घटाने की कोशिशों के दौरान बचना चाहिए, बता रही हैं