सौन्दर्य आपके अन्दर से शुरू होता है। आप क्या खाते हैं, कितनी कसरत करते हैं, कितना आराम करते हैं, इसका आपकी त्वचा की कान्ति और बालों की चमक पर जितना असर होता है, उतना संभवतः किसी और वस्तु का नहीं। इसलिए सुबह की ताजा, स्वच्छ हवा में तीव्रगति से खूब पैदल चलें और जब भी समय व सुविधा हो, प्रतिदिन तैराकी करें। इनसे मांसपेशियां सुडौल होंगी और बदन छरहरा बना रहेगा।
घर पर ही संगीत की ध्वनियों के साथ ऐरोबिक्स भी कर सकती हैं। जब कसरत हो जाए तो ठण्डे पानी में कुछ गुलाब और लैवेण्डर तेल की बूंदें डालकर नहाएं। नहाने के बाद अपने शरीर को किसी खुरदरे तौलिए से रगड़ते जाएं। सप्ताह में एक बार किसी अच्छे उबटन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
संतुलित आहार लेना जरूरी
आहार संतुलित होना चाहिए। उसमें हरी शाक-सब्जियां, फल, गेहूं, चावल, दाल, खुरदरे पदार्थ, जैसे-दलिया, दूध-दही, पनीर सूखे फल, मांस, मछली, अंण्डे का सही संतुलन रहना चाहिए। फलों के साथ अमरूद, सेब इत्यादि फलों का छिलका भी खाएं, और सलाद में मूली, धनिया, पुदीना के पत्ते भी, जो विटामिनों से भरपूर हैं। कच्ची मूली, गाजर, बन्दगोभी, सलाद के पत्ते, पालक में विटामिन और खनिज तत्त्वों की भरमार है। अंकुरित चना और मूंग, सिंघाडे, कमलककड़ी, यह सब आपके सौन्दर्य को बढ़ाएंगे और आप चमकती हुई आंखों, नाखून, बाल और चमचमाते दांत पाएंगे।
पानी पीने की आदत डालें
आठ-दस गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है । इससे हमारी त्वचा का तापमान ठीक रहता है। पानी हमारी हाजमे की शक्ति को बढ़ाता है, और शरीर से बेकार द्रवों को बाहर निकालता है। इसलिए खूब पानी पीने की आदत डालें।
नियमित व्यायाम आवश्यक
अगर चाहें तो जल्दी-जल्दी चलें। यह आपके रक्तसंचार और हृदय की गति को ठीक करता है। तेज चाल न भी चलें तो भी पैदल चलना आपके हित में है। घूमना ज्यादा आसान भी है और खुशगवार भी। इससे आप मांसपेशियों के अनावश्यक खिंचाव से भी बच सकेंगी और आसपास के प्राकृतिक सौन्दर्य को भी हार सकेंगी, जिससे आपका मन भी प्रसन्न रहेगा।
This story is from the March 2023 edition of Sadhana Path.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the March 2023 edition of Sadhana Path.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
उत्साह एवं उमंग का त्यौहार बैसारवी
बैसारवी के दिन पंज प्यारों का रूप धारण कर इनका स्मरण किया जाता है। इस दिन पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा और गिद्दा किया जाता है। उत्तर भारत में बैसारवी को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।
धर्म-कर्म और उनका वैज्ञानिक महत्व
पूजा और धर्म-कर्म से जुड़े जिन नियमों का पालन आप हमेशा से करते आ रहे हैं, क्या आप उनका असल अभिप्राय जानते हैं?
हनुमान साधना के अद्भुत चमत्कार
रामभक्त श्री हनुमान को कलियुग में प्रत्यक्ष देव माना जाता है। श्री राम के आशीर्वाद के फलस्वरूप राम से अधिक हनुमान की पूजा जन सामान्य में प्रचलित है। हनुमान जी रुद्र के ग्यारहवें अवतार हैं, इसीलिए तंत्रोपासना में भी इन्हें उतना ही महत्त्व प्राप्त है, जितना कि वैष्णव परंपरा में। प्रभु हनुमान का आराधक दूसरों द्वारा किए गए तंत्र प्रयोगों के सहज रूप से अछूता रहता है।
सूर्यग्रहण एवं इससे जुड़ी सावधानियां
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूर्ण या आंशिक रूप से एक रेखा में आ जाते हैं। वे संरेखित होकर एक अनोखा व रोमांचक दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो पृथ्वी वासियों के लिए अत्यंत कौतूहल का विषय बन जाती है।
किशोरों के जीवन में हस्तक्षेप की सीमारेखा अनिवार्य है
यदि हम बच्चों पर अपनी पसंद थोप देंगे तो इसकी संभावना अधिक है कि वे अपने दोस्तों के बीच में उपहास के पात्र बन जाएं। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है जो हर तरह से उनकी उन्नति में बाधक होगा।
सुहागिनों का लोक पर्व गणगौर
होली के दूसरे दिन से ही गणगौर का त्यौहार आरंभ हो जाता है जो पूरे सोलह दिन तक लगातार चलता रहता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वती जी को तथा पार्वती जी ने समस्त स्त्री समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। सुहागिनें व्रत धारण करने से पहले रेणुका (मिट्टी) की गौरी की स्थापना करती हैं एवं उनका पूजन करती हैं।
चैत्र नवरात्रि पर भगवान श्रीराम की पूजा का क्या है महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी कहते हैं और मानते हैं इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था इसीलिए यह पर्व रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आंखों का दुश्मन ग्लूकोमा
ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है, जो आंख के अंदर के द्वव्य का दबाव बढ़ने से होता है । इलाज न करवाने पर इंसान अंधा भी हो सकता है।
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की । इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
गर्भावस्था के दौरान दांतों का रखें ऐसे ख्याल
गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में दांतों की ख़ास देखभाल की जरूरत होती है।