पहले जमाने के संयुक्त परिवारों में घर में बुजुर्ग व अनुभवी महिलाएं हुआ करती थीं, जो प घर-गृहस्थी की व्यवस्था ठीक से संभालने के साथ नयी पीढ़ी को खूब मार्गदर्शन भी दिया करती थीं। बच्चे का जन्म, छोटी-मोटी बीमारियां, पूजा-पाठ, रीति-रिवाज की पूरी जानकारी इनके पास हुआ करती थी। लेकिन अब स्थिति अलग है। आजकल बड़े शहरों में बहुत से कपल्स परिवार से दूर रहते हैं, जिस वजह से उन्हें कई स्थितियों का सामना अकेले ही करना पड़ता है, प्रेगनेंसी इनमें से एक है। अकेले रहने वाले कपल्स के मन में प्रेगनेंसी से जुड़े कई सवाल और डर होते हैं, डिलीवरी के समय होने वाले दर्द, बच्चे की देखभाल के बारे में बताने वाला कोई नहीं होता। लेकिन इस जरूरत ने भी एक नए तरह के अवसर को जन्म दिया है। आजकल कई छोटे-बड़े हॉस्पिटल्स में ऐसे एक्सपर्ट्स मौजूद हैं, जो गर्भवती महिलओं को ना सिर्फ बेबी बर्थ के लिए तैयार करती हैं, बल्कि उन्हें बेबी केअर का तरीका भी सिखाते हैं।
क्या है लमाज क्लास
लमाज एक्सपर्ट डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव का कहना है, "लमाज एक अमेरिकी संस्था है, जो कई सालों से कपल्स को बेबी बर्थ के लिए तैयार करती हैं। शुरू में कहा जाता था कि ये क्लासेज लेबर पेन को हैंडल करने में मदद करेंगी, लेकिन धीरे-धीरे इसके करिकुलम को विस्तार दे कर इसमें कई चीजें शामिल की गयीं, जैसे कि लेबर पेन को समझना, उस स्थिति को घर में कैसे हैंडल किया जाए, हॉस्पिटल जाने से पहले कितना इंतजार करना है, बेबी को कैसे फीड करवाना है, उसका ध्यान कैसे रखना है, डॉक्टर से क्या पूछना है आदि। इन क्लासेज में नयी रिसर्च पर आधारित जानकारी दे कर कपल्स को शिक्षित किया जाता है। यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि डबलूएचओ के अनुसार 80-85 प्रतिशत डिलीवरी नॉर्मल होनी चाहिए। इसमें डॉक्टर के साथ प्रगनेंट महिला की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर किसी महिला को यह जानकारी होगी कि लेबर पेन बहुत नॉर्मल है और इस स्थिति में उसे पैनिक नहीं करना है, तो नॉर्मल डिलीवरी के चांसेज बढ़ सकते हैं। यही सब बातें लमाज क्लासेज में सिखायी जाती हैं।"
Bu hikaye Vanitha Hindi dergisinin May 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Vanitha Hindi dergisinin May 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
प्रियंका चोपड़ा-जोनस - मेरी दुनिया है मां
प्रियंका चोपड़ा अब खुद एक बच्ची की मां बन चुकी हैं। पापा की लाड़ली प्रियंका मां को अपनी पूरी दुनिया मानती हैं।
केले के फायदेमंद छिलके
केला खाने के बाद उसके छिलकों को ना फेंकें । छिलकों को कई तरह से इस्तेमाल करें।
Summer Cool Decor Ideas
कुछ सिंपल होम डेकोर टिप्स की मदद से इस सीजन में अपने घर को रख सकते हैं ठंडा और सुकून भरा। इसके लिए चाहिए बस थोड़ी सी मेहनत और कुछ बदलाव
मीनाक्षी शेषाद्रि मैं सरप्राइज करने आयी हूं
मीनाक्षी शेषाद्रि ने 1983 में अपनी डेब्यू फिल्म पेंटर बाबू से लोकप्रियता हासिल की, लेकिन इसी वर्ष आई हीरो ने उन्हें और जैकी श्राफ को स्टारडम दिया। इन फिल्मों के 40 वर्ष पूरे होने पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश-
डिलीवरी में मदद करेगी लमाज क्लास
डिलीवरी को ले कर प्रेगनेंट कपल के मन में बहुत से डर होते हैं, इन्हें दूर करने व डिलीवरी को आसान बनाने के लिए एक्सपर्ट्स करवा रहे हैं लमाज व एंटी नेटल क्लासेज, एक जानकारी-
जनाब! यह आम नहीं खास है
आम हर दिल अजीज है। गरमियों की इस खुशबूदार सौगात के बारे में आप क्या जानते हैं? हम जिसे आम कहते हैं, वह आम नहीं, खास है। क्यों, बता रही हैं वनिता की कुकरी एक्सपर्ट प्रीता माथुर -
कहीं आप पार्टी स्पॉइलर तो नहीं
पार्टी का मजा तभी है, जब सब इसे एंजॉय करें, इसलिए कोई ऐसी हरकत ना करें, जिससे सबका मूड खराब हो!
नाखुश हैं क्या...
हर किसी को अपनी जिंदगी से कुछ अपेक्षाएं होती हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए तो अप्रैल-मई का समय कुछ खास होता है, क्योंकि ज्यादातर कंपनियों में ये अप्रेजल मंथ होते हैं।
अवंतिका चौधरी - चुनौतियों के बीच ही छिपा होता है अवसर
तीन-चार लोगों के साथ शुरू हुआ था उनके व्यवसाय का सफर। कुछ अपनी बचत की गयी पूंजी थी, बाकी दोस्तों से मदद मिली। पूंजी के अलावा उन्होंने समय एवं नॉलेज का भी निवेश किया। इस तरह, लखनऊ की मूल निवासी अवंतिका चौधरी ने फूड के लिए अपने पैशन को जीते देहरादून में 'माया कैफे' की नींव रखी। उनके सामने जो बाधाएं आयीं, उन्हें स्वीकार करके आगे बढ़ीं और आखिर में अपने लक्ष्य को हासिल कर दिखाया। बिजनेस में आने वाली महिलाओं को माया कैफे की सह-संस्थापक एवं हेड शेफ अवंतिका कहना चाहती हैं कि वे खुद पर विश्वास रखें। अपनी क्षमताओं को पहचानें। जो भी विजन या काम है, उसके प्रति ईमानदार रहें। चुनौतियों में ही अवसर छिपा होता है।
पास आओ ना
कई बार स्त्रियां चाह कर भी सेक्स के लिए मूड नहीं बना पातीं। आखिर ऐसी कौन सी परेशानियां हैं, जिनका महिलाएं सामना कर रही हैं। जानिए एक्सपर्ट की सलाह-