भारतीय त्योहार हमें संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता की एक चमकदार झलक दिखाते हैं, जो कि नियमित अंतराल पर होते हैं और जीवन की एकरसता को तोड़ने में मदद करते हैं। ये आपको जीवन की छोटी और बड़ी चीजों का जश्न मनाने का मौका देते हैं और समुदायों में शांति एवं आनंद के वाहक बनते हैं।
बैसाखी पर्व भी ऐसे ही आनंद से भर देने वाला त्योहार है। बैसाखी पर्व उतर भारत में वैशाख महीने की पहली तारीख यानी 13 या 14 अप्रैल को बड़ी धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। बैसाखी मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाई जाती है, जो कि मूलतः कृषि आधारित राज्य हैं। इस त्योहार को सिख नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। यह कई अन्य राज्यों में भी यह नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इसे बंगाल में पोइला बैसाख, असम में बिहू, तमिलनाडु में पुथांडु, केरल में विशु और बिहार में सत्तू संक्रांति नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं, जरूरतमंदों के बीच प्रसाद वितरित करते हैं, विभिन्न अनुष्ठान एवं पूजा-पाठ करते हैं और गीत-संगीत एवं भांगड़ा पर थिरककर इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। बैसाखी का यह पर्व इसलिए भी भारतीय परिवारों में खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन कई पारंपरिक व्यंजन और तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयां तैयार की जाती हैं, जिनको पूरा परिवार साथ मिलकर खाता है।
This story is from the April 12, 2024 edition of Rupayan.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the April 12, 2024 edition of Rupayan.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
गड़बड़ हुई तो लुक बिगाड़ देगा
घर के कोने-कोने को हम अपनी पसंद से सजाना चाहते हैं, लेकिन गलत फर्नीचर का चुनाव आपके घर की शोभा को बिगाड़ सकता है। साथ ही आपको भी परेशान में डाल सकता है।
आपकी है यह पहली नौकरी?
पढ़ाई के बाद पहली नौकरी में खुद को सिर्फ कार्यकुशल साबित करने की चुनौती नहीं होती, बल्कि व्यवहार कुशलता भी बहुत जरूरी है।
बड़ी बहू की बात निराली
ससुराल में बड़ी बहू को कभी भाभी, कभी बड़ी बेटी तो कभी बड़ी बहन की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। जिम्मेदारी के साथ-साथ ये सभी अहसास भरे रिश्ते भी हैं।
गर्मी है तो रहे आप तो कुछ नया करें
गर्मी की छुट्टियां आ रही हैं। अब कुछ दिन घर पर ही रहेंगे बच्चे। ऐसे में आप उन्हें कुछ नया करने, नया सोचने या फिर किसी नई जगह पर जाकर कुछ मनपसंद चीजें देखने का अवसर दे सकती हैं। इसमें उनकी मस्ती भी होगी और कुछ नई सीख भी मिलेगी।
जैसा आपको हो पसंद
किसी को पतला चेहरा पसंद होता है तो किसी को चब्बी यानी फैटी फेस। लेकिन जैसा आप चाहती हैं, अपने चेहरे को मेकअप से वैसा दिखा सकती हैं।
अभी नहीं तो फिर कब?
आजकल हर कोई मोटापे की समस्या से जूझ रहा है और वजन को कम करना चाहता है। जानकार कहते हैं कि गर्मियों का मौसम वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा होता है।
उसे जानने दें बॉडी हाइजीन हैबिट्स
माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों में साफ-सफाई की अच्छी आदतें डालें, क्योंकि ये उनकी सेहत और लाइफस्टाइल, दोनों से जुड़ी हैं।
हाइड्रेटिंग फ्रूट सोच-समझकर
भीषण गर्मी और लू से बचने के लिए हाइड्रेटिंग फलों का सेवन बेहद लाभकारी होता है, लेकिन अगर ज्यादा ले रहे हों तो फिर डॉक्टर से पूछें।
गरम मौसम में कूल-कूल
आप अपने आउटफिट को लेकर परेशान हैं कि क्या पहनें, जो फैशनेबल भी हो और आपको तपती गर्मी में ठंडक का अहसास भी कराए। ऐसे में आपको उन रंगों और फैब्रिक के बारे में पता होना चाहिए, जो आपको गरमी में ठंडक महसूस कराएं।
पूछकर तो देखें
शादी जीवन भर निभाए जाने वाला रिश्ता है। इसमें परेशानियां भी आती हैं। लेकिन शादी से पहले आपने कितने सवाल पूछे और आपसे कुछ पूछा गया या नहीं?