अजमेर जिले का केकड़ी उपखंड. यहां ब्यावर रोड देवगांव गेट के बाहर स्थित दीदार नाथ आश्रम में पूर्णिमा होने की वजह से श्रद्धालुओं की काफी से भीड़ थी. इसी भीड़ में अशोक मीणा भी था. अशोक मीणा शिक्षक था. वह धार्मिक प्रवृत्ति का इंसान था. वह बगैर नागा किए दीदार नाथ आश्रम में आता था. यहां पूजाअर्चना करता, कुछ वक्त बड़े चबूतरे पर बैठ कर ध्यान लगाता और फिर परिवार के सुख की कामना करते हुए अपने घर लौट आता.
रोज की भांति दीदार नाथ आश्रम में आने के बाद अशोक मीणा ने देवस्थल में पूजा की. वह चबूतरे पर आ कर ध्यान लगाने के लिए अभी बैठा ही था कि भगवा धोतीकुरता पहने एक व्यक्ति ने उस के हाथ में बताशों का प्रसाद दे कर बहुत कोमल स्वर मे कहा, “अशोक मीणा, यह आखिरी 2 बताशे तुम्हारे ही भाग्य के बचे थे. इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लो."
अशोक मीणा ने उस व्यक्ति को हैरानी से देखा. गोरे रंग के उस व्यक्ति की उम्र 50-55 के आसपास थी. उस के सिर के बीच के बाल उड़ चुके थे. माथे पर लाल चंदन का तिलक लगा हुआ था. उस के चेहरे पर अनोखा तेज था. अशोक मीणा इस बात पर हैरान था कि वह व्यक्ति उस का नाम जानता था, कैसे ? यही जिज्ञासा लिए अशोक ने पूछ लिया, "मैं आप से पहले कभी नहीं मिला हूं, फिर आप मेरा नाम कैसे जानते हैं?"
"मैं तुम्हारे बारे में और भी बहुत कुछ जानता हूं अशोक," वह व्यक्ति मुसकरा कर बोला, "तुम यहां सरकारी स्कूल में टीचर हो. यह बताओ, क्या मैं ने गलत कहा है?"
अशोक मीणा अपने बारे में यह सब सुन कर उस व्यक्ति का चेहरा देखने लगा. कुछ क्षणों तक वह कुछ बोल नहीं पाया, फिर खुद को संयत करते हुए उस ने पूछा, “आप कौन हैं, अपना परिचय देंगे मुझे?"
“मेरा नाम जयप्रकाश है. पंडित हूं इसलिए अपने नाम के पीछे शर्मा लगाता हूं. तुम मुझे पंडितजी कह सकते हो."
"आप बहुत पहुंचे हुए व्यक्ति हैं पंडितजी... मैं सौभाग्यशाली हूं, जो मुझे आप के दर्शन हुए हैं." अशोक मीणा ने बहुत आदर भाव से कहा.
पंडित जयप्रकाश मुसकराया, "खुद को सौभाग्यशाली यूं भी समझ सकते हो अशोक कि मैं तुम से टकरा गया हूं. मैं तुम्हारे मस्तिष्क की रेखाएं पढ़ रहा हूं. तुम्हारा भविष्य इन्हीं रेखाओं में छिपा हुआ है, जिसे मैं अपनी दिव्य दृष्टि से साफसाफ देख रहा हूं."
This story is from the March 2023 edition of Satyakatha.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the March 2023 edition of Satyakatha.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 8,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
बाल्टी में लाश
बेटी होने के 10 साल बाद शोभा ने एक बेटे को जन्म दिया तो घर में खुशियां फैल गईं. लेकिन जब 7 महीने बाद उस बच्चे की बाल्टी में लाश मिली तो घर में हड़कंप मच गया. आखिर किस ने और क्यों की थी उस मासूम की हत्या?
दुनिया के 7 प्राकृतिक अजूबे
दुनिया में एक से बढ़कर एक खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं. यहां उन्हीं में सात नजारों वाली जगहों के बारे में जानकारी दी गई है, जिसे निहारने की इच्छा हर किसी की होगी. इन की खास खूबी है कि ये मानव रहित नजारे हैं.
यूक्रेन रूस जंग में बना अनाथों का गांव
यूक्रेन और रूस के बीच हो रही जंग में एक गांव में अनाथों की संख्या चिंता का कारण बन गई है. उत्तरपूर्वी यूक्रेन के हिरोजा में कई परिवार हैं, जहां कई किशोर उम्र के बच्चों के मातापिता और दादादादी की मिसाइल हमले में मौत हो चुकी है.
"मेवाड़ का कश्मीर' है गोरम घाट
राजस्थान को गर्म प्रदेश के तौर पर जाना जाता है, लेकिन वहां की कुछ जगहों पर सैलानी घूमते हुए ठंडे प्रदेश कश्मीर जैसे आनंद का अनुभव करते हैं.
दिल्ली में पहली बार दिखे ऐसे प्रवासी परिंदे
राजधानी दिल्ली के कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क में पहली बार प्रवासी परिंदों का आगमन देखा गया. यहां प्राकृतिक तरीके से नाले के पानी को साल 2022 में साफ करने का काम किया गया था. इस का असर प्रवासी पक्षियों के आगमन पर दिख रहा है. इस के लिए पार्क में कुल 11 वेटलैंड तैयार की योजना है, जिस में से 2 तैयार हो गए हैं.
जैगुआर का अनोखा प्यार
पिछले दिनों हिरण के साथ मांसाहारी जानवर जैगुआर की एक तसवीर इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गई. तसवीर में जैगुआर हिरण पर प्यार लुटाता नजर आ रहा था.
दिलरुबा ने ली प्रेमी की जान
शादीशुदा होते हुए भी 26 वर्षीया सविता आदिवासी के 28 वर्षीय तुलसीराम प्रजापति के साथ अवैध बन गए थे. फिर बाद में इन दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ कि सविता अपने ही प्रेमी की कातिल बन गई?
आखिर कौन है 'शैतान' की जानकी बोदोबाला
अजय देवगन और आर माधवन की चर्चा फिल्म 'शैतान' को लेकर खूब हो रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस में अजय देवगन की बेटी का किरदार किस ने निभाया है? उस के जानदार अभिनय की भी उतनी ही तारीफ हो रही है, जितनी अजय और माधवन की.
आशिक बना कातिल
22 वर्षीया जोया उर्फ शहजादी 5 बच्चों के पिता अजरुद्दीन को इतना प्यार करती थी कि वह उस से निकाह करने को राजी हो गई. अजरुद्दीन ने भी अपनी सारी जमीन जायदाद प्रेमिका पर न्यौछावर कर के पत्नी जीनत को तलाक दे दिया. इस के बाद ऐसा क्या हुआ कि प्रेमिका जोया को दिलोजान से चाहने वाला अजरूद्दीन ही उस का कातिल बन गया?
विनोद उपाध्याय एक थप्पड़ ने बनाया गैंगस्टर
एक साधारण से युवक विनोद उपाध्याय के गाल पर एक कुख्यात गैंगस्टर ने ऐसा थप्पड़ जड़ा था कि विनोद खुद अपराध के रास्ते पर उतर आया. बाद में विनोद का आम लोगों में ही नहीं, स्थानीय पुलिस में भी खौफ रहने लगा. विनोद को थप्पड़ मारने वाला वह गैंगस्टर कौन था और उस ने ऐसा क्यों किया?